इंदौर.हनी ट्रैप / महिलाओं ने बताए गैंग में शामिल कुछ और युवतियों के नाम, बिना जांच पुलिस नहीं बनाएगी आरोपी
इंदौर. हनी ट्रैप गैंग ने कुछ और साथियों की जानकारी दी है, लेकिन पुलिस उनकी पूरी तस्दीक करने के बाद ही आरोपी बनाएगी। अभी जिन लोगों के नाम-पते सामने आए हैं, उनको ट्रेस किया जा रहा है और पुख्ता सबूत जुटाए जाएंगे। कई बार आरोपी गलत नाम बता देते हैं इसलिए जांच के बाद ही स्थिति साफ होगी। पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि गैंग में पर्दे के पीछे कौन है।
उधर, शनिवार को एसएसपी और एसपी ने महिला थाने पहुंचकर आरती और मोनिका से पूछताछ की, लेकिन निगम इंजीनियर हरभजन सिंह के अलावा किसी भी नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है। दो दिन से रिमांड पर आई दोनों श्वेता जैन और बरखा साेनी से एटीएस पूछताछ कर रही थी तो कोई भी अफसर वहां नहीं जा रहा था। जैसे ही तीनों जेल गईं तो महिला थाने पर लगी पाबंदियां हटा लीं। एटीएस भी दोनों श्वेता और बरखा पर टारगेट कर रही है, क्योंकि उनसे अहम जानकारियां मिली है।
क्राइम ब्रांच छतरपुर पहुंची, आरती के परिजन गायब
इस बीच इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम आरती दयाल की जानकारी जुटाने छतरपुर पहुंची। आरती की गिरफ्तारी के बाद से ही उसका परिवार लापता है। उधर, आरती और मोनिका का रविवार को रिमांड खत्म हो रहा है। पुलिस को हरभजन के मामले में जितनी पूछताछ करना थी, वह सब की जा चुकी है। अब पुलिस सिर्फ औपचारिकता के नाते रिमांड मांगेगी।
मोबाइल रातभर चालू रखा, ताकि संपर्कों का पता चले
तीनों को भोपाल से पकड़ा था तो श्वेता विजय जैन का मोबाइल चालू था। उसका मोबाइल अगले दिन सुबह 9 बजे बाद बंद हुआ। अफसरों का कहना है हम जांच रहे थे कि उसे कितने फोन आते हैं। कुछ फोन की जानकारी खंगाली भी जा रही है। उधर, पुलिस जब तीनों को भोपाल से इंदौर लेकर आई तो विजयनगर के बाद गाड़ी का रूट बदल लिया था। उसे पाटनीपुरा होते हुए टर्न कर महिला थाने लाया गया था। पुलिस को पता चला था कि एक कार उनका पीछा कर रही है।
जिला जेल की अलग-अलग बैरक में रखा तीनों महिला आरोपियों को
लग्जरी लाइफ जीने वाली श्वेता जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी को शुक्रवार रात जिला जेल की अलग-अलग बैरकों में भेज दिया गया। सुबह भी वे आपस में बात नहीं कर पाईं। जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी के अनुसार तीनों को बता दिया है कि यहां रौब नहीं चलेगा। शनिवार को उनके सारे कागजात बनाए गए, जिसके चलते किसी को भी मिलने की परमिशन नहीं दी गई थी। किसी के भी परिजन ने जेल में मुलाकात के लिए वक्त नहीं मांगा है।
पूर्व गृह मंत्री बोले- मैं श्वेता जैन को नहीं जानता, सीबीआई जांच हो
शनिवार को इंदौर आए पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह से मीडिया ने जब पूछा कि सागर के किसी नेता का नाम भी मामले में आ रहा है। क्या आरोपी श्वेता जैन कभी आपके संपर्क में रही। इस पर उन्होंने कहा कि मैं श्वेता जैन काे नहीं जानता। मेरा सरकार से कहना है कि सीबीआई जांच हो और हर वह नाम सार्वजनिक किया जाए जो सीधे मामले से जुड़ा है। वहीं, गिरफ्तारी के बाद तत्काल जमानत के लिए श्वेता पति स्वप्निल की ओर से अमरसिंह राठौर व श्वेता पति विजय की ओर से धर्मेंद्र गुर्जर ने जमानत अर्जी दायर की। इस पर सुनवाई सोमवार को होगी।
