*बाड़मेर जैसलमेर चार लाख वोटरों को भाजपा ने अनदेखा किया,बनिया,आर आर ,ब्राह्मण खफा*
*राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के मूल वोटरो को इस बार बाड़मेर जेसलमेर में भाजपा ने प्रतिनिधित्व न देकर दरकिनार कर दिया। भाजपा को यह अनदेखी भारी पड़ सकती है। कल रात अंतिम सूची के साथ बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र के सभी आठ विधानसभा के उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है।।भाजपा के मूल वोटर ब्राह्मण,बनिया और राणा राजपूत समाज को कही से प्रतिनिधित्व नही मिला।।बाड़मेर जेसलमेर लोकसभा में एक लाख बनिया(जैन,अग्रवाल,माहेश्वरी)सवा से डेढ़ लाख ब्राह्मण ,सवा दो लाख रावण राजपूत मतदाता है।।इन तीन जातियों के करीब चार लाख से अधिक मतदाता है जो सीधे तौर से भाजपा से परंपरागत जुड़े है।।बाडमेर पचपदरा से इन जातियों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता था।।मगर बड़ी जातियों के फेर में उलझी भाजपा ने बड़ी संख्या के इन मतदाताओं को प्रतिनिधित्व के लायक नही समझा।।भाजपा की इस अनदेखी को लेकर इन समाजो में सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है।।सूत्रों की माने तो भाजपा जाट राजपूतो के चक्कर मे अपने मूल वोटर पर पकड़ खोती जा रही है जिसका खामियाजा पार्टी चुनाव में भुगतेगी।। रावणा राजपूत समाज के धन सिंह मौसेरी ने शिव से सशक्त दावेदारी पेश की थी।।मगर पार्टी ने एंवक़्क़त पर धनाढ्य व्यक्ति को टिकट देकर अध्याय समाप्त कर लिया।।निकट भविष्य में इन तीन जातियों का गठजोड़ महासम्मेलन कराने जा रहा है।।
*राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के मूल वोटरो को इस बार बाड़मेर जेसलमेर में भाजपा ने प्रतिनिधित्व न देकर दरकिनार कर दिया। भाजपा को यह अनदेखी भारी पड़ सकती है। कल रात अंतिम सूची के साथ बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र के सभी आठ विधानसभा के उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है।।भाजपा के मूल वोटर ब्राह्मण,बनिया और राणा राजपूत समाज को कही से प्रतिनिधित्व नही मिला।।बाड़मेर जेसलमेर लोकसभा में एक लाख बनिया(जैन,अग्रवाल,माहेश्वरी)सवा से डेढ़ लाख ब्राह्मण ,सवा दो लाख रावण राजपूत मतदाता है।।इन तीन जातियों के करीब चार लाख से अधिक मतदाता है जो सीधे तौर से भाजपा से परंपरागत जुड़े है।।बाडमेर पचपदरा से इन जातियों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता था।।मगर बड़ी जातियों के फेर में उलझी भाजपा ने बड़ी संख्या के इन मतदाताओं को प्रतिनिधित्व के लायक नही समझा।।भाजपा की इस अनदेखी को लेकर इन समाजो में सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है।।सूत्रों की माने तो भाजपा जाट राजपूतो के चक्कर मे अपने मूल वोटर पर पकड़ खोती जा रही है जिसका खामियाजा पार्टी चुनाव में भुगतेगी।। रावणा राजपूत समाज के धन सिंह मौसेरी ने शिव से सशक्त दावेदारी पेश की थी।।मगर पार्टी ने एंवक़्क़त पर धनाढ्य व्यक्ति को टिकट देकर अध्याय समाप्त कर लिया।।निकट भविष्य में इन तीन जातियों का गठजोड़ महासम्मेलन कराने जा रहा है।।
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