जैसलमेर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में जमकर अनियमितताएं ,जाँच कमिटी गठित, लाभार्थियों का होगा भौतिक सत्यापन
चन्दन सिंह भाटी
जैसलमेर महिला बल विकास विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में तीनो ब्लॉक में जमकर अनियमितताएं की गयी ,अनियमितताए सामने आने के बाद दो सी डी पी ो स्थानांतरण करा रातो रत रिलीव हो गए ,अब जब मामला जिला प्रशासन के ध्यान में आया तो जाँच कमिटी बिठाकर शेष भुगतान को रुकवा दिया
सूत्रानुसार महिला बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवतियों को पौष्टिक आहार के लिए सीधे उनके खाते में उक्त सहायता प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन दोनों योजनाओं से पहली बार गर्भवती होने वाली ग्रामीण महिला के खाते में कुल 6400 रुपये व शहरी गर्भवती के खाते में कुल 6000 रुपये देने थे ।
इन योजनाओ का लाभ लेने के लिए अपने नजदीक बाल विकास परियोजना अधिकारी को गर्भवतियों को अपना आधार व खाता नंबर देना होता हे ।इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा मुख्य उद्देश्य था । योजना की लाभ राशि DBT के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेजने का प्रावधान हैं ।
मगर इस योजना में सी डी पी ो जैसलमेर ,सम सांकड़ा ने जमकर दुरूपयोग कर पचपन साल से अधिक उम्र की महिलाओं को भुगतान करवा दिया ,इन अधिकारियो ने डमी आवेदन करवा कर सरकारी राशि उठा ली , सूत्रानुसार तीनो ब्लॉक्स में अपात्र महिलाओं को लाभ दिलाया गया ,सम में करीब २३ लाख और सांकड़ा में करीब छबीस लाख का भुगतान संदेह के घेरे में आ गया ,सूत्रानुसार नियमो को दरकिनार कर प्रथम बार गर्भवती मनीलाओ की बजाय पचपन साठ साल की उम्र की महिलाओ को भुगतान करा सरकार को लाखो रूपये की चपत लगवा दी ,सूत्रानुसार सांकड़ा सी डीपी ओ ने तो अपने क्षेत्राधिकार से बाहर के क्षेत्र जोगा गांव पंचायत समिति सम की महिलाओ को इस योजना का भुगतान कर दिया ,ऐसे कई मामले सामने आये हैं , इधर मामला प्रकाश में आते ही जैसलमेर सी डी पी ओ ने अपना स्थानांतरण करवा लिया ,स्थानांतरण आदेश के साथ हाथो हाथ रिलीव हो गया ,मामले की जानकारी उप निदेशक महिला बल विकास विभाग राजेंद्र चौधरी को मिली तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन करने और भुगतान की हर पहलु की जांच के लिए एक कमिटी का गठन कर लिया ,उप निदेशक ने बताया की प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जाँच कमिटी बिठाई हे जो पुरे प्रकरण की बारीकी से जाँच करेगी साथ ही लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन करवाया जायेगा ,उन्होंने कहा की बाकि भुगतान फ्रीज़ करवा दिया हैं ,
चन्दन सिंह भाटी
जैसलमेर महिला बल विकास विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में तीनो ब्लॉक में जमकर अनियमितताएं की गयी ,अनियमितताए सामने आने के बाद दो सी डी पी ो स्थानांतरण करा रातो रत रिलीव हो गए ,अब जब मामला जिला प्रशासन के ध्यान में आया तो जाँच कमिटी बिठाकर शेष भुगतान को रुकवा दिया
सूत्रानुसार महिला बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवतियों को पौष्टिक आहार के लिए सीधे उनके खाते में उक्त सहायता प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन दोनों योजनाओं से पहली बार गर्भवती होने वाली ग्रामीण महिला के खाते में कुल 6400 रुपये व शहरी गर्भवती के खाते में कुल 6000 रुपये देने थे ।
इन योजनाओ का लाभ लेने के लिए अपने नजदीक बाल विकास परियोजना अधिकारी को गर्भवतियों को अपना आधार व खाता नंबर देना होता हे ।इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा मुख्य उद्देश्य था । योजना की लाभ राशि DBT के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेजने का प्रावधान हैं ।
मगर इस योजना में सी डी पी ो जैसलमेर ,सम सांकड़ा ने जमकर दुरूपयोग कर पचपन साल से अधिक उम्र की महिलाओं को भुगतान करवा दिया ,इन अधिकारियो ने डमी आवेदन करवा कर सरकारी राशि उठा ली , सूत्रानुसार तीनो ब्लॉक्स में अपात्र महिलाओं को लाभ दिलाया गया ,सम में करीब २३ लाख और सांकड़ा में करीब छबीस लाख का भुगतान संदेह के घेरे में आ गया ,सूत्रानुसार नियमो को दरकिनार कर प्रथम बार गर्भवती मनीलाओ की बजाय पचपन साठ साल की उम्र की महिलाओ को भुगतान करा सरकार को लाखो रूपये की चपत लगवा दी ,सूत्रानुसार सांकड़ा सी डीपी ओ ने तो अपने क्षेत्राधिकार से बाहर के क्षेत्र जोगा गांव पंचायत समिति सम की महिलाओ को इस योजना का भुगतान कर दिया ,ऐसे कई मामले सामने आये हैं , इधर मामला प्रकाश में आते ही जैसलमेर सी डी पी ओ ने अपना स्थानांतरण करवा लिया ,स्थानांतरण आदेश के साथ हाथो हाथ रिलीव हो गया ,मामले की जानकारी उप निदेशक महिला बल विकास विभाग राजेंद्र चौधरी को मिली तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन करने और भुगतान की हर पहलु की जांच के लिए एक कमिटी का गठन कर लिया ,उप निदेशक ने बताया की प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जाँच कमिटी बिठाई हे जो पुरे प्रकरण की बारीकी से जाँच करेगी साथ ही लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन करवाया जायेगा ,उन्होंने कहा की बाकि भुगतान फ्रीज़ करवा दिया हैं ,
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