जैसलमेर,पीएम किसान सम्मान निधि योजना का आगाज 24 से
पात्र लघु एवं सीमान्त किसानों का ब्यौरा
ई-मित्र पर अपलोड हो सकेगा
जैसलमेर, 21 फरवरी। जिले में लघु एवं सीमान्त किसानों को प्रत्यक्ष संबंधी सहायता आय सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएमकिसान) योजना का आगाज 24 फरवरी से किया जायेगा। इस दिन जैसलमेर तथा पोकरण में योजना का विधिवत् शुभारम्भ होगा।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने बताया कि जिले में योजना को पारदर्शी एवं त्वरित ढं़ग से लागू करने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इसे 16 फरवरी, 2019 से एक्टिेवेट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह योजना भारत सरकार द्वारा शत प्रतिशत वित्त पोषित है तथा पात्र किसान परिवार को एक वर्ष की अवधि में 6 हजार रुपये की प्रत्यक्ष संबंधी सहायता दी जायेगी। यह सहायता राशि दो-दो हजार की तीन किश्तों में दी जायेगी। उन्होंने बताया कि यह राशि आधार आधारित डेटाबेस के माध्यम से किसान के बैंक खाते में सीधे जमा होगी।
मेहता ने बताया कि योजना के लाभ से कोई भी पात्र लघु एवं सीमान्त किसान परिवार वंचित नहीं रहे और कोई भी अपात्र किसान इसका फायदा न ले सके इसको सुनिश्चित करने के लिये पात्र लाभार्थी से आधार नम्बर लिया जाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि किसी किसान के पास आधार नम्बर नहीं है तो ऐसे किसान आधार के लिये नामांकन करा योजना का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिये किसान को नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल पर अपने आधार संख्या के माध्यम से लोगिन करना होगा तथा स्वयं व भूमि स्वामित्व के बारे में आवश्यक जानकारियां अपलोड करनी होंगी। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के बारे में भी ई-साइन कर अपनी सहमति देगा।
उन्हांेने बताया कि किसान का आवेदन पत्र अपलोड होने पर स्वतः ही संबंधित पटवारी को ऑनलाइन ट्रांसफर होगा। पटवारी किसान के आवेदन पत्र में उल्लेखित सूचनाओं का भू-अभिलेख रजिस्टर से सत्यापित करते हुए तहसीलदार को फॉरवर्ड करेगा। उन्होंने बताया कि किसान को उसके द्वारा योजना के तहत किये गये आवेदन पर प्रत्येक स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रहीे है, के संबंध में एसएमएस के द्वारा सूचित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पटवारी द्वारा किसान के आवेदन की सूचनाओं को सत्यापित नहीं किया जाता है तो उसकी जानकारी भी किसान को एसएमएस द्वारा दी जायेगी। ऐसी स्थिति में किसान असंतुष्ट होने पर 7 दिवस में तहसीलदार के समक्ष अपील कर सकता है।
जिला कलक्टर ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन में किसान की सहमति के आधार पर उनके आधार संख्या को भू-राजस्व रिकार्ड में भूमि के खाते के साथ लिंक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पोर्टल के माध्यम से किसान से उसके सहकारी समिति के सदस्य होने के स्टेटस तथा फसली ऋण प्राप्त करने की आवश्यकता के संबंध में भी ब्यौरा मांगा गया है ताकि भविष्य में किसानों को उनकी मांग के अनुसार सहकारिता के माध्यम से फसली ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
--00--
मुख्यमंत्री सहायता कोष से देय सहायता राशि में बढ़ोतरी
जैसलमेर, 21 फरवरी। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से विभिन्न प्रकरणों में दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने बताया कि दुर्घटना में घायलों को दी जाने वाली सहायता राशि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए तथा दुर्घटना में मृत्यु पर आश्रितों को दी जाने वाली सहायता राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए की गई है। इसी प्रकार चिकित्सा सहायता के प्रकरणों में राजकीय अस्पताल में उपचार करवाने पर दी जाने वाली सहायता राशि 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपए की गई है। यह सहायता राशि अनुमानित व्यय का 40 प्रतिशत या अधिकतम 1 लाख 50 हजार रुपए होगी।
उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालय में उपचार करवाने पर सहायता राशि 60 हजार रुपए से बढ़ाकर 90 हजार रुपए की गई है। यह सहायता राशि अनुमानित व्यय का 30 प्रतिशत या अधिकतम 90 हजार रुपए देय होगी। चिकित्सा सहायता के प्रकरणों में वार्षिक आय की सीमा को भी एक लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए किया गया है।
