बाड़मेर भाजपा जिला अध्यक्ष के बदले सुर बोले भाजपा में जसवंत परिवार का दबदबा अब भी कायम
*मानवेन्द्र सिंह भाजपा में थे ,हैं और रहेंगे,कांग्रेस में नही जाएंगे*
*प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत करीब है जसवंत परिवार,मोदीनामा पुस्तक की प्रस्तावना माननीय जसवंत सिंह जी ने लिखी
जेसलमेर कोई ज्यादा वक्त नही हुआ भाजपा के जिला अध्यक्ष बाड़मेर डॉ जालम सिंह रावलोत ने राजस्थान गौरव यात्रा से एकवक्त पहले बयान दिया था कि मानवेन्द्र सिंह की भाजपा में कोई रुचि नही है,वो भाजपा से दूर है।।भाजपा से कोई लेना देना नही।।इस बयान के बाद बाड़मेर की सियासत गरमाई। मानवेन्द्र सिंह ने 22 सितम्बर को *स्वाभिमान रैली* के आयोजन को घोषणा की।।राजनीतिक गलियारो चाहे भाजपा हो या कांग्रेस हड़कम्प मच गया।।स्वाभिमान रैली के बढ़ते दायरे ने भाजपा को जरूर चिंता,में डाल दिया।।आज जालम
सिंह जैसलमेर सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू हुए।।जसवंत परिवार के खिलाफ हमेशा आक्रामक नजर आने वाले जालम सिंह के सुर बदले हुए थे साथ ही उनकी वाणी संजीदा थी।उन्होंने कहा कि मानवेन्द्र सिंह भाजपा के समानित विधायक है।पार्टी में हर छोटे बड़े कार्यकर्ता उनका दिल से सम्मान करते है।गत पांच साल में उनके मन मुताबिख कार्य भाजपा सरकार ने किए यहां तक कि जब मानवेन्द्र सिंह और एक वरिष्ठ नेता के बीच काम को लेकर टकराहट आई तो वसुंधरा राजे ने मानवेन्द्र सिंह को प्राथमिकता दी।बिकास कार्य मे कोई कमी नही आई।जो योजनाए मानवेन्द्र सिंह ने बनाई वो सब स्वीकृत हुई। उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह जी के परिवार का हमेशा आदर सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।रिफायनरी का उद्घाटन करने आये तो मोदी जी ने अपना भाषण जसवंत सिंह जी को समर्पित किया। पिछले लोक सभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को लेकर लिखी गई पुस्तक मोदीनामा की प्रथम प्रस्तावना माननीय जसवंत सिंह जी ने लिखी। उन्होंने कहा कि मानवेन्द्र सिंह भाजपा के समानित विधायक है। वो भाजपा में थे,हैं और रहेंगे।कांग्रेस को ज्यादा खुश होने की जरूरत नही।उन्हीने कहा कि मानवेन्द्र सिंह जी चुनाव भी लड़ेंगे तो भाजपा से लड़ेंगे ।पार्टी में उनका कद और सम्मान है।।वो कांग्रेस में नही जाएंगे।स्वाभिमान रैली को लेकर बोले कि स्वाभिमान रैली का मकसद सामाजिक एकता हो सकता है। रैली करने का उनका अधिकार है।भाजपा के खिलाफ स्वाभिमान रैली नही है।।जालम सिंह काफी भावुक भी लग रहे है और संजीदा भी।बाड़मेर में रहकर उन्हीने कभी मानवेन्द्र सिंह के वर्चस्व को स्वीकार नही किया।बाड़मेर मीडिया के बीच इतने बड़े बयान देने की बजाय जेसलमेर में आजर बताएं जारी करना बहुत कुछ इशारा करता है..
*मानवेन्द्र सिंह भाजपा में थे ,हैं और रहेंगे,कांग्रेस में नही जाएंगे*
*प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत करीब है जसवंत परिवार,मोदीनामा पुस्तक की प्रस्तावना माननीय जसवंत सिंह जी ने लिखी
जेसलमेर कोई ज्यादा वक्त नही हुआ भाजपा के जिला अध्यक्ष बाड़मेर डॉ जालम सिंह रावलोत ने राजस्थान गौरव यात्रा से एकवक्त पहले बयान दिया था कि मानवेन्द्र सिंह की भाजपा में कोई रुचि नही है,वो भाजपा से दूर है।।भाजपा से कोई लेना देना नही।।इस बयान के बाद बाड़मेर की सियासत गरमाई। मानवेन्द्र सिंह ने 22 सितम्बर को *स्वाभिमान रैली* के आयोजन को घोषणा की।।राजनीतिक गलियारो चाहे भाजपा हो या कांग्रेस हड़कम्प मच गया।।स्वाभिमान रैली के बढ़ते दायरे ने भाजपा को जरूर चिंता,में डाल दिया।।आज जालम
सिंह जैसलमेर सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू हुए।।जसवंत परिवार के खिलाफ हमेशा आक्रामक नजर आने वाले जालम सिंह के सुर बदले हुए थे साथ ही उनकी वाणी संजीदा थी।उन्होंने कहा कि मानवेन्द्र सिंह भाजपा के समानित विधायक है।पार्टी में हर छोटे बड़े कार्यकर्ता उनका दिल से सम्मान करते है।गत पांच साल में उनके मन मुताबिख कार्य भाजपा सरकार ने किए यहां तक कि जब मानवेन्द्र सिंह और एक वरिष्ठ नेता के बीच काम को लेकर टकराहट आई तो वसुंधरा राजे ने मानवेन्द्र सिंह को प्राथमिकता दी।बिकास कार्य मे कोई कमी नही आई।जो योजनाए मानवेन्द्र सिंह ने बनाई वो सब स्वीकृत हुई। उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह जी के परिवार का हमेशा आदर सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।रिफायनरी का उद्घाटन करने आये तो मोदी जी ने अपना भाषण जसवंत सिंह जी को समर्पित किया। पिछले लोक सभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को लेकर लिखी गई पुस्तक मोदीनामा की प्रथम प्रस्तावना माननीय जसवंत सिंह जी ने लिखी। उन्होंने कहा कि मानवेन्द्र सिंह भाजपा के समानित विधायक है। वो भाजपा में थे,हैं और रहेंगे।कांग्रेस को ज्यादा खुश होने की जरूरत नही।उन्हीने कहा कि मानवेन्द्र सिंह जी चुनाव भी लड़ेंगे तो भाजपा से लड़ेंगे ।पार्टी में उनका कद और सम्मान है।।वो कांग्रेस में नही जाएंगे।स्वाभिमान रैली को लेकर बोले कि स्वाभिमान रैली का मकसद सामाजिक एकता हो सकता है। रैली करने का उनका अधिकार है।भाजपा के खिलाफ स्वाभिमान रैली नही है।।जालम सिंह काफी भावुक भी लग रहे है और संजीदा भी।बाड़मेर में रहकर उन्हीने कभी मानवेन्द्र सिंह के वर्चस्व को स्वीकार नही किया।बाड़मेर मीडिया के बीच इतने बड़े बयान देने की बजाय जेसलमेर में आजर बताएं जारी करना बहुत कुछ इशारा करता है..
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