राजस्थान में मंत्रियों का चयन आसान नहीं होगा अशोक गहलोत और सचिन पायलट के लिए। ये हो सकते हैं संभावित मंत्री। 5 हजार लोगों से एक-एक कर मिले अशोक गहलोत
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अशोक गहलोत मुख्यमंत्री और सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री तो बन गए, लेकिन इन दोनों के लिए मंत्रियों का चयन करना आसान नहीं होगा। सीपी जोशी जैसे नेता भी राजस्थान में विधायक बन गए हैं तो केन्द्र सरकार में केबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हालांकि संविधान में उपमुख्यमंत्री का कोई पद सृजित नहीं है, लेकिन अब राजस्थान में माना तो यही जाएगा कि सचिन पायलट दूसरे नम्बर के मंत्री होंगे। यानि सीपी जोशी मंत्री बनते हैं तो उनकी गिनती तीसरे नम्बर पर होगी। गहलोत के लिए पायलट के साथ तालमेल बैठाना भी आसान नहीं होगा। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के बाद सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले गृह विभाग के प्रमुख पायलट ही होंगे। छह माह बाद मई में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते कांग्रेस को कितनी सफलता मिलती है, यह आने वाला समय बताएगा। जानकारों की माने तो गहलोत भले ही सीएम की कुर्सी पर बैठे हों, लेकिन सरकार में दखल पायलट का ही रहेगा। जो विभाग पायलट के समर्थकों को मिलेंगे उनमें पायलट ही सीएम माने जाएंगे। देखना होगा कि इन सब परिस्थितियों से गहलोत कैसे मुकाबला करते हैं। पायलट के समर्थकों को हमेशा यही पीड़ा रहेगी कि राजनीति में जाजम हमने बिछाई थी उस पर गहलोत आकर बैठ गए।
संभावित मंत्री:
सीएम और डिप्टी सीएम तय होने के बाद अब मंत्रियों की बारी है। माना जा रहा है कि सीएम को लेकर दिल्ली में दो दिन तक जो घमासान हुआ, उसमें मोटे तौर पर मंत्री भी तय हो गए हैं। ये मंत्री गहलोत और पायलट खेमे में बंटे हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार सीपी जोशी, बीडी कल्ला, रघु शर्मा, शांति धारीवाल, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, प्रताप सिंह खाचरियावास, महेश जोशी, हरीश मीणा, जीआर खटाणा, रमेशचंद मीणा, प्रमोद जैन भाया, अशोक चांदना, भरत सिंह, राजेन्द्र पारीक, गोविंद सिंह डोटासर, बृजेन्द्र ओला, डाॅ. जीतेन्द्र सिंह, कृष्णा पूनिया, मास्टर भंवरलाल शर्मा, विजयपाल मिर्धा, शकंुतला रावत, सालेह मोहम्मद, हरीश च ौधरी, हेमाराम च ौधरी, उमीन खान, जाहिदा, विश्वेन्द्र सिंह, उदयलाल आंजना, राजेन्द्र विधूड़ी व रामलाल जाट मंत्री बनाए जा सकते हैं। जातीय समीकरण और जिलावर प्रतिनिधित्व देने के लिए सूची में बदलाव भी हो सकता है। बसपा प्रमुख मायावती ने बिना शर्त 6 विधायकों का समर्थन दिया था, इसलिए बसपा के एक या दो विधायक भी मंत्री बन सकते हैं। इसी प्रकार आरएलडी के एक मात्र विधायक डाॅ. सुभाष गर्ग की लाॅटरी भी खुल सकती हैं। डाॅ. गर्ग गहलोत के पिछले कार्यकाल में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे थे।
5 हजार लोगों से एक-एक कर मिले अशोक गहलोतः
15 दिसम्बर को जयपुर में अपने सरकारी आवास और प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय में मनोनीत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोई पांच हजार लोगों से एक एक कर मुलाकात की। असल में गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा के बाद से हजारों समर्थक गहलोत के घर के बाहर जमा थे। 15 दिसम्बर को सुबह भी बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। लोगों की भीड़ को देखते हुए पायलट स्वयं मुख्य दरवाजे पर आए और एक-एक कर लोगों से मुलाकात की। गहलोत ने अपने समर्थकों के हाथों माला पहनी तथा मोबाइल पर सेल्फी भी खींचवाई। गहलोत ने अपने किसी भी समर्थक को निराशा नहीं किया। गहलोत तब तक लोगों से हाथ मिलाते रहे, जब तक भीड़ खत्म नहीं हुई। बिना सुरक्षा के लोगों से मिलना गहलोत की लोकप्रियता को दर्शाता है। राजनीति में ऐसा कम ही होता है, जब इतने बड़े कद का नेता इतनी बड़ी भीड़ से एक-एक कर मिले। लेकिन लगता है कि गहलोत ने लोगों की भावनाओं के अनुरूप मुलाकात की। हालांकि गहलोत 17 दिसम्बर को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन 15 दिसम्बर को ही गहलोत ने अपनी जनसेवक की भूमिका का प्रदर्शन कर दिया।
एस.पी.मित्तल) (15-12-18)
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