सोमवार, 4 मार्च 2019

बाड़मेर ब्रहमा कुमारी आश्रम में मनाई षिव जयंति महोत्सव शिव जयंती संज्ञावाचक नही कत्र्तव्य रूप में मनाएं: गुप्ता

बाड़मेर ब्रहमा कुमारी आश्रम में मनाई षिव जयंति महोत्सव
शिव जयंती संज्ञावाचक नही कत्र्तव्य रूप में मनाएं: गुप्ता

स्थानीय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आश्रम मे हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हीरे तुल्य शिव जयंती महोत्सव का आयोजन जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के मुख्य आतिथ्य, नगर परिषद आयुक्त पवन मीणा की अध्यक्षता एंव आश्रम प्रमुख बबिता बहिन, समाजसेवी रणवीर सिंह भादू, प्राचार्य डॉ ललिता मेहता के विशिष्ट आतिथ्य में मनाया गया। समारोह को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के कहा कि अज्ञान अंधकार के कारण आत्मा विकर्म करने के बाद दुख, अशांति की अनुभूति करती है। ऐसी तनावजन्य जिंदगी को सुखमय बनाने के लिए नियमित रूप से सत्यम् शिवम् सुंदरम् शिव परमात्मा के सत्य ज्ञान का अनुसरण करना चाहिए। ज्ञान के अभाव में मनुष्य ईश्वरीय वरदानों से वंचित रहता है। मनुष्य संकुचित विचारों से ऊपर उठकर आत्मचिंतन करे तो ईश्वरानुभूति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि परमपिता ब्रहमा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के साधकों द्वारा संपूर्ण विश्व में प्रेम-सौहार्द्र के साथ मानवता का संदेश दिया जा रहा है। जिससे लोगों में वासुदेव कुटुम्बकम की भावना बलवती हो रही है। जो आज मानवता के लिए बेहद जरूरी है। हमें इनकी मुहिम में शामिल होकर विश्व के कल्याण में भागीदारी निभानी चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर परिषद आयुक्त पवन मीणा ने शिवरात्रि के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान बहिन बबिता ने शिव रात्रि के आध्यात्मिक महत्व को बताते हुए कहा कि वर्तमान समय कलियुग अंत और सतयुग आरम्भ के संधिकाल का पहर चल रहा है। यही वह पुरूषोत्तम संगमयुग हैं जब परमात्मा शिव पुनः अवतरित होकर अज्ञान अंधकार रूपी घोर रात्रि का अंत करवाकर नव विश्व के प्रभात का पुनरोदय करते हैं। अतः हम सभी को उस परम पिता परमात्मा ज्योति स्वरूप शिव का ध्यान करना चाहिए। इस दौरान आश्रम प्रांगण में अतिथियों द्वारा झंडा रोहण कर दीप प्रज्वलित किया। वहीं शिव बाबा के जन्मोत्सव पर केक काटकर एक दूसरे को बधाई दी। डॉ राधा रामावत ने संस्थान कापरिचय दिया। स्वरूप पंवार, बिहारी पंवार एवं ऋतू बहिन ने बाबा के गीत सुना कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन हरीश सुथार ने किया। इस दौरान छगनलाल जाटोल, सुरेश शारदा, सुरेश जाटोल, डूंगरसिंह, पोकराराम सोनी, जगदीश भाई, भगवान दास ठारवानी, सुरेश माली, खेता राम माली, भगवान दास आसवानी, आनंद थोरी, गणेश बोस, ऋतू बहिन, विद्या बहिन, पार्वती बहिन, शीला बहिन, ममता बहिन सहित कई भक्त गण मौजूद रहें।

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