जैसलमेर गांधीजी की 150 वीं जयंती समारोह
गांधीजी के जीवन से
सीखंे भावी पीढ़ी-कल्ला
जैसलमेर, 18 सितम्बर। जिले के प्रभारी मंत्री एवं उर्जा, जन स्वास्थ्य अभियंात्रिकी, भू-जल, कला, साहित्य, संस्कृति तथा पुरातत्व मंत्री डाॅ. बी.डी.कल्ला ने कहा है कि गांधीजी का पूरा जीवन संघषर्, सत्य, त्याग और अहिंसा का पर्याय है। वे तीन दिवसीय गांधीजी की 150 वीं जयंती समारोह के समापन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थें।
महात्मा गांधी के जन्म के 150 वे ंवर्ष के उपलक्ष में जिला स्तर पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रमों के अन्तिम दिवस पर शुक्रवार को अमर शहीद सागरमल गोपा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए जिला प्रभारी मंत्री डाॅ. बी.डी.कल्ला ने महात्मा गांधी को नमन किया और कहा कि देश की आने वाली पीढ़ियों को गांधीजी के जीवन संघर्ष और दर्शन से परिचित करवाने के उद््देश्य से प्रदेश के प्रत्येक जिले में तीन दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन को वही समझ सकता है जिसने गांधीजी के जीवन को करीब से पढ़ा, जाना और उनके सिद्धान्तों की अनुपालना की है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि गुड गवर्नेंस को हासिल करने के लिए शासन में पारदर्शिता सबसे जरूरी है। राज्य सरकार न केवल गांधीजी के सिद्धान्तों व आदर्शों के प्रति श्रद्धा रखती है बल्कि गांधीजी के सिद्धान्तों को अपने कार्य में अपनाती है। शिक्षा, भोजन, सूचना, सुनवाई तथा सेवा प्रदान करने की गारंटी जैसे कानून गांधी दर्शन की अनुपालना के सबसे बड़े उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जिस लोकतंत्र की कल्पना गांधीजी ने की थी उसे साकार करने में लोगों की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है। सरकार का यह प्रयास है कि आमजन हो या शासन में बैठे कर्मचारी/अधिकारी सभी गांधीजी के समर्पण और त्याग से भरे जीवन दर्शन से परिचित हो। उन्होंने कहा कि गांधीजी के जन्म के 150 वें वर्ष के उपलक्ष में हुए इन आयोजनों से भावी पीढ़ी को एक नई प्रेरणा मिलेगी और वे गांधी दर्शन को करीब से जान सकेंगे।
इस मौके पर जिला कलक्टर नमित मेहता ने गांधीजी को याद करते हुए कहा कि गांधीजी के जीवन व दर्शन का लाभ समाज को मिले इसके लिए विभिन्न आयोजन किए गए। गांधीजी के सिद्धान्तों को हम अपने जीवन में अपनाए और आदर्श रामराज्य का निर्माण करने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि आज की संगोष्ठी से युवा पीढ़ी को गांधीजी के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंग और प्रासंगिकता गहराई से समझने का अवसर प्राप्त हुआ है।
मेहता ने कहा कि कहा कि जिले में तीन दिवसीय कार्यक्रमों के जरिये गांधीजी के आदर्षो तथा सिंद्वातों को आमजन के समक्ष रखने का प्रयास किया गया ताकि वे इसे आत्मसात कर सकें। मेहता ने कहा कि प्रजातंत्र को मजबूत करने के लिए गांधी दर्शन से बड़ा कोई दर्शन नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज में समानता की स्थापना के लिए धर्म एवं जाति से उपर उठकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करें गांधी को अपनाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत ही नहीं अपितु विष्व भर में गांधीजी की अहिंसा की नीति की सराहना की जा रही है।
इससे पूर्व गांधीजी के ग्राम स्वराज पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमंे गांधीवादी विचारक एवं भारतीय प्रषासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी एस.एस.बिस्सा, आईदानसिंह भाटी, ओमप्रकाष भाटिया, चन्द्रप्रकाष व्यास, राजूराम प्रजापत समेत वक्ताओं ने वर्तमान परिपेक्ष्य में गांधीजी के ग्राम स्वराज की प्रासंगिकता को महत्वपूर्ण बताया। बाद मंे गांधीजी के जीवन पर आधारित लघु नाटिकाएं एवं अन्य वृतांतों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम स्कूली बालकों ने प्रस्तुत किया। अन्त मंे तीन दिवसीय कार्यक्रमों के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताआंे के विजेताआंे तथा उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह् एवं प्रषस्ति पत्रों के जरिये सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का आगाज जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. बी.डी.कल्ला, जिला कलक्टर नमित मेहता, पुलिस अधीक्षक डाॅ.किरण कंग, महात्मा गांधी जीवन दर्षन समिति के राज्य संयोजक मनीष शर्मा, जिला संयोजक उम्मेदसिंह तंवर समेत अतिथियों ने गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर किया। बाद में स्कूली छात्रा ने गांधीजी के प्रिय भजन ‘‘ वैष्णव जन तो तेने कईये, पीर पराई जाने रे ‘‘ के जरिये माहौल को गांधीमय बना दिया। कार्यक्रम के दौरान करीब 1 दर्जन स्कूली छात्र गांधीजी की वेषभूषा में उपस्थित हुए। कार्यक्रम मंे बडी तादाद में स्कूली छात्र-छात्राएं, स्वंयसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि एवं जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थें।
