धैर्य की सीमा आज खत्म ,कमल का फूल हमारी भूल मानवेन्द्र सिंह
ताप्ती धुप में पांच घंटे तक अनुशासन के साथ सुनते रहे
बाड़मेर पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र और शिव विधायक मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में शनिवार को पचपदरा में स्वाभिमान रैली का आयोजन हुआ। रैली में मानवेंद्र सिंह भाजपा के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला और कहा कि अब उनकी धैर्य की सीमा समाप्त हो गई। अब वे खुलकर बोलेंगे, कमल का फूल, मेरी भूल।
मानवेन्द्र ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में उनके पिता जसवंतसिंह का टिकट नहीं मिलने के बाद उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का कॉल आया था और उन्होंने कहा था कि मैं कुछ नहीं कर सकता। जयपुर के एक और दिल्ली के दो नेताओं ने यह सब किया है। लोकसभा चुनाव के बाद हर स्तर पर मैने बताया कि किस तरह राजस्थान में गलत हो रहा है। हमें प्रताडऩा सहनी पड़ रही है, लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई। आज मेरा धैर्य समाप्त हो गया है। उन्होंने की फैसला आपको करना हे जो मेरे स्वाभिमानी कहेंगे उसी राह चलेंगे ,उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया की चार साल से उन्हें और उनके उनके समर्थको को प्रताड़ित किया गया ,में पिता जी की देखभाल में रहा पीछे मेरे समर्थको कोटारगेट किया गया ,
मानवेंद्र ने कहा कि उन्होंने 4 साल तक हर स्तर पर बात की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब स्वाभिमान से जुड़े लोग उनका निर्णय तय करेंगे। इस दौरान सभा में मौजूद कुछ लोगों ने कांग्रेस के नारे लगाने लगे। इस दौरान मानवेंद्र कुछ नहीं बोले, बस मुस्कुराते रहे। मानवेंद्र की पत्नी चित्रा सिंह ने भी कहा कि समाज हमारा निर्णय करेगा। यह तय है कि अब बीजेपी में नहीं रहेंगे। रैली में बड़ी संख्या में जसवंत समर्थक शामिल हुए।
रैली में मानवेन्द्र सिंह ने 'कमल का फूल, मेरी भूल' कहते हुए इस बारे में रैली में आए लोगों से राय मांगी. इस पर वहां मौजूद लोगों ने बीजेपी छोड़ने के नारे लगाए. सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि 2014 में दिन में 12 बजे पीएम नरेंद्र मोदी का फोन आया था. उन्होंने कहा जसवंत सिंह का टिकट मैंने नहीं काटा. जयपुर के एक और दिल्ली के दो नेताओं ने काटा
स्वाभिमान की यह लड़ाई पूरे प्रदेश में चलेगी
मानवेन्द्र सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सभा की चिंगारी को जलाए रखना हर स्वाभिमानी का काम है. स्वाभिमान की यह लड़ाई पूरे प्रदेश में चलेगी. इसकी गूंज प्रदेश से केंद्र तक पहुंचेगी. आज अपने धैर्य की सीमा समाप्त हो गई है. तूफान पचपदरा से शुरू हुआ है और यह जयपुर तक पहुंचेगा. मेरे सभी स्वाभिमानियों का निर्णय मेरे सिर आंखों पर रहेगा.
स्वाभीमान रैली में उमड़े लाखो लोग ,जोश और उत्साह से लबरेज दिखे समर्थक
ताप्ती धुप में पांच घंटे तक अनुशासन के साथ सुनते रहे
बाड़मेर पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र और शिव विधायक मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में शनिवार को पचपदरा में स्वाभिमान रैली का आयोजन हुआ। रैली में मानवेंद्र सिंह भाजपा के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला और कहा कि अब उनकी धैर्य की सीमा समाप्त हो गई। अब वे खुलकर बोलेंगे, कमल का फूल, मेरी भूल।
मानवेन्द्र ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में उनके पिता जसवंतसिंह का टिकट नहीं मिलने के बाद उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का कॉल आया था और उन्होंने कहा था कि मैं कुछ नहीं कर सकता। जयपुर के एक और दिल्ली के दो नेताओं ने यह सब किया है। लोकसभा चुनाव के बाद हर स्तर पर मैने बताया कि किस तरह राजस्थान में गलत हो रहा है। हमें प्रताडऩा सहनी पड़ रही है, लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई। आज मेरा धैर्य समाप्त हो गया है। उन्होंने की फैसला आपको करना हे जो मेरे स्वाभिमानी कहेंगे उसी राह चलेंगे ,उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया की चार साल से उन्हें और उनके उनके समर्थको को प्रताड़ित किया गया ,में पिता जी की देखभाल में रहा पीछे मेरे समर्थको कोटारगेट किया गया ,
मानवेंद्र ने कहा कि उन्होंने 4 साल तक हर स्तर पर बात की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब स्वाभिमान से जुड़े लोग उनका निर्णय तय करेंगे। इस दौरान सभा में मौजूद कुछ लोगों ने कांग्रेस के नारे लगाने लगे। इस दौरान मानवेंद्र कुछ नहीं बोले, बस मुस्कुराते रहे। मानवेंद्र की पत्नी चित्रा सिंह ने भी कहा कि समाज हमारा निर्णय करेगा। यह तय है कि अब बीजेपी में नहीं रहेंगे। रैली में बड़ी संख्या में जसवंत समर्थक शामिल हुए।
रैली में मानवेन्द्र सिंह ने 'कमल का फूल, मेरी भूल' कहते हुए इस बारे में रैली में आए लोगों से राय मांगी. इस पर वहां मौजूद लोगों ने बीजेपी छोड़ने के नारे लगाए. सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि 2014 में दिन में 12 बजे पीएम नरेंद्र मोदी का फोन आया था. उन्होंने कहा जसवंत सिंह का टिकट मैंने नहीं काटा. जयपुर के एक और दिल्ली के दो नेताओं ने काटा
स्वाभिमान की यह लड़ाई पूरे प्रदेश में चलेगी
मानवेन्द्र सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सभा की चिंगारी को जलाए रखना हर स्वाभिमानी का काम है. स्वाभिमान की यह लड़ाई पूरे प्रदेश में चलेगी. इसकी गूंज प्रदेश से केंद्र तक पहुंचेगी. आज अपने धैर्य की सीमा समाप्त हो गई है. तूफान पचपदरा से शुरू हुआ है और यह जयपुर तक पहुंचेगा. मेरे सभी स्वाभिमानियों का निर्णय मेरे सिर आंखों पर रहेगा.
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