पात्र लघु एवं सीमान्त किसानों का ब्यौरा
ई-मित्र पर अपलोड हो सकेगा
जैसलमेर, 21 फरवरी। जिले में लघु एवं सीमान्त किसानों को प्रत्यक्ष संबंधी सहायता आय सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएमकिसान) योजना का आगाज 24 फरवरी से किया जायेगा। इस दिन जैसलमेर तथा पोकरण में योजना का विधिवत् शुभारम्भ होगा।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने बताया कि जिले में योजना को पारदर्शी एवं त्वरित ढं़ग से लागू करने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इसे 16 फरवरी, 2019 से एक्टिेवेट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह योजना भारत सरकार द्वारा शत प्रतिशत वित्त पोषित है तथा पात्र किसान परिवार को एक वर्ष की अवधि में 6 हजार रुपये की प्रत्यक्ष संबंधी सहायता दी जायेगी। यह सहायता राशि दो-दो हजार की तीन किश्तों में दी जायेगी। उन्होंने बताया कि यह राशि आधार आधारित डेटाबेस के माध्यम से किसान के बैंक खाते में सीधे जमा होगी।
मेहता ने बताया कि योजना के लाभ से कोई भी पात्र लघु एवं सीमान्त किसान परिवार वंचित नहीं रहे और कोई भी अपात्र किसान इसका फायदा न ले सके इसको सुनिश्चित करने के लिये पात्र लाभार्थी से आधार नम्बर लिया जाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि किसी किसान के पास आधार नम्बर नहीं है तो ऐसे किसान आधार के लिये नामांकन करा योजना का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिये किसान को नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल पर अपने आधार संख्या के माध्यम से लोगिन करना होगा तथा स्वयं व भूमि स्वामित्व के बारे में आवश्यक जानकारियां अपलोड करनी होंगी। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के बारे में भी ई-साइन कर अपनी सहमति देगा।
उन्हांेने बताया कि किसान का आवेदन पत्र अपलोड होने पर स्वतः ही संबंधित पटवारी को ऑनलाइन ट्रांसफर होगा। पटवारी किसान के आवेदन पत्र में उल्लेखित सूचनाओं का भू-अभिलेख रजिस्टर से सत्यापित करते हुए तहसीलदार को फॉरवर्ड करेगा। उन्होंने बताया कि किसान को उसके द्वारा योजना के तहत किये गये आवेदन पर प्रत्येक स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रहीे है, के संबंध में एसएमएस के द्वारा सूचित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पटवारी द्वारा किसान के आवेदन की सूचनाओं को सत्यापित नहीं किया जाता है तो उसकी जानकारी भी किसान को एसएमएस द्वारा दी जायेगी। ऐसी स्थिति में किसान असंतुष्ट होने पर 7 दिवस में तहसीलदार के समक्ष अपील कर सकता है।
जिला कलक्टर ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन में किसान की सहमति के आधार पर उनके आधार संख्या को भू-राजस्व रिकार्ड में भूमि के खाते के साथ लिंक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पोर्टल के माध्यम से किसान से उसके सहकारी समिति के सदस्य होने के स्टेटस तथा फसली ऋण प्राप्त करने की आवश्यकता के संबंध में भी ब्यौरा मांगा गया है ताकि भविष्य में किसानों को उनकी मांग के अनुसार सहकारिता के माध्यम से फसली ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
--00--
मुख्यमंत्री सहायता कोष से देय सहायता राशि में बढ़ोतरी
जैसलमेर, 21 फरवरी। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से विभिन्न प्रकरणों में दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने बताया कि दुर्घटना में घायलों को दी जाने वाली सहायता राशि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए तथा दुर्घटना में मृत्यु पर आश्रितों को दी जाने वाली सहायता राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए की गई है। इसी प्रकार चिकित्सा सहायता के प्रकरणों में राजकीय अस्पताल में उपचार करवाने पर दी जाने वाली सहायता राशि 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपए की गई है। यह सहायता राशि अनुमानित व्यय का 40 प्रतिशत या अधिकतम 1 लाख 50 हजार रुपए होगी।
उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालय में उपचार करवाने पर सहायता राशि 60 हजार रुपए से बढ़ाकर 90 हजार रुपए की गई है। यह सहायता राशि अनुमानित व्यय का 30 प्रतिशत या अधिकतम 90 हजार रुपए देय होगी। चिकित्सा सहायता के प्रकरणों में वार्षिक आय की सीमा को भी एक लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए किया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें