बुधवार, 6 नवंबर 2019

भीलवाड़ा/जालोर आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड से जुड़े सिराेही के 14 अधिकारियों अाैर कर्मचारियाें के खिलाफ मुकदमे दर्ज

भीलवाड़ा/जालोर   आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड से जुड़े सिराेही के 14 अधिकारियों अाैर कर्मचारियाें के खिलाफ मुकदमे दर्ज 


नाै हजार कराेड़ रुपए से ज्यादा के घाेटाले में फंसी आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड से जुड़े सिराेही के 14 अधिकारियों अाैर कर्मचारियाें के खिलाफ शहर के सुभाषनगर थाने में 17 अलग-अलग एफअाईअार दर्ज हुई है। आरोप है कि साेसायटी में बचत खाताें अाैर एफडी के जरिये निवेश करवाए गए करीब एक कराेड़ रुपए की ठगी की गई है।
सुभाषनगर सीअाई नवनीत व्यास ने बताया कि 17 निवेशकाें ने कोर्ट में इस्तगासे पेश किए थे। इसमें सुभाषनगर थानांतर्गत अारके काॅलाेनी के सुदर्शन देव साेलंकी, कृष्णकुमार विजयवर्गीय, अारसी व्यास काॅलाेनी के दिनेशचंद्र अार्य, महिला आश्रम रोड निवासी शकुंतला मेहता, संजय कॉलोनी के हरिराम, विजयसिंह पथिक नगर के बाबूलाल प्रजापत, माेतीनगर ई सेक्टर के सत्येन्द्र कुमार अाैर अलाउद्दीन समेत 17 निवेशकाें ने अारके काॅलाेनी में स्थित अादर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी शाखा में जमा करवाए गए लाखाें रुपए अाैर ब्याज की राशि के गबन के आरोप लगाए।
पुलिस के अनुसार निवेशकाें ने सिराेही स्थित पैलेस राेड अादर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े मुकेश माेदी, राहुल माेदी, दमयंती भंडारी, वैभव लाेढ़ा, समीर माेदी, राेहित माेदी, वीरेन्द्र माेदी, कमलेश चाैधरी, ईश्वर सिंह, प्रियंका माेदी, ललिता राजपुराेहित, भारत माेदी, भारत दास अाैर विवेक पुराेहित के खिलाफ मामले दर्ज करवाए हैं। निवेशकाें ने अाराेप लगाया कि घाेटाले में लिप्त अाराेपियाें ने उनकी खून-पसीने की कमाई से अपने रिश्तेदाराें अाैर परिचिताें काे जमकर फायदा पहुंचाया। राशि काे रियल एस्टेट अाैर शेयर बाजार में लगा दिया। बिना किसी उचित प्रक्रिया के शैल कंपनियां बनाकर कराेड़ाें रुपए के माेरगेज लाेन बांट दिए।
घाेटाले का पता चला ताे सकते में अाए निवेशक
बताया कि उन्हें जून 2018 में साेसायटी के संस्थापक-संचालक मुकेश माेदी, राहुल माेदी के खिलाफ नाै हजार कराेड़ रुपए के घाेटाले का पता चला ताे वे सकते में अा गए। उन्हाेंने अारके काॅलाेनी में स्थित अादर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी शाखा में संपर्क किया ताे अधिकारी-कर्मचारी कहते थे कि अागे से 10-15 दिन में फंड अाने पर उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा। बार-बार चक्कर काटने के बावजूद टालमटाेल किया जाता रहा।

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