बाड़मेर दो बहनों के साथ गैंगरेप करने वाले आरोपियों को न्यायालय ने सुनाई 20-20 साल की सजा
बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना अंतर्गत पांच वर्ष पूर्व दो बहनों के साथ हुए गैंगरेप के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को 20-20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 25-25 हज़ार के जुर्माने से दंडित किया है।
विशिष्ट लोक अभियोजक सवाई माहेश्वरी के अनुसार 15 अगस्त 2014 को स्कूल जा रही दो बहनों का रास्ता रोककर आरोपी विरधाराम, चुतराराम व कानाराम ने दोनों बहनों के साथ मारपीट की और बारी-बारी से उनके साथ दुष्कर्म किया। घटनाक्रम को लेकर पीड़िताओं ने गिड़ा थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। जिसमे पुलिस ने अनुसंधान कर आरोपी विरधाराम व चुतराराम को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। वहीं आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। मामले को लेकर अभियोजन पक्ष द्वारा 22 गवाह व 44 दस्तावेज प्रस्तुत करने पर न्यायालय द्वारा बहस सुनी गई। जिस पर आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर विशिष्ट न्यायाधीश वमितासिंह ने आरोपी विरधाराम व चुतराराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी के तहत 20-20 वर्ष का कठोर कारावास व 25-25 हज़ार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया। वहीं न्यायालय ने तीसरे आरोपी कानाराम को मफरूर घोषित किया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक सवाई कुमार माहेश्वरी, सुरेश मोदी व गणपत गुप्ता ने पैरवी की वहीं आरोपी पक्ष की ओर से हाकमसिंह भाटी ने पैरवी की। वहीं परिवादी पक्ष की ओर से कन्हैयालाल जैन ने भी पैरवी की।
बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना अंतर्गत पांच वर्ष पूर्व दो बहनों के साथ हुए गैंगरेप के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को 20-20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 25-25 हज़ार के जुर्माने से दंडित किया है।
विशिष्ट लोक अभियोजक सवाई माहेश्वरी के अनुसार 15 अगस्त 2014 को स्कूल जा रही दो बहनों का रास्ता रोककर आरोपी विरधाराम, चुतराराम व कानाराम ने दोनों बहनों के साथ मारपीट की और बारी-बारी से उनके साथ दुष्कर्म किया। घटनाक्रम को लेकर पीड़िताओं ने गिड़ा थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। जिसमे पुलिस ने अनुसंधान कर आरोपी विरधाराम व चुतराराम को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। वहीं आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। मामले को लेकर अभियोजन पक्ष द्वारा 22 गवाह व 44 दस्तावेज प्रस्तुत करने पर न्यायालय द्वारा बहस सुनी गई। जिस पर आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर विशिष्ट न्यायाधीश वमितासिंह ने आरोपी विरधाराम व चुतराराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी के तहत 20-20 वर्ष का कठोर कारावास व 25-25 हज़ार रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया। वहीं न्यायालय ने तीसरे आरोपी कानाराम को मफरूर घोषित किया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक सवाई कुमार माहेश्वरी, सुरेश मोदी व गणपत गुप्ता ने पैरवी की वहीं आरोपी पक्ष की ओर से हाकमसिंह भाटी ने पैरवी की। वहीं परिवादी पक्ष की ओर से कन्हैयालाल जैन ने भी पैरवी की।
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