आतंकियों से लोहा लेते हुए सीकर का लाल शहीद, लांपुआ गांव में होगा अंतिम संस्कार
सीकर जिले के लांपुआ गांव का जवान महेश कुमार मीणा सीआरपीएफ की श्रीनगर बटालियन में तैनात था. पुलवामा जिले में आतंकियो के साथ हुई मुठभेड़ में उसने डटकर मुकाबला किया और तीन गोली लगने के बाद शहीद हो गया.सीकर जिले के एक और लाड़ले ने देश की रक्षा के लिए आतंकियों से लोहा लेते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. रींगस कस्बे के लांपुआ गांव के लाड़ले महेश कुमार मीणा ने श्रीनगर के पुलवामा जिले में आतंकियो के साथ हुई मुठभेड़ में डटकर मुकाबला किया. तीन गोली लगने के बाद जवान महेश को को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया, जहां सोमवार शाम साढ़े पांच बजे उसने अंतिम सांस ली. मंगलवार को दोपहर बाद सैनिक की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव लांपुआ पहुंचेगी, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
लांपुआ गांव का जवान महेश कुमार मीणा सीआरपीएफ की श्रीनगर बटालियन में तैनात था. पांच जनवरी को पुलवामा जिले के त्राल के अरिपाल क्षेत्र के एक घर में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. सूचना पर सीआरपीएफ के जवानों ने मकान को घेर लिया. आतंकवादियों से हुई मुठभेड में दोनों ओर से जबरदस्त गोलीबारी हुई, जिसमें जवान महेश कुमार मीणा को श्वांस नली में एक व कंधे पर दो गाली लगी थी. सैनिकों ने घायल जवान को श्रीनगर के 92 बीएच सैनिक अस्पताल में भर्ती करवाया था, जिसे बाद में एम्स दिल्ली रेफर कर दिया गया था.
जवान के घायल होने के सूचना गांव में मिलने के बाद से ही मंदिरों में उनकी लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना की गई. सोमवार देर शाम ग्रामीणों को महेश के शहीद होने की सूचना मिली, जिसके बाद गांव में माहौल गमगीन हो गया. शहीद के परिजनों को इसकी सूचना नहीं दी गई. सरपंच रिछपाल सिंह बाजिया ने बताया कि शहीद का पार्थिव देह मंगलवार को दोपहर बाद ही पैतृक गांव पहुंचेगी, जिसका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएग. शहीद के परिवार में पिता गोधाराम, माता गणपति, पत्नी सरोज देवी, बेटा हर्षित व बेटी पलक है.
सीकर जिले के लांपुआ गांव का जवान महेश कुमार मीणा सीआरपीएफ की श्रीनगर बटालियन में तैनात था. पुलवामा जिले में आतंकियो के साथ हुई मुठभेड़ में उसने डटकर मुकाबला किया और तीन गोली लगने के बाद शहीद हो गया.सीकर जिले के एक और लाड़ले ने देश की रक्षा के लिए आतंकियों से लोहा लेते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. रींगस कस्बे के लांपुआ गांव के लाड़ले महेश कुमार मीणा ने श्रीनगर के पुलवामा जिले में आतंकियो के साथ हुई मुठभेड़ में डटकर मुकाबला किया. तीन गोली लगने के बाद जवान महेश को को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया, जहां सोमवार शाम साढ़े पांच बजे उसने अंतिम सांस ली. मंगलवार को दोपहर बाद सैनिक की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव लांपुआ पहुंचेगी, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
लांपुआ गांव का जवान महेश कुमार मीणा सीआरपीएफ की श्रीनगर बटालियन में तैनात था. पांच जनवरी को पुलवामा जिले के त्राल के अरिपाल क्षेत्र के एक घर में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. सूचना पर सीआरपीएफ के जवानों ने मकान को घेर लिया. आतंकवादियों से हुई मुठभेड में दोनों ओर से जबरदस्त गोलीबारी हुई, जिसमें जवान महेश कुमार मीणा को श्वांस नली में एक व कंधे पर दो गाली लगी थी. सैनिकों ने घायल जवान को श्रीनगर के 92 बीएच सैनिक अस्पताल में भर्ती करवाया था, जिसे बाद में एम्स दिल्ली रेफर कर दिया गया था.
जवान के घायल होने के सूचना गांव में मिलने के बाद से ही मंदिरों में उनकी लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना की गई. सोमवार देर शाम ग्रामीणों को महेश के शहीद होने की सूचना मिली, जिसके बाद गांव में माहौल गमगीन हो गया. शहीद के परिजनों को इसकी सूचना नहीं दी गई. सरपंच रिछपाल सिंह बाजिया ने बताया कि शहीद का पार्थिव देह मंगलवार को दोपहर बाद ही पैतृक गांव पहुंचेगी, जिसका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएग. शहीद के परिवार में पिता गोधाराम, माता गणपति, पत्नी सरोज देवी, बेटा हर्षित व बेटी पलक है.
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