गहलोत सरकार में बनने वाले मंत्रियों को लेकर डिप्टी सीएम पायलट ने दिया ये बड़ा बयान
राजस्थान में नई सरकार बनने के बाद से मंत्रिपरिषद के गठन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमे से जुडे़ कई विधायक मंत्रिपरिषद में जगह पाने के लिए हर स्तर पर अपनी दावेदारों को पुख्ता करने में जुटे हैं. वहीं, इस बीच पायलट ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद शीघ्र बनेगा. साथ ही यह भी कहा कि इसमें नौजवानों और अनुभवी नेताओं को जगह मिलनी चाहिए.
नई सरकार का गठन होने के बाद अभी गहलोत और पायलट ने शपथ ग्रहण किया है. इसके बाद से ही गहलोत सरकार के मंत्रिपरिषद को लेकर सियासी चर्चा तेज है. इस सरकार में मंत्री बनने के लिए कई विधायक पूर जोर तरीके से दावेदारी जता रहे हैं. वहीं, सचिवालय में अपने लिए कमरे का अवलोकन करने के लिए पहुंचे पायलट ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मंत्रिपरिषद में नौजवानों, अनुभवी विधायकों के साथ ही सामाजिक और भौगोलिक आधार प्रतिनिधित्व होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद का गठन शीघ्र होगा. इसके लिए चर्चा शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि मंत्रीपरिषद में कौन शामिल होगा, कौन नहीं इसका फैसला सीएम, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और एआईसीसी में चर्चा के बाद किया जाएगा.
आपको बता दें कि मंत्रिपरिषद के गठन को लेकर अंदरखाने कवायद शुरू हो चुकी है. गहलोत और पायलट खेमे के करीब तीन दर्जन विधायक दावेदारी जता रहे हैं. जिसमें से कई नेता ऐसे भी हैं जो कि पूर्व में भी कांग्रेस की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वहीं, जानकारों का कहना है कि गहलोत के लिए अपनी सरकार में दोनों खेमों (खुद के और पायलट के) नेताओं को तालमेल बिठाते हुए मंत्रिपरिषद में एडजस्ट करना किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि, दोनों ही खेमों के बीच अंदरखाने खींचतान अब भी बरकरार है.
राजस्थान में नई सरकार बनने के बाद से मंत्रिपरिषद के गठन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमे से जुडे़ कई विधायक मंत्रिपरिषद में जगह पाने के लिए हर स्तर पर अपनी दावेदारों को पुख्ता करने में जुटे हैं. वहीं, इस बीच पायलट ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद शीघ्र बनेगा. साथ ही यह भी कहा कि इसमें नौजवानों और अनुभवी नेताओं को जगह मिलनी चाहिए.
नई सरकार का गठन होने के बाद अभी गहलोत और पायलट ने शपथ ग्रहण किया है. इसके बाद से ही गहलोत सरकार के मंत्रिपरिषद को लेकर सियासी चर्चा तेज है. इस सरकार में मंत्री बनने के लिए कई विधायक पूर जोर तरीके से दावेदारी जता रहे हैं. वहीं, सचिवालय में अपने लिए कमरे का अवलोकन करने के लिए पहुंचे पायलट ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मंत्रिपरिषद में नौजवानों, अनुभवी विधायकों के साथ ही सामाजिक और भौगोलिक आधार प्रतिनिधित्व होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद का गठन शीघ्र होगा. इसके लिए चर्चा शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि मंत्रीपरिषद में कौन शामिल होगा, कौन नहीं इसका फैसला सीएम, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और एआईसीसी में चर्चा के बाद किया जाएगा.
आपको बता दें कि मंत्रिपरिषद के गठन को लेकर अंदरखाने कवायद शुरू हो चुकी है. गहलोत और पायलट खेमे के करीब तीन दर्जन विधायक दावेदारी जता रहे हैं. जिसमें से कई नेता ऐसे भी हैं जो कि पूर्व में भी कांग्रेस की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वहीं, जानकारों का कहना है कि गहलोत के लिए अपनी सरकार में दोनों खेमों (खुद के और पायलट के) नेताओं को तालमेल बिठाते हुए मंत्रिपरिषद में एडजस्ट करना किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि, दोनों ही खेमों के बीच अंदरखाने खींचतान अब भी बरकरार है.
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