जालोर स्वाभिमान रैली को लेकर चित्रा सिंह ने जालोर जिले में सभाए आयोजित की*
*स्वाभिमान की इस जंग को अंजाम तक पहुँचान्स हमारी जिमेदारी।
स्वाभिमान अमर है अमर रहेगा,चोट पहुंचाने वालो को सबक सिखाएंगे।।*
*जालोर 22 सिंतम्बर को पचपदरा में आयोजित होने वाली स्वाभिमान रैली के लिए श्रीमती चित्रा सिंह जसोल ने आज जालोर जिले के सायला सिराणा जालोर आहोर बिदाना शिवगंज सहित दर्जन भर स्थानों पे जनसंपर्क सभाए आयोजित की।।जालोर में चित्रा सिंह का जोरदार स्वागत हुआ।उन्होंने आशापूर्ण मन्दिर में धोक भी लगाई।।सभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की पहचान है स्वाभिमान।।स्वाभिमान की गाथाओं से इतिहास भरा पड़ा है। आज हम फिर स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने को मजबूर होना पड़ा।।आज 36 कौम के स्वाभिमान का अस्तित्व सरकार ने खतरे में डाल दिया।उन्होंने कहा कि जिनके रागों में खून दौड़ाता है वो स्वाभिमान की कीमत समझते है।राजस्थान सरकार ने हर वर्ग के स्वाभिमान पर बार बार चोट पहुंचाई।।चोट से हम आहत नही है।मगर हमारे अस्तित्व और स्वाभिमान को चुनोती देने वाली सरकार का हमे अंत करना है। हम फिर अपने स्वाभिमान को जगाए।।आओ हम मिलकर इस जंग को जीते। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई आम आदमी की है गरीब की है दलित की है। इसे हमे अंजाम तक पहुंचना है।सभाओं में वीर बहादुर सिंह राठौड़ के ओजस्वी भाषणों ने नया जोश युवाओ में संचार किया।।राठौड़ ने कहा कि स्वाभिमान नई परम्परा नही है। अमर सिंह राठोड से शुरू हुआ स्वाभिमान शिवाजी, महाराणा प्रताप जैसे कई योद्धाओं ने स्वाभिमान को अमर रखा।।आज हमारी बारी है।हमे अपने स्वाभिमान को जिंदा रखना है। सत्ता में बैठे नेता हमारे स्वाभिमान को कुचल नही सकते।।ऐसे कई नेरा आएंगे जाएंगे।हमारे वजूद को मिटाना तो दूर छू नही सकते।।
*स्वाभिमान की इस जंग को अंजाम तक पहुँचान्स हमारी जिमेदारी।
स्वाभिमान अमर है अमर रहेगा,चोट पहुंचाने वालो को सबक सिखाएंगे।।*
*जालोर 22 सिंतम्बर को पचपदरा में आयोजित होने वाली स्वाभिमान रैली के लिए श्रीमती चित्रा सिंह जसोल ने आज जालोर जिले के सायला सिराणा जालोर आहोर बिदाना शिवगंज सहित दर्जन भर स्थानों पे जनसंपर्क सभाए आयोजित की।।जालोर में चित्रा सिंह का जोरदार स्वागत हुआ।उन्होंने आशापूर्ण मन्दिर में धोक भी लगाई।।सभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की पहचान है स्वाभिमान।।स्वाभिमान की गाथाओं से इतिहास भरा पड़ा है। आज हम फिर स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने को मजबूर होना पड़ा।।आज 36 कौम के स्वाभिमान का अस्तित्व सरकार ने खतरे में डाल दिया।उन्होंने कहा कि जिनके रागों में खून दौड़ाता है वो स्वाभिमान की कीमत समझते है।राजस्थान सरकार ने हर वर्ग के स्वाभिमान पर बार बार चोट पहुंचाई।।चोट से हम आहत नही है।मगर हमारे अस्तित्व और स्वाभिमान को चुनोती देने वाली सरकार का हमे अंत करना है। हम फिर अपने स्वाभिमान को जगाए।।आओ हम मिलकर इस जंग को जीते। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई आम आदमी की है गरीब की है दलित की है। इसे हमे अंजाम तक पहुंचना है।सभाओं में वीर बहादुर सिंह राठौड़ के ओजस्वी भाषणों ने नया जोश युवाओ में संचार किया।।राठौड़ ने कहा कि स्वाभिमान नई परम्परा नही है। अमर सिंह राठोड से शुरू हुआ स्वाभिमान शिवाजी, महाराणा प्रताप जैसे कई योद्धाओं ने स्वाभिमान को अमर रखा।।आज हमारी बारी है।हमे अपने स्वाभिमान को जिंदा रखना है। सत्ता में बैठे नेता हमारे स्वाभिमान को कुचल नही सकते।।ऐसे कई नेरा आएंगे जाएंगे।हमारे वजूद को मिटाना तो दूर छू नही सकते।।
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