बाडमेर *ए एन एम् दुष्कर्म प्रयास ए एन एम् के समर्थन में नर्सिंग संघ आया सामने*।।नर्सिंग संघ ने पुलिस पर कार्यवाही नही करने का लगाया आरोप*
*बाडमेर बाडमेर न्यूज़ ट्रैक द्वारा रामजी का गोल में महिला स्वास्थ्यकर्मी के साथ दुष्कर्म और हैवानियत पुरत घटना के खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे।।मामले में सात दिन तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की उल्टा स्वास्थ्य कार्यकर्ता पर दबाव बनाया। महिला कार्यकार्रता द्वारा थाना अधिकारी गुड़ामालानी को दी रपट को दर्ज करने के बावजूद पुलिस अधीक्षक को घटना की जानकारी नही देकर मामले को दबाए रखा।।इस प्रकरण के खुलासे के बाद आज नर्सिंग असोसिएशन खुले में पीड़िता के समर्थन में आया तथा आज उन्होंने पीड़ित को न्याय दिलाने और दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही को लेकर ज्ञापन जिला प्रशासन को सुपुर्द किया।नर्सिंग संघ ने कहा कि इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते है।।इतनी बड़ी घटना पर थाना अधिकारी द्वारा सात दिनों तक पर्दा डाल रखा।।आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक तक को घटना की जानकारी नही दी। उन्होंने कहा कि मामले के आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी की जाए अन्यथा संघ प्रदेश स्तर तक असन्दोलन करेगा जिसकी जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।।
इधर मामले में ट्रैक को नई जानकारी मिली है कि धोरीमन्ना स्वास्थ्य विभाग का एक अधिकारी इस मामले को लेकर पुलिस थाना अधिकारी से मिले थे उन्हें उदासर में गत दिनों ए एन एम के साथ हुए दुष्कर्म के मामले और विभाग की बदनामी का हवाला देकर मामले को लटकाने की बात कहने का तथ्य सामने आया।यहां तक कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी घटना की जानकारी नही दी।पीड़ित मेडिकल के लिए दर दर ठोकर खा रही थी इस दौरान बी सी एम ओ से भी मदद की गुहार की मगर उसकी एक न सुनी।।थाना अधिकारी ने भी स्वास्थ्य कार्यकार्रता द्वारा दी गई मुकदमा रिपोर्ट को गम्भीरत से नही लिया। जबकि पीड़ित ने सपनी रपट 29 अप्रैल को ही दे दी थी जिसकी प्राप्ति रसीद उसके पास मौजूद है।।कल मामला सामने आने के बाद तक पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की घटना के होने से इनकार करते रहे।जबकि पीड़ित महिला स्वास्थ्य कार्यकार्रता न्याय के लिए भटक रही थी।स्थानीय स्तर पर उसका उपचार तक नही कराया उसे जालोर जिले के सांचोर उपचार के लिए जाना पड़ा।चूंकि महिला स्वस्थ्य कार्यकार्रता बाहरी प्रान्त की रहने वाली है और अपराध में शामिल लोग स्थानीय होने के कारण मामले को दबाने का प्रयास किया गया।।जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को चाहिए कि पूरे मामले की वास्तविकता और षड्यंत्र को जनता के सामने लाये ।इस मामले को दबाने वाले स्वास्थ विभाग और पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही अमल में लानी चाहिए। इस प्रकरण में निजी प्रैक्टिस करने वाले और रामजी का गोल स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्टाफ की भूमिका संदिगध रही जिसकी जांच होनी चाहिए।।
*बाडमेर बाडमेर न्यूज़ ट्रैक द्वारा रामजी का गोल में महिला स्वास्थ्यकर्मी के साथ दुष्कर्म और हैवानियत पुरत घटना के खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे।।मामले में सात दिन तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की उल्टा स्वास्थ्य कार्यकर्ता पर दबाव बनाया। महिला कार्यकार्रता द्वारा थाना अधिकारी गुड़ामालानी को दी रपट को दर्ज करने के बावजूद पुलिस अधीक्षक को घटना की जानकारी नही देकर मामले को दबाए रखा।।इस प्रकरण के खुलासे के बाद आज नर्सिंग असोसिएशन खुले में पीड़िता के समर्थन में आया तथा आज उन्होंने पीड़ित को न्याय दिलाने और दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही को लेकर ज्ञापन जिला प्रशासन को सुपुर्द किया।नर्सिंग संघ ने कहा कि इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते है।।इतनी बड़ी घटना पर थाना अधिकारी द्वारा सात दिनों तक पर्दा डाल रखा।।आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक तक को घटना की जानकारी नही दी। उन्होंने कहा कि मामले के आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी की जाए अन्यथा संघ प्रदेश स्तर तक असन्दोलन करेगा जिसकी जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।।
इधर मामले में ट्रैक को नई जानकारी मिली है कि धोरीमन्ना स्वास्थ्य विभाग का एक अधिकारी इस मामले को लेकर पुलिस थाना अधिकारी से मिले थे उन्हें उदासर में गत दिनों ए एन एम के साथ हुए दुष्कर्म के मामले और विभाग की बदनामी का हवाला देकर मामले को लटकाने की बात कहने का तथ्य सामने आया।यहां तक कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी घटना की जानकारी नही दी।पीड़ित मेडिकल के लिए दर दर ठोकर खा रही थी इस दौरान बी सी एम ओ से भी मदद की गुहार की मगर उसकी एक न सुनी।।थाना अधिकारी ने भी स्वास्थ्य कार्यकार्रता द्वारा दी गई मुकदमा रिपोर्ट को गम्भीरत से नही लिया। जबकि पीड़ित ने सपनी रपट 29 अप्रैल को ही दे दी थी जिसकी प्राप्ति रसीद उसके पास मौजूद है।।कल मामला सामने आने के बाद तक पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की घटना के होने से इनकार करते रहे।जबकि पीड़ित महिला स्वास्थ्य कार्यकार्रता न्याय के लिए भटक रही थी।स्थानीय स्तर पर उसका उपचार तक नही कराया उसे जालोर जिले के सांचोर उपचार के लिए जाना पड़ा।चूंकि महिला स्वस्थ्य कार्यकार्रता बाहरी प्रान्त की रहने वाली है और अपराध में शामिल लोग स्थानीय होने के कारण मामले को दबाने का प्रयास किया गया।।जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को चाहिए कि पूरे मामले की वास्तविकता और षड्यंत्र को जनता के सामने लाये ।इस मामले को दबाने वाले स्वास्थ विभाग और पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही अमल में लानी चाहिए। इस प्रकरण में निजी प्रैक्टिस करने वाले और रामजी का गोल स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्टाफ की भूमिका संदिगध रही जिसकी जांच होनी चाहिए।।
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