शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

बाड़मेर डायरी सराहनीय प्रयासःसिंह बाड़मेर -सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक गुरपालसिंह ने किया बाड़मेर डायरी का विमोचन

बाड़मेर डायरी सराहनीय प्रयासःसिंह
बाड़मेर -सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक गुरपालसिंह ने किया बाड़मेर डायरी का विमोचन


बाड़मेर, 28 सितंबर। सीमा सुरक्षा बल सेक्टर मुख्यालय बाड़मेर के उप महानिरीक्षक गुरपालसिंह एवं कमाडेंट शाम कपूर ने शुक्रवार को बाड़मेर डायरी 2018 का विमोचन किया।
उप महानिरीक्षक गुरपालसिंह ने कहा कि बाड़मेर डायरी सराहनीय प्रयास है। इसमंे महत्वपूर्ण सूचनाआंे का संकलन किया गया है। जो आमजन के लिए मददगार साबित होगी। इस तरह के प्रयासांे को लगातार जारी रखा जाए। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के कमाडेंट शाम कपूर, डिप्टी कमाडेंट एम.एस.राजपुरोहित, सहायक कमाडेंट मूलचंद सोकरिया उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि बाड़मेर डायरी मंे राजभवन, मंत्री मंडल, सचिवालय, जन प्रतिनिधिगण, जिला कलक्टर कार्यालय, जिला परिषद, पुलिस, चिकित्सा विभाग, पंचायतीराज विभाग, आईपी नंबर, जिला एवं पंचायत समिति सदस्यांे के साथ पत्रकारांे के दूरभाष नंबर शामिल किए गए है। इसके अलावा मतदाता जागरूकता के संदेश एवं इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन तथा मतदाता वेरिफायबल पेपर आडिट ट्रेल के उपयोग के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी गई है।
राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए प्रस्ताव आमंत्रित
बाड़मेर, 28 सितम्बर। जिले में अस्पृश्यता उन्मूलन एवं अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के विरूद्ध अत्याचारों के अपराधों का मुकाबला करने के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं एवं गैर सरकारी संगठनों से राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।
            सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली की ओर से अस्पृश्यता उन्मूलन एवं अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के विरूद्ध अत्याचारों के अपराधों का मुकाबला करने के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं एवं गैर सरकारी संगठनों से राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए प्रस्ताव चाहे गए हैं। पुरस्कार प्रस्ताव के अन्तर्गत मानवाधिकार कार्यकर्ता को 2 लाख रूपए और संस्था को 5 लाख रूपए की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कार से संबंधित विस्तृत वितरण व जानकारी एवं आवेदन प्रपत्र सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की वेबसाइट सोशियल जस्टिस डॉट एनआइसी डॉट इन पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि जिले में इस क्षेत्र मंे कार्यरत मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं गैर सरकारी संगठन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं।

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