वसुंधरा के खास मंत्री यूनुस का छलका दर्द
जयपुर . चुनावी मैदान में छिड़े संग्राम के बीच भाजपा की ओर से जारी की गई प्रत्याशियों की पहली सूची में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खासमखास मंत्री यूनुस खान का नाम नहीं होने से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. पहली सूची में युनूस का नाम गायब होने के चलते कई तरह की सियासी चर्चाओं के साथ ही कयास जन्म ले रहे हैं. वहीं, प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए यूनुस खान ने भी अपना दर्द जाहिर किया. उन्होंने कहा कि कि वे कोर कमेटी में शामिल हैं, लेकिन, खुद की टिकट के लिए कैसे बोलें?
भाजपा की ओर से जारी की गई पहली सूची मंत्री युनूस समेत कई मंत्रियों के नाम नहीं है. लेकिन, सियासी चर्चा युनूस को लेकर तेज है. सियासी हल्कों में ये चर्चा लिस्ट जारी होने के बाद से ही बनी हुई है कि वसुंधरा अपने सबसे खासम खास मंत्री युनूस को टिकट नहीं दिला पाई. सूची में खुद का नाम गायब होने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान युनुस ने अपनी पीड़ा जाहिर की. मुख्यमंत्री आवास पर सीएम से मुलाकात करने आए परिवहन मंत्री ने बातचीत के दौरान कहा कि पार्टी यदि उन्हें चुनाव में टिकट देगी तो वह लड़ेंगे, वरना भाजपा के लिए ही काम करेंगे. यूनुस खान प्रदेश कोर कमेटी और चुनाव प्रबंधन समिति में सदस्य भी हैं. यही दोनों समितियां प्रत्याशी चयन और टिकट वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. बावजूद इसके यूनुस खान का नाम भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में नहीं आ सका . मतलब साफ है कि यूनुस खान के टिकट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
यही कारण है कि जो यूनुस खान रायशुमारी के दौरान तक मीडिया में यह बयान देते नहीं थकते थे कि वह डीडवाना से ही अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब यूनुस खान कहते हैं कि यदि पार्टी उन्हें टिकट देगी तो वह चुनाव लड़ेंगे वरना पार्टी का काम करेंगे. उन्होंने बताया कि पार्टी का जो फैसला होगा वह उसके साथ खड़े रहेंगे. हालांकि यूनुस खान के मन में इस बात की पीड़ा जरूर है कि प्रदेश भाजपा की दो प्रमुख समितियों में शामिल होने के बावजूद उनका नाम पहली सूची में नहीं आ पाया.
हालांकि इस बारे में जब उनसे सवाल किया तो खान ने कहा कि वो इन दोनों ही प्रमुख समितियों में शामिल जरूर हैं, लेकिन समिति में रहकर खुद के टिकट के बारे में बोलूं तो यह शोभा नहीं देता. गौरतलब है कि भाजपा की ओर से जारी प्रत्याशियों की पहली सूची में 131 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया था. लेकिन इस सूची में एक भी मुस्लिम समाज से होने वाले प्रत्याशी का नाम नहीं था. पहली सूची में नागौर से मौजूदा मुस्लिम विधायक हबीबुर्रहमान का टिकट भी काट दिया गया. जबकि यूनुस खान के विधानसभा क्षेत्र डीडवाना में प्रत्याशी के नाम का ऐलान होल्ड पर रखा हुआ है.
जयपुर . चुनावी मैदान में छिड़े संग्राम के बीच भाजपा की ओर से जारी की गई प्रत्याशियों की पहली सूची में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खासमखास मंत्री यूनुस खान का नाम नहीं होने से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. पहली सूची में युनूस का नाम गायब होने के चलते कई तरह की सियासी चर्चाओं के साथ ही कयास जन्म ले रहे हैं. वहीं, प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए यूनुस खान ने भी अपना दर्द जाहिर किया. उन्होंने कहा कि कि वे कोर कमेटी में शामिल हैं, लेकिन, खुद की टिकट के लिए कैसे बोलें?
भाजपा की ओर से जारी की गई पहली सूची मंत्री युनूस समेत कई मंत्रियों के नाम नहीं है. लेकिन, सियासी चर्चा युनूस को लेकर तेज है. सियासी हल्कों में ये चर्चा लिस्ट जारी होने के बाद से ही बनी हुई है कि वसुंधरा अपने सबसे खासम खास मंत्री युनूस को टिकट नहीं दिला पाई. सूची में खुद का नाम गायब होने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान युनुस ने अपनी पीड़ा जाहिर की. मुख्यमंत्री आवास पर सीएम से मुलाकात करने आए परिवहन मंत्री ने बातचीत के दौरान कहा कि पार्टी यदि उन्हें चुनाव में टिकट देगी तो वह लड़ेंगे, वरना भाजपा के लिए ही काम करेंगे. यूनुस खान प्रदेश कोर कमेटी और चुनाव प्रबंधन समिति में सदस्य भी हैं. यही दोनों समितियां प्रत्याशी चयन और टिकट वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. बावजूद इसके यूनुस खान का नाम भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में नहीं आ सका . मतलब साफ है कि यूनुस खान के टिकट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
यही कारण है कि जो यूनुस खान रायशुमारी के दौरान तक मीडिया में यह बयान देते नहीं थकते थे कि वह डीडवाना से ही अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब यूनुस खान कहते हैं कि यदि पार्टी उन्हें टिकट देगी तो वह चुनाव लड़ेंगे वरना पार्टी का काम करेंगे. उन्होंने बताया कि पार्टी का जो फैसला होगा वह उसके साथ खड़े रहेंगे. हालांकि यूनुस खान के मन में इस बात की पीड़ा जरूर है कि प्रदेश भाजपा की दो प्रमुख समितियों में शामिल होने के बावजूद उनका नाम पहली सूची में नहीं आ पाया.
हालांकि इस बारे में जब उनसे सवाल किया तो खान ने कहा कि वो इन दोनों ही प्रमुख समितियों में शामिल जरूर हैं, लेकिन समिति में रहकर खुद के टिकट के बारे में बोलूं तो यह शोभा नहीं देता. गौरतलब है कि भाजपा की ओर से जारी प्रत्याशियों की पहली सूची में 131 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया था. लेकिन इस सूची में एक भी मुस्लिम समाज से होने वाले प्रत्याशी का नाम नहीं था. पहली सूची में नागौर से मौजूदा मुस्लिम विधायक हबीबुर्रहमान का टिकट भी काट दिया गया. जबकि यूनुस खान के विधानसभा क्षेत्र डीडवाना में प्रत्याशी के नाम का ऐलान होल्ड पर रखा हुआ है.
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