विधायक हेमाराम को मंत्री नहीं बनाने का मुद्दा उठाने पर पांडे ने चलती बैठक से कांग्रेस नेता को निकाला बाहर
सीएम अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से बाड़मेर के गुढ़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है. जिसके चलते पार्टी के भीतर हलचल शुरू हो गई है....
जयपुर . गहलोत सरकार में बाड़मेर के गुढ़ामालानी से विधायक हेमाराम चौधरी को मंत्री नहीं बनाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. नाराज विधायक हेमाराम जहां जयपुर में होने के बाद भी विधानसभा में शपथ लेने के लिए नहीं पहुंचे. वहीं, लोकसभा प्रत्याशियों को लेकर हुई बैठक के दौरान भी हेमाराम चौधरी को मंत्री बनाने की मांग उठी. बैठक के बीच में एक पीसीसी सद्स्य की ओर से यह मामला उठाने के बाद नाराज प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने उसे बैठक से बाहर निकाल दिया.
दरअसल, गहलोत सरकार में बनी मंत्रिपरिषद में पूर्व मंत्री हेमाराम को जगह नहीं दी गई है. इसके बाद से ही हेमाराम नाराज हैं, साथ ही उनके समर्थकों में भी रोष बना हुआ है. ये नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है. हेमाराम जयपुर में होने के बाद भी विधानसभा में शपथ लेने के लिए नहीं पहुंचे. एकमात्र हेमाराम ही ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने शपथ नहीं ली है. वहीं, इस नाराजगी का असर मंगलवार को लोकसभा प्रत्याशियों को लेकर हुई बैठक में भी दिखाई दिया. बैठक के दौरान पीसीसी मेंबर विश्वनाथ सिंह ने ये मामला सीएम गहलोत डिप्टी सीएम पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे समेत तमाम नेताओ के सामने उठा दिया. उन्होंने भरी बैठक में कह दिया कि हेमाराम चौधरी को मंत्री नही बनाने का नुकसान पार्टी को हुआ है. अगर अब ये गलती नहीं सुधारी गई तो पार्टी को लोकसभा चुनावों में नुकसान उठाना पड़ेगा.
इस बात पर उन्हें पार्टी नेताओं के द्वारा रोका गया, लेकिन वो नहीं माने. इस पर प्रभारी अविनाश पांडे नाराज हो गए और विश्वनाथ सिंह को बाहर निकाल दिया. धोरीमन्ना प्रधान ताजा राम ने भी ये बात उठाई तो उन्हें समझा कर बैठा दिया गया. वहीं, बैठक के दौरान बाड़मेर जैसलमेर के साथ ही पाली लोकसभा पर भी मंथन हुआ . पाली ही एकमात्र ऐसा जिला रहा था जहां से कांग्रेस ने विधानसभा में एक भी सीट नही जीती थी. बैठक में भी इस बात पर चर्चा हुई . लोकसभा में प्रत्याशी को लेकर पाली कांग्रेस के नेताओं ने आलकमान पर ही सब छोड़ दिया. लेकिन इस दौरान कुछ समर्थको ने नाम लिए बगैर कहा कि टिकट किसी अनपढ़ को नही दिया जाए. इस पर गहलोत ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि हमने तो पंचायतो में भी ये बाध्यता हटा दी है.
सीएम अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से बाड़मेर के गुढ़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है. जिसके चलते पार्टी के भीतर हलचल शुरू हो गई है....
जयपुर . गहलोत सरकार में बाड़मेर के गुढ़ामालानी से विधायक हेमाराम चौधरी को मंत्री नहीं बनाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. नाराज विधायक हेमाराम जहां जयपुर में होने के बाद भी विधानसभा में शपथ लेने के लिए नहीं पहुंचे. वहीं, लोकसभा प्रत्याशियों को लेकर हुई बैठक के दौरान भी हेमाराम चौधरी को मंत्री बनाने की मांग उठी. बैठक के बीच में एक पीसीसी सद्स्य की ओर से यह मामला उठाने के बाद नाराज प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने उसे बैठक से बाहर निकाल दिया.
दरअसल, गहलोत सरकार में बनी मंत्रिपरिषद में पूर्व मंत्री हेमाराम को जगह नहीं दी गई है. इसके बाद से ही हेमाराम नाराज हैं, साथ ही उनके समर्थकों में भी रोष बना हुआ है. ये नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है. हेमाराम जयपुर में होने के बाद भी विधानसभा में शपथ लेने के लिए नहीं पहुंचे. एकमात्र हेमाराम ही ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने शपथ नहीं ली है. वहीं, इस नाराजगी का असर मंगलवार को लोकसभा प्रत्याशियों को लेकर हुई बैठक में भी दिखाई दिया. बैठक के दौरान पीसीसी मेंबर विश्वनाथ सिंह ने ये मामला सीएम गहलोत डिप्टी सीएम पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे समेत तमाम नेताओ के सामने उठा दिया. उन्होंने भरी बैठक में कह दिया कि हेमाराम चौधरी को मंत्री नही बनाने का नुकसान पार्टी को हुआ है. अगर अब ये गलती नहीं सुधारी गई तो पार्टी को लोकसभा चुनावों में नुकसान उठाना पड़ेगा.
इस बात पर उन्हें पार्टी नेताओं के द्वारा रोका गया, लेकिन वो नहीं माने. इस पर प्रभारी अविनाश पांडे नाराज हो गए और विश्वनाथ सिंह को बाहर निकाल दिया. धोरीमन्ना प्रधान ताजा राम ने भी ये बात उठाई तो उन्हें समझा कर बैठा दिया गया. वहीं, बैठक के दौरान बाड़मेर जैसलमेर के साथ ही पाली लोकसभा पर भी मंथन हुआ . पाली ही एकमात्र ऐसा जिला रहा था जहां से कांग्रेस ने विधानसभा में एक भी सीट नही जीती थी. बैठक में भी इस बात पर चर्चा हुई . लोकसभा में प्रत्याशी को लेकर पाली कांग्रेस के नेताओं ने आलकमान पर ही सब छोड़ दिया. लेकिन इस दौरान कुछ समर्थको ने नाम लिए बगैर कहा कि टिकट किसी अनपढ़ को नही दिया जाए. इस पर गहलोत ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि हमने तो पंचायतो में भी ये बाध्यता हटा दी है.
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