बुधवार, 25 सितंबर 2019

जैसलमेर शोषित महिलाओ की सहायता के लिए संचालित सखी केंद्र में जमकर अनियमितताएं, जिम्मेदार चुप

जैसलमेर शोषित महिलाओ की सहायता के लिए संचालित सखी केंद्र  में जमकर अनियमितताएं, जिम्मेदार चुप 

जैसलमेर

 गत साल से महिला अधिकारिता विभाग जैसलमेर द्वारा संचालित सखी में जमकर अनियमितताए बरती जा रही हैं ,विभागीय नोटिसों के बाद भी इसमें कोई सुधार  नहीं कर रहे संचालक संस्था ,इन केन्द्रों में मेडिकल, कानूनी, मानसिक-सामाजिक तथा अस्थायी आवास की सहायता प्रदान की जाती है,इस केंद्र पर बारह पद स्वीकृत हैं ,इन पदों पर मानव संसाधन लगाने के लिए संस्था को निविदा दे रखी हैं ,अफसोसजनक स्थति हे की मानदेय तो हर महीने उठाया जा रहा हे मगर केंद्र पर कोई कर्मचारी उपस्थित नहीं रहता,चूँकि केंद्र शोषित महिलाओ के सहायता के लिए हैं तो इन केन्द्रो पर नियमानुसार समस्त स्टाफ महिलाए लगाना  अनिवार्य मगर वर्तमान में सिर्फ एक चौकीदार के भरोसे यह केंद्र दो चार घंटे के लिए ही खुलता हैं ,खुद बाल विकास परियोजना अधिकारी ने तीन चार विजिट की मगर उन्हें भी कोई कर्मचारी केंद्र पर नहीं मिला ,जबकि यह केंद्र चौबीस घंटे खुला रहना होता हैं ,जवाहर चिकित्सालय परिसर में संचालित इस केंद्र में संचालको द्वारा जमकर अनियमितताएं बरती गयी ,सूत्रों के अनुसार महिला बाल विकास विभाग के कार्मिको द्वारा संचालक संस्था से संत गांठ कर अपने परिवार कीमहिलाओँ को बिना निर्धारित योग्यता के केंद्र में नियुक्तियां दिला दी ,ये महिलाए कभी केंद्र पर नहीं आती ,संस्था द्वारा नियम विरुद्ध एक पुरुष चौकीदार लगाया हुआ हे.दो दिन पहले महिला आयोग की सदस्य की विजिट के दौरान भी तीन पुरुष स्टाफ ही उपस्थित मिला ,आश्चर्यजनक पहलु हे की केंद्र संचालन में खामिया और लापरवाही ,अनियमितताएं सामने आने के बावजूद जिम्मेदार  न केवल कार्यवाही करने से बच रहेहे अपितु पुनः इसी संस्था को काम देने की तयारी में हैं ,जबकि खुद बाल विकास परियोजना अधिकारी संस्था के कार्य से असंतुष्ट हे जिसकी टिपण्णी नोट शीट पर भी की हैं ,कहने   यह केंद्र शारीरिक, यौन, मानसिक, मनोवैज्ञानिक तथा आर्थिक शोषण से पीड़ित महिलाओं की सहायता करते हैं।मगर इस केंद्र पर कभी योग्यताधारी महिलाओ को नियुक्ति दी ही नहीं गयी ,कार्मिको ने अपने लोग लगाकर योजना की मिटटी पलीद कर दी। नियमानुसार केंद्र में शोषित महिलाओं को एक ही छत के नीचे में मेडिकल, कानूनी, मानसिक-सामाजिक तथा अस्थायी आवास की सहायता उपलब्ध करवाना होता हैं मगर जैसलमेर केंद्र पर महज खाना पूर्ति हो रही हैं ,पीड़ित शोषित महिलाओं को सिर्फ निराशा हाथ लगती हैं ,जबकि जैसलमेर में हर दूसरे दिन बाल कल्याण समिति के माध्यम से शोषित महिलाओ ,बालिकाओ के प्रकरण सामने आ रहे हैं ,खासकर पोक्सो एक्ट के ,मगर पीड़ितों को इस केंद्र से कोई सहायता नहीं मिलती

जिला कलेक्टर द्वारा भी सखी केंद्र में अनियमितताओं पर नाराजगी व्यक्त की गयी थी ,बाल विकास परियोजना अधिकारी राजेंद्र चौधरी ने बताया की सखी केंद्र के निरीक्षण में सामने आया था की सिर्फ एक चौकीदार कार्यरत हे बाकि स्टाफ की आता नहीं , संबंधित संस्था को नोटिस जारी किये थे ,नोटिस के जवाब आये नहीं   ,ऐसे में दो माह से इनका भुगतान रोक रखा हैं ,इसमें लगे कर्मचारी भी विभाग के कार्मिको के रिश्तेदार थे उन लोगो को हटा दिया गया था ,नए स्तर की निविदाए हो गई हैं ,इसी संस्था की दर कम आने के कार्य आवंटन फ़िलहाल इनकी अनियमितताओं को देख कर रोका गया हैं ,योग्य संस्था को ही कार्य आवंटन किया जायेगा। सखी केंद्र संचालन से हम संतुष्ट नहीं हैं


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