3 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले दुष्कर्मी को 4 माह में मिली उम्रकैद की सजा
चार माह पूर्व महज तीन वर्ष की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले दुष्कर्मी को पोस्को की विशेष अदालत ने जीवन के आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है. मामला जोधपुर के राई का बाग स्टेशन से जुड़ा है. वहां से यह दुष्कर्मी मासूम को उठा ले गया था और दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.लोक अभियोजक अधिकारी दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश की मासूम के साथ यह वारदात चार माह पूर्व उस समय हुई जब वह अपने परिवार के साथ जोधपुर में राई का बाग स्टेशन पर रात को ट्रेन का इंतजार कर रही थी. इस दौरान भीलवाड़ा निवासी दरिंदा कैलाशचन्द्र उसे उठाकर ले गया. रात को करीब 12 बजे जब मासूम की मां की आंख खुली तो अपनी तीन वर्षीया बेटी गायब मिली.
दरिंदा मासूम को उठाकर झाड़ियों में ले गया था
उसने अपने पति के साथ मिलकर मासूम को तलाशा, लेकिन नहीं मिलने पर जीआरपी को सूचना दी. जीआरपी व परिजनों को तलाशी के दौरान पटरियों के आसपास झाड़ियों में कुछ हलचल नजर आई. वहां जाकर देखा तो कैलाशचन्द्र मासूम के साथ हैवानियत कर रहा था. इस पर उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया और मासूम को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
सुनवाई के दौरान 30 गवाह पेश किए गए
सुनवाई के दौरन कोर्ट में कुल 30 गवाह पेश किए गए. पोस्को की विशेष अदालत के जज बन्नालाल जाट की कोर्ट ने चार माह में सुनवाई पूरी करके दुष्कर्मी को शनिवार को अंतिम सांस तक सलाखों के पीछे रहने की सजा सुनाई.
चार माह पूर्व महज तीन वर्ष की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले दुष्कर्मी को पोस्को की विशेष अदालत ने जीवन के आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है. मामला जोधपुर के राई का बाग स्टेशन से जुड़ा है. वहां से यह दुष्कर्मी मासूम को उठा ले गया था और दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.लोक अभियोजक अधिकारी दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश की मासूम के साथ यह वारदात चार माह पूर्व उस समय हुई जब वह अपने परिवार के साथ जोधपुर में राई का बाग स्टेशन पर रात को ट्रेन का इंतजार कर रही थी. इस दौरान भीलवाड़ा निवासी दरिंदा कैलाशचन्द्र उसे उठाकर ले गया. रात को करीब 12 बजे जब मासूम की मां की आंख खुली तो अपनी तीन वर्षीया बेटी गायब मिली.
दरिंदा मासूम को उठाकर झाड़ियों में ले गया था
उसने अपने पति के साथ मिलकर मासूम को तलाशा, लेकिन नहीं मिलने पर जीआरपी को सूचना दी. जीआरपी व परिजनों को तलाशी के दौरान पटरियों के आसपास झाड़ियों में कुछ हलचल नजर आई. वहां जाकर देखा तो कैलाशचन्द्र मासूम के साथ हैवानियत कर रहा था. इस पर उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया और मासूम को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
सुनवाई के दौरान 30 गवाह पेश किए गए
सुनवाई के दौरन कोर्ट में कुल 30 गवाह पेश किए गए. पोस्को की विशेष अदालत के जज बन्नालाल जाट की कोर्ट ने चार माह में सुनवाई पूरी करके दुष्कर्मी को शनिवार को अंतिम सांस तक सलाखों के पीछे रहने की सजा सुनाई.
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