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गांधीजी के जीवन से
सीखंे भावी पीढ़ी-कल्ला
जैसलमेर, 18 सितम्बर। जिले के प्रभारी मंत्री एवं उर्जा, जन स्वास्थ्य अभियंात्रिकी, भू-जल, कला, साहित्य, संस्कृति तथा पुरातत्व मंत्री डाॅ. बी.डी.कल्ला ने कहा है कि गांधीजी का पूरा जीवन संघषर्, सत्य, त्याग और अहिंसा का पर्याय है। वे तीन दिवसीय गांधीजी की 150 वीं जयंती समारोह के समापन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थें।
महात्मा गांधी के जन्म के 150 वे ंवर्ष के उपलक्ष में जिला स्तर पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रमों के अन्तिम दिवस पर शुक्रवार को अमर शहीद सागरमल गोपा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए जिला प्रभारी मंत्री डाॅ. बी.डी.कल्ला ने महात्मा गांधी को नमन किया और कहा कि देश की आने वाली पीढ़ियों को गांधीजी के जीवन संघर्ष और दर्शन से परिचित करवाने के उद््देश्य से प्रदेश के प्रत्येक जिले में तीन दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन को वही समझ सकता है जिसने गांधीजी के जीवन को करीब से पढ़ा, जाना और उनके सिद्धान्तों की अनुपालना की है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि गुड गवर्नेंस को हासिल करने के लिए शासन में पारदर्शिता सबसे जरूरी है। राज्य सरकार न केवल गांधीजी के सिद्धान्तों व आदर्शों के प्रति श्रद्धा रखती है बल्कि गांधीजी के सिद्धान्तों को अपने कार्य में अपनाती है। शिक्षा, भोजन, सूचना, सुनवाई तथा सेवा प्रदान करने की गारंटी जैसे कानून गांधी दर्शन की अनुपालना के सबसे बड़े उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जिस लोकतंत्र की कल्पना गांधीजी ने की थी उसे साकार करने में लोगों की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है। सरकार का यह प्रयास है कि आमजन हो या शासन में बैठे कर्मचारी/अधिकारी सभी गांधीजी के समर्पण और त्याग से भरे जीवन दर्शन से परिचित हो। उन्होंने कहा कि गांधीजी के जन्म के 150 वें वर्ष के उपलक्ष में हुए इन आयोजनों से भावी पीढ़ी को एक नई प्रेरणा मिलेगी और वे गांधी दर्शन को करीब से जान सकेंगे।
इस मौके पर जिला कलक्टर नमित मेहता ने गांधीजी को याद करते हुए कहा कि गांधीजी के जीवन व दर्शन का लाभ समाज को मिले इसके लिए विभिन्न आयोजन किए गए। गांधीजी के सिद्धान्तों को हम अपने जीवन में अपनाए और आदर्श रामराज्य का निर्माण करने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि आज की संगोष्ठी से युवा पीढ़ी को गांधीजी के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंग और प्रासंगिकता गहराई से समझने का अवसर प्राप्त हुआ है।
मेहता ने कहा कि कहा कि जिले में तीन दिवसीय कार्यक्रमों के जरिये गांधीजी के आदर्षो तथा सिंद्वातों को आमजन के समक्ष रखने का प्रयास किया गया ताकि वे इसे आत्मसात कर सकें। मेहता ने कहा कि प्रजातंत्र को मजबूत करने के लिए गांधी दर्शन से बड़ा कोई दर्शन नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज में समानता की स्थापना के लिए धर्म एवं जाति से उपर उठकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करें गांधी को अपनाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत ही नहीं अपितु विष्व भर में गांधीजी की अहिंसा की नीति की सराहना की जा रही है।
इससे पूर्व गांधीजी के ग्राम स्वराज पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमंे गांधीवादी विचारक एवं भारतीय प्रषासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी एस.एस.बिस्सा, आईदानसिंह भाटी, ओमप्रकाष भाटिया, चन्द्रप्रकाष व्यास, राजूराम प्रजापत समेत वक्ताओं ने वर्तमान परिपेक्ष्य में गांधीजी के ग्राम स्वराज की प्रासंगिकता को महत्वपूर्ण बताया। बाद मंे गांधीजी के जीवन पर आधारित लघु नाटिकाएं एवं अन्य वृतांतों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम स्कूली बालकों ने प्रस्तुत किया। अन्त मंे तीन दिवसीय कार्यक्रमों के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताआंे के विजेताआंे तथा उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह् एवं प्रषस्ति पत्रों के जरिये सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का आगाज जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. बी.डी.कल्ला, जिला कलक्टर नमित मेहता, पुलिस अधीक्षक डाॅ.किरण कंग, महात्मा गांधी जीवन दर्षन समिति के राज्य संयोजक मनीष शर्मा, जिला संयोजक उम्मेदसिंह तंवर समेत अतिथियों ने गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर किया। बाद में स्कूली छात्रा ने गांधीजी के प्रिय भजन ‘‘ वैष्णव जन तो तेने कईये, पीर पराई जाने रे ‘‘ के जरिये माहौल को गांधीमय बना दिया। कार्यक्रम के दौरान करीब 1 दर्जन स्कूली छात्र गांधीजी की वेषभूषा में उपस्थित हुए। कार्यक्रम मंे बडी तादाद में स्कूली छात्र-छात्राएं, स्वंयसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि एवं जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थें।
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