लोकसभा चुनाव: इन 5 सीटों पर टिकी हैं सबकी निगाहें, दो पर राजघरानों की साख पर दांव!
लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान के 5 निर्वाचन क्षेत्रों में चर्चित चेहरे चुनावी मैदान में नजर आ सकते हैं. इनमें दो सीटों पर पूर्व राजघरानों की साख भी दांव पर लग सकती है. यहां पढ़ें, राजस्थान की इन पांच सीटों पर टिकी हैं सबकी निगाहें...
लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान के 25 निर्वाचन क्षेत्रों में से पांच सीटों पर चुनावी मैदान में चर्चित चेहरे नजर आ सकते हैं. इनमें दो सीटों पर पूर्व राजघरानों की साख भी दांव पर लगने की अटकलें सियासी गलियारों में लगाई जा रही है. दअरसल, इन पांचों सीटों पर संभावित प्रत्याशियों को लेकर लगाए जा रहे कयासों को लेकर इन सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. इन सीटों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभग गहलोत, पूर्व राजपरिवार की सदस्य दीया कुमारी, विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को टक्कर देने वाले मानवेंद्र सिंह, गुर्जर आरक्षण आंदोलन के अगवा नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और कोट के पूर्व राजघराने के सदस्य इज्येराज सिंह की दावेदारी के चर्चे हैं. यहां पढ़ें, राजस्थान की इन पांच सीटों पर टिकी हैं सबकी निगाहें...
जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य और पूर्व विधायक दीया कुमारी ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा और इसके पीछे संसदीय चुनावों में दावेदारी ही माना जा रहा था. जयपुर शहर से उनकी बीजेपी से दावेदारी के कयास तेज हो गए हैं. यदि दीया कुमारी को यहां से टिकट मिलता है तो राजनीतिक समीकरण जरूर बदलेंगे और इसका असर दोनों प्रमुख पार्टियों पर पड़ना तय है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की कांग्रेस के टिकट पर दावेदारी लंबे समय से चर्चा में है. वैभव का नाम जोधपुर के साथ अब टोंक-सवाई माधोपुर से भी लिया जाने लगा है. जोधपुर में वैभव को लेकर कयास अधिक लगाए जा रहे हैं. हालांकि पार्टी ने अभी इस दिशा में कोई संकेत नहीं दिए हैं.
विधानसभा चुनाव 2018 से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कोटा के पूर्व राजघराने से संबंध रखने वाले इज्येराज सिंह बीजेपी के टिकट पर कोटा से चुनाव लड़ सकते हैं. उनकी पत्नी कल्पना बीजेपी के टिकट पर यहां से विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और शिव से बीजेपी के पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह जसोल इस बार कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए मानवेंद्र ने झालरापाटन सीट पर वसुंधरा राजे को चुनौती दी थी. हालांकि वसुंधरा ने मानवेंद्र को 33828 वोट से पराजित किया था.
एक दशक से अधिक समय से गुर्जर समाज के लिए आरक्षण आंदोलन की लड़ाई लड़ने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला इस बार लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. बैंसला के संबंध वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत दोनों से करीबी रहे हैं और उनके टोंक सवाई माधोंपुर से चुनावी मैदान में उतने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
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