लोकसभा चुनाव - 2019
मीडिया प्रकोष्ठ, एमसीएमसी, पेड न्यूज व विज्ञापन अधिप्रमाणन पर प्रशिक्षण,
राज्य भर के संभागियों को वीसी से दिया गया प्रशिक्षण
राजसमन्द, 27 मार्च/ राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से लोकसभा चुनाव के अन्तर्गत बुधवार शाम प्रदेश भर के मीडिया प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी एवं कार्मिकों, एमसीएमसी के सदस्यों, सभी जिलों के सूचना एवं जनसम्पर्क विभागीय अधिकारियों तथा विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति के सदस्यों व अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक (सूजस) श्री पीपी त्रिपाठी, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी (आईटी) श्री संजीव सिन्हा सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम तथा विशेषाधिकारी हरिशंकर गोयल ने संबंधित विषयों पर भारत निर्वाचन आयोग के आदेशों-निर्देशों, लोकसभा चुनाव के अन्तर्गत पेड न्यूज, विज्ञापन अधिप्रमाणन सहित एमसीएमसी के कार्यकलापों व प्रक्रियाओं आदि के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया।
वीसी से प्रशिक्षण के दौरान राजसमन्द के एनआईसी कक्ष में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (उपखण्ड अधिकारी ) सुरेश कुमार खटीक, भारत संचार निगम लि. के उप मण्डल अभियन्ता नीरज माथुर, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के उप निदेशक एवं सोशल मीडिया एक्सपर्ट हिम्मतमल कीर, वरिष्ठ नागरिक एवं मीडिया एक्सपर्ट रमेशचन्द्र आचार्य, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी पंकज कुमार साल्वी, दिनेश श्रीमाल एवं सहायक निदेशक (सूचना एवं जनसम्पर्क) आदि ने हिस्सा लिया।
वीसी के दौरान राज्य निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने संभागी प्रशिक्षणार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने वीसी में मौजूद राजस्थान के सभी जिलों के संभागियों से बेहतर दायित्व निर्वहन का आह्वान किया।
सजग रहकर करें मॉनिटरिंग
वीसी में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने कहा कि लोकसभा आम चुनाव-2019 के दौरान किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को इलेक्ट्रोनिक मीडिया, सोशल मीडिया में विज्ञापन देने के लिए प्री-सर्टिफिकेशन अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों के ई-पेपर में प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापन भी बिना सर्टिफिकेशन जारी नहीं किए जा सकते हैं।
डॉ. जोगाराम ने कहा कि चुनाव के दौरान सभी अधिकारी और अधिक सजग रहकर पेड न्यूज एवं फेक न्यूज की मॉनीटरिंग करें। उन्होंने उम्मीदवारों द्वारा प्रकाशित और प्रसारित विज्ञापनों से पूर्व प्रमाणीकरण, पेड न्यूज और फेक न्यूज को पहचानने और उससे जुड़े कानूनों के बारे में भी विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर किसी उम्मीदवार या प्रत्याशी के पक्ष या समर्थन में कोई भी ब्लॉग लिख सकता है लेकिन यदि वह विज्ञापन के रूप में प्रस्तुत किया जाता है तो उसका सर्टिफिकेशन कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसका खर्चा भी प्रत्याशी के व्यय में जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रकाशकों को भी निर्देश दिए जाएं कि वे चुनाव से जुड़े सभी प्रकाशनों पर मुद्रक, प्रकाशक और संख्या जरूर प्रकाशित करें।
इस दौरान चुनाव विभाग के ओएसडी श्री हरिशंकर गोयल ने अधिकारियों को फेक न्यूज, पेड न्यूज एवं आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए विभिन्न प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर बारां, धौलपुर, अलवर, जोधपुर, राजसमंद, जालौर सहित कई जिलों के चुनाव से जुड़े अधिकारियों ने सवाल कर जानकारी हासिल की।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण और समावेशी मतदान के लिए सभी 33 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में एमसीएमसी कमेटी का गठन किया जा चुका है। आगामी 2 अपे्रल से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद से कमेटी उम्मीदवारों द्वारा इलेक्ट्रोनिक, पिं्रट और सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित समाचारों पर और अधिक कड़ी निगरानी रखेगी।
