पुलिस थाने पहुंचकर नौजवन बोला, पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या करके आया हूं
श्रीगंगानगर/घड़सान /
भारत में सुबह चार बजे का समय था। घड़साना पुलिस थाना में रात्रिकालीन ड्यूटी अधिकारी गश्त कर लौटे ही थे कि वहां एक नौजवान बदहवास पहुंचा। उसको देखकर पुलिस ने अलसुबह थाने आने का कारण पूछा और उसने जो बताया, उसको सुनकर पुलिस भी हैरान रह गयी। तुरंत थानाधिकारी को सूचित किया गया और फिर कुछ ही क्षणों में एक पुलिस टीम उस युवक को लेकर सरकारी जीप से रवाना भी हो गयी। 4 एमडी के पास जाकर देखा तो वहां एक युवती और युवक की लाश मिली। दोनों की हत्या कर दी गयी थी और हत्या करना उसी नौजवान युवक ने स्वीकार किया था। बताया कि युवती उसकी पत्नी है और युवक उसकी मौसी का बेटा, भाई है। वहां पर ग्रामीणों की भी भीड़ लग गयी और सूरज निकलने से पहले ही पुलिस ने सारे साक्ष्य जुटाकर पंचनामा तैयार किया और शव को सरकारी अस्पताल की डैडबॉडी में रखवा दिया।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार 4 एमडी निवासी 28 वर्षीय गुरतेजसिंह उर्फ तेजू पुत्र गुरचरणसिंह मजबीसिख का विवाह गगनदीप कौर के साथ कुछ साल पहले हो गया था। 25 साल की गगनदीप कौर के साथ उसका दाम्पत्य जीवन सुखी गुजर रहा था। इस कहानी में ट्विस्ट उस समय आया, जब गुरतेजसिंह का मौसी का बेटा सर्वजीतसिंह वहां आ गया।
वहां वह काम के सिलसिले में आया था। दोनों एक ही घर में रहकर काम कर रहे थे। इस दौरान न जाने कब गगनदीप कौर और सर्वजीतसिंह के बीच आकर्षण पैदा हो गया और फिर यह आकर्षण शारीरिक संबंधों में बदल गया। दोनों के बीच सैक्स का यह खेल चल रहा था और एक दिन वही हो गया, जिसका भय था। गुरतेजसिंह ने दोनों को एक दिन हमबिस्तर होते हुए पकड़ लिया। इसके बाद घर में कलह हुई। दोनों पक्षों के बीच समझाइश हुई लेकिन कोई असर नहीं हुआ तो 15 दिन पहले गगनदीप कौर पति को छोड़कर उसकी मौसी के बेटे सर्वजीतसिंह के साथ रहने लगी। दोनों लिव-इन रिलेशन में रह रहे थे और गुरतेजसिंह को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने बीती रात दोनों पर निगाह रखी हुई थी। गगनदीप कौर और सर्वजीतसिंह बीती रात गंगानगर गये थे। वहां वे रात करीबन 1 बजे उतरे। अनूपगढ़ रोड पर वे जा रहे थे कि गुरतेजसिंह ने उनका पीछा आरंभ कर दिया। रात का अंधेरा था। हल्की-हल्की ठंड भी थी। सड़क सुनसान थी। जैसे ही वे दोनों लिंक रोड की ओर गये, उसी समय गुरतेजसिंह ने एक भारी पत्थर का वार सर्वजीतसिंह के सिर पर कर दिया। वह नीचे गिर गया। उसके बाद गुरतेजसिंह ने कई वार उसके सिर पर किये, जिससे उसकी मौत हो गयी। गगनदीप इस घटनाक्रम को देखकर सहम गयी थी। उसने उसको बहलाया-फुसलाया और फिर वह उसको कुछ दूरी पर ले गया, वहां जाकर उसने गगनदीप की चुनरी से ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। शव को वहीं फेंककर वह पहले अपने घर पर गया। काफी देर तक इधर-उधर के मन में विचार आये। आखिर में वह सीधे थाने गया। थाना जाकर पुलिस को बताया, साहब! मैंने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या कर दी है। थानाधिकारी मोहम्मद अनवर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गये थे। शवों का पंचनामा किया। मारे गये युवती और उसके पिता को बुलाया। दोनों ने एक संयुक्त रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर हत्या का मुकदमा आरोपी के खिलाफ दर्ज किया गया है। थानाधिकारी ने युवक को राउंडअप कर उससे पूछताछ आरंभ की है। इससे और भी जानकारी पुलिस को मिल सकती हैं। वहीं थानाधिकारी मोहम्मद अनवर की गयी तुरंत कार्यवाही से घड़साना निवासियों ने प्रशंसा की है।
श्रीगंगानगर/घड़सान /
