शनिवार, 30 मार्च 2019

*दुखद समाचार* *थार के सुप्रसिद्ध वाणी भजन गायक दानसिंह का 80 वर्ष की उम्र में निधन

*दुखद समाचार*

*थार के सुप्रसिद्ध वाणी भजन गायक दानसिंह का 80 वर्ष की उम्र में निधन*


*थार में गायन के एक युग का अंत - नहीं रहे सुप्रसिद्ध भजन गायक दानसिंह*
मारवाड़ के सुप्रसिद्ध भजन गायक दानसिंह का 80 वर्ष की उम्र में शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया और इसी के साथ थार में भजन गायकीके एक युग का अंत हो गया | दानसिंह ने वीणा पर भजन गायन की शुरुआत 16 वर्ष की उम्र में की थी और निधन से एक दिन पहले तक गायन का कार्य करते रहे | दानसिंह जी गैर व्यवसायिक श्रेणी के कलाकार थे |इनके भजनों का इतना क्रेज था की  मारवाड़ के विभिन्न, मन्दिर मठ के सत्संग और अन्य जागरण कार्यक्रमों को उनके बिना अधुरा समझा जाता था |
हजारों भजन थे कंठस्थ – दान सिहजी जी पारम्परिक वाध्य यंत्र वीणा, ढोलक, कासिये, हारमोनियम आदि की संगत के साथ गायन का कार्य करते थे | आपको विभिन्न राग रागनियों, सुर-ताल-लयआदि में दक्षता प्राप्त थी | आपको हजारों तरह के भजन, कथाएँ, दोहे, लोकोक्तियों आदि कंठस्ठ थे |
जिला स्तर पर सम्मानित –आपको गणतन्त्र दिवस 2018 के अवसर पर बाड़मेर के तत्कालीन जिला कलेक्टर श्रीमान शिव प्रसाद एम. नकाते द्वारा सम्मानित किया गया | उन्हें यह सम्मान गैर व्यवसायिक श्रेणी में पारम्परिक वीणा गायन परम्परा को जीवित रखने के लिए दिया गया |
80 वर्ष की उम्र में कबीर यात्रा में रहे सक्रिय –80 वर्ष की उम्र के बावजूद दान सिंह जी ने पिछले 2 वर्षों से कबीर यात्रा में भाग लियाऔर बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर आदि जिलों में अपनी सुरमयी आवाज का जादू बिखेरा | इस अवस्था के बावजूद भी उनकी आवाज में श्रोताओं को भाव-विभोर करने की क्षमता कायम थी |
कई युवाओं ने सीखी वीणा गायकी – दान सिंह की गायन प्रतिभा से प्रभावित होकर जिले के कई युवाओं ने दानसिंह से पारम्परिक वाध्य यंत्रों पर गायन कार्य सीखा | दानसिंह के सिखाये हुआ कई युवा वर्तमान में बाड़मेर जिले के प्रसिद्ध गायक है और टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के लिटरेचर फेस्टिवल में प्रस्तुती प्रदान कर चुके हैं |
आवाज अमर रहेगी – ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान के सचिव विक्रम सिंह ने बताया की वे पिछले 20 वर्षो से निरंतर दानसिंह के गायन को ऑडियो-विडियो रूप में संरक्षित करने का कार्य कर रहे थे जिस कारण उनके पास दानसिंह के गायन के हजारों घंटों के रिकॉर्ड मोजूद है | 80 एवं 90 के दशक में भी जिले के कई लोगों ने दुबई आदि जगहों से ऑडियो रिकोर्डर लाकर दानसिंह के गायन को रिकॉर्ड करने का कार्य किया जिस करना उस समय के भी कई रिकॉर्ड भी मोजूद है | उनकी आवाज के ये रिकॉर्ड उन्हें हमेशा अमर रखेगें |
अंतिम संस्कार रविवार को किया जायेगा।

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