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मीडिया प्रकोष्ठ, एमसीएमसी, पेड न्यूज व विज्ञापन अधिप्रमाणन पर प्रशिक्षण,
राज्य भर के संभागियों को वीसी से दिया गया प्रशिक्षण
राजसमन्द, 27 मार्च/ राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से लोकसभा चुनाव के अन्तर्गत बुधवार शाम प्रदेश भर के मीडिया प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी एवं कार्मिकों, एमसीएमसी के सदस्यों, सभी जिलों के सूचना एवं जनसम्पर्क विभागीय अधिकारियों तथा विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति के सदस्यों व अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक (सूजस) श्री पीपी त्रिपाठी, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी (आईटी) श्री संजीव सिन्हा सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम तथा विशेषाधिकारी हरिशंकर गोयल ने संबंधित विषयों पर भारत निर्वाचन आयोग के आदेशों-निर्देशों, लोकसभा चुनाव के अन्तर्गत पेड न्यूज, विज्ञापन अधिप्रमाणन सहित एमसीएमसी के कार्यकलापों व प्रक्रियाओं आदि के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया।
वीसी से प्रशिक्षण के दौरान राजसमन्द के एनआईसी कक्ष में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (उपखण्ड अधिकारी ) सुरेश कुमार खटीक, भारत संचार निगम लि. के उप मण्डल अभियन्ता नीरज माथुर, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के उप निदेशक एवं सोशल मीडिया एक्सपर्ट हिम्मतमल कीर, वरिष्ठ नागरिक एवं मीडिया एक्सपर्ट रमेशचन्द्र आचार्य, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी पंकज कुमार साल्वी, दिनेश श्रीमाल एवं सहायक निदेशक (सूचना एवं जनसम्पर्क) आदि ने हिस्सा लिया।
वीसी के दौरान राज्य निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने संभागी प्रशिक्षणार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने वीसी में मौजूद राजस्थान के सभी जिलों के संभागियों से बेहतर दायित्व निर्वहन का आह्वान किया।
सजग रहकर करें मॉनिटरिंग
वीसी में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. जोगाराम ने कहा कि लोकसभा आम चुनाव-2019 के दौरान किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को इलेक्ट्रोनिक मीडिया, सोशल मीडिया में विज्ञापन देने के लिए प्री-सर्टिफिकेशन अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों के ई-पेपर में प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापन भी बिना सर्टिफिकेशन जारी नहीं किए जा सकते हैं।
डॉ. जोगाराम ने कहा कि चुनाव के दौरान सभी अधिकारी और अधिक सजग रहकर पेड न्यूज एवं फेक न्यूज की मॉनीटरिंग करें। उन्होंने उम्मीदवारों द्वारा प्रकाशित और प्रसारित विज्ञापनों से पूर्व प्रमाणीकरण, पेड न्यूज और फेक न्यूज को पहचानने और उससे जुड़े कानूनों के बारे में भी विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर किसी उम्मीदवार या प्रत्याशी के पक्ष या समर्थन में कोई भी ब्लॉग लिख सकता है लेकिन यदि वह विज्ञापन के रूप में प्रस्तुत किया जाता है तो उसका सर्टिफिकेशन कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसका खर्चा भी प्रत्याशी के व्यय में जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रकाशकों को भी निर्देश दिए जाएं कि वे चुनाव से जुड़े सभी प्रकाशनों पर मुद्रक, प्रकाशक और संख्या जरूर प्रकाशित करें।
इस दौरान चुनाव विभाग के ओएसडी श्री हरिशंकर गोयल ने अधिकारियों को फेक न्यूज, पेड न्यूज एवं आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए विभिन्न प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर बारां, धौलपुर, अलवर, जोधपुर, राजसमंद, जालौर सहित कई जिलों के चुनाव से जुड़े अधिकारियों ने सवाल कर जानकारी हासिल की।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण और समावेशी मतदान के लिए सभी 33 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में एमसीएमसी कमेटी का गठन किया जा चुका है। आगामी 2 अपे्रल से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद से कमेटी उम्मीदवारों द्वारा इलेक्ट्रोनिक, पिं्रट और सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित समाचारों पर और अधिक कड़ी निगरानी रखेगी।
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