शनिवार, 2 मार्च 2019

गहलोत-पांडे-पायलट ने एक नजर मारी सभी 25 सीटों के उम्मीदवारों पर...आज फिर बैठेंगे


गहलोत-पांडे-पायलट ने एक नजर मारी सभी 25 सीटों के उम्मीदवारों पर...आज फिर बैठेंगे

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस की ओर से दिल्ली में हुई बैठकों के दौरान राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों को लेकर चर्चा हो चुकी है. इसके बाद अब सीएम अशोक गहलोत के साथ बैठक करते हुए प्रस्तावित नामों को अंतिम रूप देने की कार्रवाई चल रही है....

जयपुर . लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस के स्तर दिल्ली में तीन दिन हुई बैठकों के दौरान राज्य की सभी 25 सीटों पर मंथन का काम पूरा कर लिया गया है.  सीटवार हुए मंथन के दौरान सामने आए दावेदारों के नामों को केंद्रीय चुनाव समिति को भेजने से पहले प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के साथ बैठक करते हुए सीटवार नामों पर चर्चा की. सूत्रों का कहना है कि रात में देर तक चली इस बैठक में सभी सीटों पर एकराय नहीं बनी है. इसके चलते आज फिर गहलोत, पांडे और पायलट बैठकर नामों पर चर्चा करेंगे.


लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर दिल्ली में हुई बैठकों में संगठन पदाधिकारियों से मिले फीडबैक और सर्वे रिपोर्ट के आधार पर संभावित प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की गई. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक के दौरान सामने आए नामों को लेकर जयपुर पहुंचने के बाद पांडे और  पायलट ने गहलोत के साथ बैठक करते हुए सीटवार चर्चा की. इस  दौरान एक-एक सीट से सामने आए नामों पर विचार-विमर्श किया गया. सूत्रों का कहना है कि इस दौरान सभी सीटों पर चर्चा हुई, लेकिन आम सहमति कुछ सीटों पर नहीं बन पाई. जिसके कारण आज फिर तीनों नेता सीटों के समीकरण के साथ ही प्रस्तावित प्रत्याशी के नामों पर चर्चा करेंगे. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार पार्टी के आलानेता पहले हर एक सीट पर आम सहमति बनाने के बाद ही केंद्रीय चुनाव समिति को नामों की सूची भेजना चाहते हैं. जिससे टिकटों पर अंतिम चर्चा के दौरान जल्द से जल्द मुहर लग सके.


आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से की गई चर्चा के बाद केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष भेजी गई सूची में कई सीटों पर आम सहमति नहीं होने के कारण विवाद की स्थिति बन गई थी. जिसके बाद टिकट वितरण के मामले में पार्टी नेताओं के बीच खींचतान देखने को मिली थी. लेकिन, इस बार पार्टी के आलानेता पहले एकराय बनाकर नाम प्रस्तावित करना चाहते हैं, जिससे केंद्रीय चुनाव समिति को भी टिकटों पर मुहर लगाने में आसानी रहे.

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