*नवाज शरीफ और उनकी बेटी की सज़ा बहाल, जेल से आएंगे बाहर*
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़, उनकी बेटी मरियम नवाज़ और दामाद कैप्टन सफ़दर की सज़ा को स्थगित कर दिया है.
इसके साथ ही उन्हें ज़मानत पर रिहा करने का आदेश भी दिया गया है.
पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत (नैब) ने उन्हें एवेन फ़ील्ड रेफ़रेंस मामले में दोषी क़रार देते हुए सज़ा सुनाई थी.
इस मामले में नवाज शरीफ़ को 10 साल, मरियम को सात साल और सफ़दर को एक साल की सज़ा सुनाई गई थी.
नवाज़, परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की विस्तृत जांच होगी
फ़ैसले के दिन लंदन में थे नवाज़ शरीफ़
नैब ने जब ये फ़ैसला सुनाया था उस समय नवाज शरीफ़ और मरियम नवाज़ लंदन में मौजूद थे.
बीती 13 जुलाई को पाकिस्तान लौटने के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था.
नैब अदालत के फ़ैसले को चुनौती देते हुए शरीफ़ परिवार के वकीलों ने उच्च अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था.
नैब अदालत ने 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि हाईकोर्ट को इस मामले में फैसला सुनाने से रोका जाया.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील ख़ारिज कर दी थी.
साल 2015 में पनामा पेपर्स लीक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ का नाम सामने आया था.
शरीफ़ के बच्चों के कई ऑफशोर कंपनियों के साथ संबंध पाए गए थे जो कि कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग करके लंदन के पार्क लेन इलाके में लग्ज़री फ़्लैट खरीदने से जुड़े थे। हालांकि, उनके परिवार का दावा था कि उन्होंने वे सभी संपत्तियां क़ानूनी ढंग से हासिल की हैं.
इस मामले में लंदन के एक फ़्लैट एवनफ़ील्ड हाउस का नाम मुख्य रूप से सामने आया था.
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 के जुलाई महीने में उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराते हुए भ्रष्टाचार निरोधी अदालत (नैब) को उनके ख़िलाफ़ जांच करने का आदेश दिया था.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़, उनकी बेटी मरियम नवाज़ और दामाद कैप्टन सफ़दर की सज़ा को स्थगित कर दिया है.
इसके साथ ही उन्हें ज़मानत पर रिहा करने का आदेश भी दिया गया है.
पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत (नैब) ने उन्हें एवेन फ़ील्ड रेफ़रेंस मामले में दोषी क़रार देते हुए सज़ा सुनाई थी.
इस मामले में नवाज शरीफ़ को 10 साल, मरियम को सात साल और सफ़दर को एक साल की सज़ा सुनाई गई थी.
नवाज़, परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की विस्तृत जांच होगी
फ़ैसले के दिन लंदन में थे नवाज़ शरीफ़
नैब ने जब ये फ़ैसला सुनाया था उस समय नवाज शरीफ़ और मरियम नवाज़ लंदन में मौजूद थे.
बीती 13 जुलाई को पाकिस्तान लौटने के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था.
नैब अदालत के फ़ैसले को चुनौती देते हुए शरीफ़ परिवार के वकीलों ने उच्च अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था.
नैब अदालत ने 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि हाईकोर्ट को इस मामले में फैसला सुनाने से रोका जाया.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील ख़ारिज कर दी थी.
साल 2015 में पनामा पेपर्स लीक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ का नाम सामने आया था.
शरीफ़ के बच्चों के कई ऑफशोर कंपनियों के साथ संबंध पाए गए थे जो कि कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग करके लंदन के पार्क लेन इलाके में लग्ज़री फ़्लैट खरीदने से जुड़े थे। हालांकि, उनके परिवार का दावा था कि उन्होंने वे सभी संपत्तियां क़ानूनी ढंग से हासिल की हैं.
इस मामले में लंदन के एक फ़्लैट एवनफ़ील्ड हाउस का नाम मुख्य रूप से सामने आया था.
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 के जुलाई महीने में उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराते हुए भ्रष्टाचार निरोधी अदालत (नैब) को उनके ख़िलाफ़ जांच करने का आदेश दिया था.
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