जैसलमेर,ईवीएम से मतदान पर शंका होने पर मतदाता कर सकते है षिकायत
सूचना गलत निकली तो षिकायतकर्ता मतदाता को होगी 6 माह की कैद
जैसलमेर, 20 अक्टूबर। ईवीएम मषीन से वोट देने के दौरान यदि किसी मतदाता को कोई सषंय हो तो वह इसे चुनौती दे सकते है। यदि मतदाता यह दावा करता है कि उसने वोट किसी को दिया है और वह किसी अन्य उम्मीदवार को चला गया है, उस स्थिति में मतदाता को एक घोषणा-पत्र भरना होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) ओम कसेरा ने बताया कि मतदाता की षिकायत के आधार पर जांच की जाएगी। अगर षिकायत सही पायी जाती है तो दुबारा वोट करने दिया जाएगा लेंकिन मतदाता का दावा झूठा साबित हुवा तो उसे 6 महीने का कारावास का प्रावधान किया गया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) ने बताया कि हालांकि इस स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इस ईवीएम के साथ वीवीपेट मषीन से मतदाता की ओर से वोट डालने के बाद संबंधित प्रत्याषी का नाम , चुनाव चिन्ह और क्रमांक वाली पर्ची 7 सैकण्ड तक दिखाई देगी । यह सुविधा चुनाव आयोग ने इसलिये की है ताकि मतदाताओं को पता चले कि उनका वोट उनके पसन्द के उम्मीदवार को ही गया है। रिटर्निंग अधिकारी की ओर से संबंधित मतदाता से पोलिंग एजेण्ट एवं सहायक कर्मचारियों की उपस्थिति में 49 एमए के घोषणा-पत्र भरवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसे भरने के बाद मतदाता के हस्ताक्षर लिये जाएगें। इसके बाद वीवीपेट मषीन को चैक किया जाएगा। मषीन चैक करने पर षिकायत सही पाई जाती हैं तो उक्त मषीन से मतदान रुकवा दिया जायेगा। इस स्थिति में अगर मतदाता की षिकायत झूठी निकली तो धारा 177 आईपीसी एवं 49 एमए के तहत चुनाव आयोग तत्काल प्रभाव से मामला दर्ज करवाएगा और मतदाता को पुलिस के हवाले कर कार्यवाही शुरु कर दी जाएगी। इसमें 6 महीने का सश्रम कारावास होने का प्रावधान है।
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सूचना गलत निकली तो षिकायतकर्ता मतदाता को होगी 6 माह की कैद
जैसलमेर, 20 अक्टूबर। ईवीएम मषीन से वोट देने के दौरान यदि किसी मतदाता को कोई सषंय हो तो वह इसे चुनौती दे सकते है। यदि मतदाता यह दावा करता है कि उसने वोट किसी को दिया है और वह किसी अन्य उम्मीदवार को चला गया है, उस स्थिति में मतदाता को एक घोषणा-पत्र भरना होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) ओम कसेरा ने बताया कि मतदाता की षिकायत के आधार पर जांच की जाएगी। अगर षिकायत सही पायी जाती है तो दुबारा वोट करने दिया जाएगा लेंकिन मतदाता का दावा झूठा साबित हुवा तो उसे 6 महीने का कारावास का प्रावधान किया गया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) ने बताया कि हालांकि इस स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इस ईवीएम के साथ वीवीपेट मषीन से मतदाता की ओर से वोट डालने के बाद संबंधित प्रत्याषी का नाम , चुनाव चिन्ह और क्रमांक वाली पर्ची 7 सैकण्ड तक दिखाई देगी । यह सुविधा चुनाव आयोग ने इसलिये की है ताकि मतदाताओं को पता चले कि उनका वोट उनके पसन्द के उम्मीदवार को ही गया है। रिटर्निंग अधिकारी की ओर से संबंधित मतदाता से पोलिंग एजेण्ट एवं सहायक कर्मचारियों की उपस्थिति में 49 एमए के घोषणा-पत्र भरवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसे भरने के बाद मतदाता के हस्ताक्षर लिये जाएगें। इसके बाद वीवीपेट मषीन को चैक किया जाएगा। मषीन चैक करने पर षिकायत सही पाई जाती हैं तो उक्त मषीन से मतदान रुकवा दिया जायेगा। इस स्थिति में अगर मतदाता की षिकायत झूठी निकली तो धारा 177 आईपीसी एवं 49 एमए के तहत चुनाव आयोग तत्काल प्रभाव से मामला दर्ज करवाएगा और मतदाता को पुलिस के हवाले कर कार्यवाही शुरु कर दी जाएगी। इसमें 6 महीने का सश्रम कारावास होने का प्रावधान है।
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