भारत में सुबह चार बजे का समय था। घड़साना पुलिस थाना में रात्रिकालीन ड्यूटी अधिकारी गश्त कर लौटे ही थे कि वहां एक नौजवान बदहवास पहुंचा। उसको देखकर पुलिस ने अलसुबह थाने आने का कारण पूछा और उसने जो बताया, उसको सुनकर पुलिस भी हैरान रह गयी। तुरंत थानाधिकारी को सूचित किया गया और फिर कुछ ही क्षणों में एक पुलिस टीम उस युवक को लेकर सरकारी जीप से रवाना भी हो गयी। 4 एमडी के पास जाकर देखा तो वहां एक युवती और युवक की लाश मिली। दोनों की हत्या कर दी गयी थी और हत्या करना उसी नौजवान युवक ने स्वीकार किया था। बताया कि युवती उसकी पत्नी है और युवक उसकी मौसी का बेटा, भाई है। वहां पर ग्रामीणों की भी भीड़ लग गयी और सूरज निकलने से पहले ही पुलिस ने सारे साक्ष्य जुटाकर पंचनामा तैयार किया और शव को सरकारी अस्पताल की डैडबॉडी में रखवा दिया।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार 4 एमडी निवासी 28 वर्षीय गुरतेजसिंह उर्फ तेजू पुत्र गुरचरणसिंह मजबीसिख का विवाह गगनदीप कौर के साथ कुछ साल पहले हो गया था। 25 साल की गगनदीप कौर के साथ उसका दाम्पत्य जीवन सुखी गुजर रहा था। इस कहानी में ट्विस्ट उस समय आया, जब गुरतेजसिंह का मौसी का बेटा सर्वजीतसिंह वहां आ गया।
वहां वह काम के सिलसिले में आया था। दोनों एक ही घर में रहकर काम कर रहे थे। इस दौरान न जाने कब गगनदीप कौर और सर्वजीतसिंह के बीच आकर्षण पैदा हो गया और फिर यह आकर्षण शारीरिक संबंधों में बदल गया। दोनों के बीच सैक्स का यह खेल चल रहा था और एक दिन वही हो गया, जिसका भय था। गुरतेजसिंह ने दोनों को एक दिन हमबिस्तर होते हुए पकड़ लिया। इसके बाद घर में कलह हुई। दोनों पक्षों के बीच समझाइश हुई लेकिन कोई असर नहीं हुआ तो 15 दिन पहले गगनदीप कौर पति को छोड़कर उसकी मौसी के बेटे सर्वजीतसिंह के साथ रहने लगी। दोनों लिव-इन रिलेशन में रह रहे थे और गुरतेजसिंह को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने बीती रात दोनों पर निगाह रखी हुई थी। गगनदीप कौर और सर्वजीतसिंह बीती रात गंगानगर गये थे। वहां वे रात करीबन 1 बजे उतरे। अनूपगढ़ रोड पर वे जा रहे थे कि गुरतेजसिंह ने उनका पीछा आरंभ कर दिया। रात का अंधेरा था। हल्की-हल्की ठंड भी थी। सड़क सुनसान थी। जैसे ही वे दोनों लिंक रोड की ओर गये, उसी समय गुरतेजसिंह ने एक भारी पत्थर का वार सर्वजीतसिंह के सिर पर कर दिया। वह नीचे गिर गया। उसके बाद गुरतेजसिंह ने कई वार उसके सिर पर किये, जिससे उसकी मौत हो गयी। गगनदीप इस घटनाक्रम को देखकर सहम गयी थी। उसने उसको बहलाया-फुसलाया और फिर वह उसको कुछ दूरी पर ले गया, वहां जाकर उसने गगनदीप की चुनरी से ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। शव को वहीं फेंककर वह पहले अपने घर पर गया। काफी देर तक इधर-उधर के मन में विचार आये। आखिर में वह सीधे थाने गया। थाना जाकर पुलिस को बताया, साहब! मैंने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या कर दी है। थानाधिकारी मोहम्मद अनवर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गये थे। शवों का पंचनामा किया। मारे गये युवती और उसके पिता को बुलाया। दोनों ने एक संयुक्त रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर हत्या का मुकदमा आरोपी के खिलाफ दर्ज किया गया है। थानाधिकारी ने युवक को राउंडअप कर उससे पूछताछ आरंभ की है। इससे और भी जानकारी पुलिस को मिल सकती हैं। वहीं थानाधिकारी मोहम्मद अनवर की गयी तुरंत कार्यवाही से घड़साना निवासियों ने प्रशंसा की है।
Role of Police And Its Power To Investigate
जवाब देंहटाएंAccording to the preamble of Police Act, 1861 “the police officer is an instrument for the prevention and detection of crime. If any person is in trouble or he is having threat to his life he always remember the protector of our rights i.e police.
Officer incharge of police station is required to perform some specific duties when he receives some information not only about commission of cognizable offence, but also about commission of non-cognizable offence. Main difference between performances of such duties is that he is not to refer information to magistrate in case of commission of cognizable offence while he is to refer informant to magistrate in case of commission of non-cognizable offence.
https://readconcepts.com/role-of-police-and-its-power-to-investigate/