*थार की राजनीति और राजनीतिज्ञ फिर चोंकायेंगे*
*कई दिग्गजों के इधर उधर होने की चर्चाएं।।*
*थार की राजनीति में टिकट को लेकर घमासान मचा है। ऐसा ग़दर टिकट को लेकर कोई पहली बार नही है।।भाजपा और कांग्रेस इस बार कोई रिस्क लेने की स्थति में नही है। प्रतिदिन टिकट फाइनल होने की अफवाहों का बाजार गर्म होता है। दोनो दलों ने पता नही कितनी स्तरीय कमिटियां टिकट वितरण के लिए बना रखी है।प्रतिदिन टिकटों को लेकर दोनो दलों के वरिष्ठजन मगजमारी कर रहे।।समस्या दोनो दलों में है कि सर्वे या रायसुमारी में जनता की अनदेखी की गई। रायसुमारी और सर्वे कार्यकर्ताओ से ली गई तो नाम वो के वो ही आ रहे। नए चेहरे कुछ सीट पर प्रभावी बन कर उभरे है तो कई जगह नए चेहरे ही नही मिल रहे।।बाड़मेर जेसलमेर की राजनीति में मतदाताओं और राजनीति में रुचि रखने वालों की धड़कने बढ़ी हुई है। उत्सुकता चरम पर है। हर नेता का समर्थक अपने नेता की टिकट फाइनल बता रहे है तो कई नेता समर्थकों के माध्यम से खबरे भी वायरल करा पार्टियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है।तो कुछ नेताओं पार्टियों दवाई टिकट वितरण के लिए जारी गाइड लाइन और वरिष्ट नेताओ के वक्तव्य का सहारा लेकर खबरों में बने रह रहे है।।
*आने वाले दिनों में थार की राजनीति में बड़ी उठा पटक का दौर चलने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता।।दोनो दलों के कई चेहरे पार्टियां बदलेंगे।।टिकट वितरण के साथ फिर धमाकों के दौर शुरू होगा।।सुप्रीम कोर्ट ने भले ही दीपावली को पटाखे चलाने का समय निर्धारित कर दिया पर राजनीतिक बम फूटने का समय निर्धारित नही है इसीलिए धमाके तो होने ही है।खासकर शिव,चौहटन,बाड़मेर, जेसलमेर की सीटों पर टिकट वितरण के बाद बम फूटेंगे। बाडमेर एक बड़े नेता दस जनपथ पुराने साथियों के माध्यम से सम्पर्क साधने के प्रयास कर रहे है ऐसी भी खबर है ।।भाजपा ने जो टिकट बाडमेर जेसलमेर केलिए तय किये थे उन नामो से अमित शाह द्वारा 4 दिन पहले ही कराए गए सर्वे में उन उम्मीदवारों को जीत के लायक नही समझा तो फिर स्क्रीनिंग हुई।।कल शिव से गिरधर सिंह कोटड़ा को खास तौर से मुख्यमंत्री ने जयपुर बुलाया।।कांग्रेस एक दो सीटों को छोड़ सबपे उम्मीदवार तय कर चुकी है।।एक नवम्बर को जेसलमेर को सीट का भविष्य निर्धारण होगा।।यह तय है दोनो दलों की सेफ सूची एक एक दिवाली से पहले आएगी बाकी दिवाली के बाद।।।भाजपा में टिकट संघ,वसुंधरा राजे और अमित शाह के बीच डोल रही है।।वसुंधरा राजे के प्रत्यासी संघ को पसन्द नही आ रहे।।अमित शाह डंडा लेकर तैयार है संघ की पैरवी और तवज्जो देने के लिए।।बार बार सर्वे और रायसुमारी के बाद भी उम्मीदवार तय नही हो रहे।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें