*मारवाड़ की राजनीति*
*एक ही क्षेत्र के दो नेता,एक से आत्मीय मुलाकात,दूसरे के लिए समय नही मुख्यमंत्री के पास *
*मारवाड़ की राजनीति में गर्माहट आने लगी है ज्यूँ ज्यूँ लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे नेताओ की धड़कने बढ़ने लगी।।कई नेता इधर उधर होने की फिराक में है।।ऐसे ही बाडमेर के दिग्गज जाट नेता वर्तमान सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ।।गत चुनाव में अशोक गहलोत के कारण कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए। पांच साल ।।अब विधानसभा चुनावों के वक़्त से साफ लग रहा था कि उनका मन भाजपा में नही रम रहा।।विधानसभा चुनाव के दौरान उनके प्रयास रहे कि कांग्रेस में शामिल हो जाये मगर बात नही बनी।।इधर विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा में कर्नल खुद को सुरक्षित नही मां रहे।।लम्बे समय से कांग्रेस में शामिल होने के प्रयास में जुटे है।इसी प्रयास के चलते आज जोधपुर प्रवास पर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने कर्नल सोनाराम बेबाक सर्किट हाउस पहुंचे।।गौरतलब है जब कर्नल कांग्रेस में थे उनका अशोक गहलोत के साथ छतीस का आंकड़ा रहा।।कर्नल अक्सर गहलोत पर शब्द बाण से हमला करते रहते थे। सर्किट हाउस में गहलोत से मिलने पहुंचने के बाद सियासी गलियारों में यह खबर आग की तरह फैल गई कि कर्नल गहलोत से मिलने पहुंचे। घर वापसी की तैयारी।।मगर अशोक गहलोत ने कर्नल को एक घण्टे तक इंतजार करवाने के बाद भी मिलने का वक्क्त नही दिया।।आखिर उन्हें गहलोत से बिना मिले उन्हें वापस निकलना पड़ा।।कर्नल की राजनीतिके शख्शियत के लिए आज का घटनकरण यू टर्न हो सकता है।।उनकी छवि को नुकसान होने के साथ सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गए।।कहने को कर्नल ने औपचारिक मुलाकात की बात कही मगर सियासी हलकों में माना जा रहा कि कर्नल गहलोत से मिलकर कांग्रेस में वापसी चाहते थे।।मगर ये हो निहि सका।।इस वक्त जब कर्नल गहलोत से मिलने पहुंचे बाडमेर जेसलमेर के दिग्गज नेता वही मौजूद थे।।बाडमेर के पूर्व सांसद कर्नल मानवेन्द्र सिंह की गहलोत के साथ आत्मीय मुलाकात हुई। लम्बी राजनीतिक मन्त्रणा भी।।गहलोत के पास इस क्षेत्र से राजपूत नेता के तौर पर कर्नल मानवेन्द्र सिंह तो जाट नेता के रूप में हरीश चौधरी मौजूद है यही कारण रहा कि उनकी कर्नल सोनाराम में कोई दिलचस्पी नही दिखी।।गहलोत से खुले आम मिलने मिलने की खबरे मीडिया में आने के बाद भाजपा कर्नल पर क्या एक्शन लेगी यह भविष्य के गर्भ में है।।मगर गहलोत ने कर्नल को वक़्त नही देकर जता दिया कि कर्नल के द्वारा उनके खिलाफ कांग्रेस में रहते उगले शब्द बाणों को भूलें नहि।।
*एक ही क्षेत्र के दो नेता,एक से आत्मीय मुलाकात,दूसरे के लिए समय नही मुख्यमंत्री के पास *
*मारवाड़ की राजनीति में गर्माहट आने लगी है ज्यूँ ज्यूँ लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे नेताओ की धड़कने बढ़ने लगी।।कई नेता इधर उधर होने की फिराक में है।।ऐसे ही बाडमेर के दिग्गज जाट नेता वर्तमान सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ।।गत चुनाव में अशोक गहलोत के कारण कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए। पांच साल ।।अब विधानसभा चुनावों के वक़्त से साफ लग रहा था कि उनका मन भाजपा में नही रम रहा।।विधानसभा चुनाव के दौरान उनके प्रयास रहे कि कांग्रेस में शामिल हो जाये मगर बात नही बनी।।इधर विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा में कर्नल खुद को सुरक्षित नही मां रहे।।लम्बे समय से कांग्रेस में शामिल होने के प्रयास में जुटे है।इसी प्रयास के चलते आज जोधपुर प्रवास पर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने कर्नल सोनाराम बेबाक सर्किट हाउस पहुंचे।।गौरतलब है जब कर्नल कांग्रेस में थे उनका अशोक गहलोत के साथ छतीस का आंकड़ा रहा।।कर्नल अक्सर गहलोत पर शब्द बाण से हमला करते रहते थे। सर्किट हाउस में गहलोत से मिलने पहुंचने के बाद सियासी गलियारों में यह खबर आग की तरह फैल गई कि कर्नल गहलोत से मिलने पहुंचे। घर वापसी की तैयारी।।मगर अशोक गहलोत ने कर्नल को एक घण्टे तक इंतजार करवाने के बाद भी मिलने का वक्क्त नही दिया।।आखिर उन्हें गहलोत से बिना मिले उन्हें वापस निकलना पड़ा।।कर्नल की राजनीतिके शख्शियत के लिए आज का घटनकरण यू टर्न हो सकता है।।उनकी छवि को नुकसान होने के साथ सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गए।।कहने को कर्नल ने औपचारिक मुलाकात की बात कही मगर सियासी हलकों में माना जा रहा कि कर्नल गहलोत से मिलकर कांग्रेस में वापसी चाहते थे।।मगर ये हो निहि सका।।इस वक्त जब कर्नल गहलोत से मिलने पहुंचे बाडमेर जेसलमेर के दिग्गज नेता वही मौजूद थे।।बाडमेर के पूर्व सांसद कर्नल मानवेन्द्र सिंह की गहलोत के साथ आत्मीय मुलाकात हुई। लम्बी राजनीतिक मन्त्रणा भी।।गहलोत के पास इस क्षेत्र से राजपूत नेता के तौर पर कर्नल मानवेन्द्र सिंह तो जाट नेता के रूप में हरीश चौधरी मौजूद है यही कारण रहा कि उनकी कर्नल सोनाराम में कोई दिलचस्पी नही दिखी।।गहलोत से खुले आम मिलने मिलने की खबरे मीडिया में आने के बाद भाजपा कर्नल पर क्या एक्शन लेगी यह भविष्य के गर्भ में है।।मगर गहलोत ने कर्नल को वक़्त नही देकर जता दिया कि कर्नल के द्वारा उनके खिलाफ कांग्रेस में रहते उगले शब्द बाणों को भूलें नहि।।
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