बाड़मेर वर्षा जल संरक्षण अभियान में डब्लूएसएसओ बनेगा भागीदार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षा जल संरक्षण के लिए सरपंचो को पत्र लिखकर वर्षा जल का उचित तरीके से संरक्षण की बात कही है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नव अभियान के बाद जिले भर में आयोजित होने वाले जल सरंक्षण अभियान में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की डब्लूएसएसओ इकाई भी भागीदार बनकर काम करेगी। डब्लूएसएसओ के आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के वर्षा जल सरंक्षण के पत्र के बाद जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने विकास अधिकारियो को निर्देशित किया है कि 30 जून से पूर्व ग्राम सभा का आयोजन करवाएं। ग्राम सभा की थीम जल संरक्षण के श्रमदान रखी जाए। इसके अलावा ग्राम पंचायत में वर्षा जल के भंडारण के लिए छोटे तालाबों की सफाई एवं निर्माण करने, पौधारोपण, व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्तर पर वर्षा जल संग्रहण के लिए टैंक निर्माण, घरेलू एवं कृषि उददेश्यो में भूजल पुनर्भरण के लिए घरो में सोख गढों का निर्माण करने, रैलियों के माध्यम से जल संरक्षण के प्रति जागरूकता अभियान चलाने, गावो एवं विद्यालयों में नुक्कड़ नाटक, लोक गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति के जरिए वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाए। उन्हांेने जल संरक्षण संबंधित वाल पेटिंग करवाने के साथ विभिन्न जागरूकता गतिविधियां आयोजित करवाने के निर्देश दिए है।इन आयोजनों में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की डब्लूएसएसओ इकाई भी भागीदार बनकर काम करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षा जल संरक्षण के लिए सरपंचो को पत्र लिखकर वर्षा जल का उचित तरीके से संरक्षण की बात कही है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नव अभियान के बाद जिले भर में आयोजित होने वाले जल सरंक्षण अभियान में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की डब्लूएसएसओ इकाई भी भागीदार बनकर काम करेगी। डब्लूएसएसओ के आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के वर्षा जल सरंक्षण के पत्र के बाद जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने विकास अधिकारियो को निर्देशित किया है कि 30 जून से पूर्व ग्राम सभा का आयोजन करवाएं। ग्राम सभा की थीम जल संरक्षण के श्रमदान रखी जाए। इसके अलावा ग्राम पंचायत में वर्षा जल के भंडारण के लिए छोटे तालाबों की सफाई एवं निर्माण करने, पौधारोपण, व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्तर पर वर्षा जल संग्रहण के लिए टैंक निर्माण, घरेलू एवं कृषि उददेश्यो में भूजल पुनर्भरण के लिए घरो में सोख गढों का निर्माण करने, रैलियों के माध्यम से जल संरक्षण के प्रति जागरूकता अभियान चलाने, गावो एवं विद्यालयों में नुक्कड़ नाटक, लोक गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति के जरिए वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाए। उन्हांेने जल संरक्षण संबंधित वाल पेटिंग करवाने के साथ विभिन्न जागरूकता गतिविधियां आयोजित करवाने के निर्देश दिए है।इन आयोजनों में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की डब्लूएसएसओ इकाई भी भागीदार बनकर काम करेगी।
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