इंदौर. हनी ट्रैप गैंग ने कुछ और साथियों की जानकारी दी है, लेकिन पुलिस उनकी पूरी तस्दीक करने के बाद ही आरोपी बनाएगी। अभी जिन लोगों के नाम-पते सामने आए हैं, उनको ट्रेस किया जा रहा है और पुख्ता सबूत जुटाए जाएंगे। कई बार आरोपी गलत नाम बता देते हैं इसलिए जांच के बाद ही स्थिति साफ होगी। पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि गैंग में पर्दे के पीछे कौन है।
उधर, शनिवार को एसएसपी और एसपी ने महिला थाने पहुंचकर आरती और मोनिका से पूछताछ की, लेकिन निगम इंजीनियर हरभजन सिंह के अलावा किसी भी नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है। दो दिन से रिमांड पर आई दोनों श्वेता जैन और बरखा साेनी से एटीएस पूछताछ कर रही थी तो कोई भी अफसर वहां नहीं जा रहा था। जैसे ही तीनों जेल गईं तो महिला थाने पर लगी पाबंदियां हटा लीं। एटीएस भी दोनों श्वेता और बरखा पर टारगेट कर रही है, क्योंकि उनसे अहम जानकारियां मिली है।
क्राइम ब्रांच छतरपुर पहुंची, आरती के परिजन गायब
इस बीच इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम आरती दयाल की जानकारी जुटाने छतरपुर पहुंची। आरती की गिरफ्तारी के बाद से ही उसका परिवार लापता है। उधर, आरती और मोनिका का रविवार को रिमांड खत्म हो रहा है। पुलिस को हरभजन के मामले में जितनी पूछताछ करना थी, वह सब की जा चुकी है। अब पुलिस सिर्फ औपचारिकता के नाते रिमांड मांगेगी।
मोबाइल रातभर चालू रखा, ताकि संपर्कों का पता चले
तीनों को भोपाल से पकड़ा था तो श्वेता विजय जैन का मोबाइल चालू था। उसका मोबाइल अगले दिन सुबह 9 बजे बाद बंद हुआ। अफसरों का कहना है हम जांच रहे थे कि उसे कितने फोन आते हैं। कुछ फोन की जानकारी खंगाली भी जा रही है। उधर, पुलिस जब तीनों को भोपाल से इंदौर लेकर आई तो विजयनगर के बाद गाड़ी का रूट बदल लिया था। उसे पाटनीपुरा होते हुए टर्न कर महिला थाने लाया गया था। पुलिस को पता चला था कि एक कार उनका पीछा कर रही है।
जिला जेल की अलग-अलग बैरक में रखा तीनों महिला आरोपियों को
लग्जरी लाइफ जीने वाली श्वेता जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी को शुक्रवार रात जिला जेल की अलग-अलग बैरकों में भेज दिया गया। सुबह भी वे आपस में बात नहीं कर पाईं। जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी के अनुसार तीनों को बता दिया है कि यहां रौब नहीं चलेगा। शनिवार को उनके सारे कागजात बनाए गए, जिसके चलते किसी को भी मिलने की परमिशन नहीं दी गई थी। किसी के भी परिजन ने जेल में मुलाकात के लिए वक्त नहीं मांगा है।
पूर्व गृह मंत्री बोले- मैं श्वेता जैन को नहीं जानता, सीबीआई जांच हो
शनिवार को इंदौर आए पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह से मीडिया ने जब पूछा कि सागर के किसी नेता का नाम भी मामले में आ रहा है। क्या आरोपी श्वेता जैन कभी आपके संपर्क में रही। इस पर उन्होंने कहा कि मैं श्वेता जैन काे नहीं जानता। मेरा सरकार से कहना है कि सीबीआई जांच हो और हर वह नाम सार्वजनिक किया जाए जो सीधे मामले से जुड़ा है। वहीं, गिरफ्तारी के बाद तत्काल जमानत के लिए श्वेता पति स्वप्निल की ओर से अमरसिंह राठौर व श्वेता पति विजय की ओर से धर्मेंद्र गुर्जर ने जमानत अर्जी दायर की। इस पर सुनवाई सोमवार को होगी।
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