जोधपुर में भारत-रूस की वायुसेना का युद्धाभ्यास होगा
जोधपुर. एशिया के सबसे ताकतवर जोधपुर एयरबेस पर 10 दिसंबर से भारत व रूस की वायुसेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास ‘अविन्द्रा’ का आगाज होगा। यह 22 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान रूस की एयरफोर्स भारतीय लड़ाकू विमानों के साथ हमारी वायुसेना से युद्ध कौशल सीखेगी। रूस के लिवेस्टक एयरबेस पर 17 सितंबर से ये युद्धाभ्यास शुरू हो चुका है, जो 28 सितंबर तक जारी रहेगा। इसमें शिरकत करने के लिए 30 सदस्यीय भारतीय दल रूस गया हुआ है। ये दल वहां के विमान उड़ाएंगे। इसके बाद जोधपुर में इस वारगेम का आयोजन होगा।
रूस में युद्धाभ्यास अविन्द्रा में भाग लेने के लिए गए भारतीय दल में 4 महिला अफसर भी शामिल हैं। इनमें फ्लाइंग, एडमिन व मेडिकल ब्रांच की अफसर शामिल हैं। महिला पायलट वहां हेलिकॉप्टर उड़ाएंगी।
वहां पर ये दल रूस के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एसएम, मिग-29, सुखोई-25, हेलिकॉप्टर एमआई 8 तथा एएन 26 जैसे मालवाहक विमान के साथ अपने रण कौशल का प्रदर्शन करेगा। जोधपुर में युद्धाभ्यास के दौरान सुखोई 30 एमकेआई, तेजस, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर सहित भारत के पास रूस में निर्मित विमान ही उड़ाएंगे।
यह होगा संयुक्त युद्धाभ्यास में
- दोनों देशों के लड़ाकू पायलट एक दूसरे को अपने विमानों की युद्ध कला बताएंगे।
- ग्राउंड स्टाफ आपस में तैयारियों को साझा करेंगे।
- फाइटर ऑपरेशन, ग्रुप लड़ाकू कौशल, हाई हवाई टारगेट पर फोकस रहेगा।
- इस दौरान दोनों ही देश एक दूसरे के विमानों में उड़ान भरेंगे।
कई महत्वपूर्ण डिफेंस डील का भविष्य तय होगा
रूस की वायुसेना के जांबाज हमारी एयरफोर्स से आतंकवाद का मुकाबला करना सीखेंगे। इसके लिए विशेष तौर से दक्ष गरुड़ कमांडो के साथ वहां के कमांडो मुश्किल ऑपरेशन का अभ्यास करवाएंगे। साथ ही एक दूसरे की वायुसेना को समझने व परखने का मौका भी मिलेगा। जिससे रूस में निर्मित हथियारों को संचालित करने में आसानी होगी। साथ ही ये युद्धाभ्यास आने वाली कई महत्वपूर्ण डिफेंस डील का भविष्य तय करेगा। दोनों ही देशों के वायु योद्धाओं के बीच संवाद स्थापित होगा, वे साथ में कई खेल भी खेलेंगे।
जोधपुर. एशिया के सबसे ताकतवर जोधपुर एयरबेस पर 10 दिसंबर से भारत व रूस की वायुसेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास ‘अविन्द्रा’ का आगाज होगा। यह 22 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान रूस की एयरफोर्स भारतीय लड़ाकू विमानों के साथ हमारी वायुसेना से युद्ध कौशल सीखेगी। रूस के लिवेस्टक एयरबेस पर 17 सितंबर से ये युद्धाभ्यास शुरू हो चुका है, जो 28 सितंबर तक जारी रहेगा। इसमें शिरकत करने के लिए 30 सदस्यीय भारतीय दल रूस गया हुआ है। ये दल वहां के विमान उड़ाएंगे। इसके बाद जोधपुर में इस वारगेम का आयोजन होगा।
रूस में युद्धाभ्यास अविन्द्रा में भाग लेने के लिए गए भारतीय दल में 4 महिला अफसर भी शामिल हैं। इनमें फ्लाइंग, एडमिन व मेडिकल ब्रांच की अफसर शामिल हैं। महिला पायलट वहां हेलिकॉप्टर उड़ाएंगी।
वहां पर ये दल रूस के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एसएम, मिग-29, सुखोई-25, हेलिकॉप्टर एमआई 8 तथा एएन 26 जैसे मालवाहक विमान के साथ अपने रण कौशल का प्रदर्शन करेगा। जोधपुर में युद्धाभ्यास के दौरान सुखोई 30 एमकेआई, तेजस, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर सहित भारत के पास रूस में निर्मित विमान ही उड़ाएंगे।
यह होगा संयुक्त युद्धाभ्यास में
- दोनों देशों के लड़ाकू पायलट एक दूसरे को अपने विमानों की युद्ध कला बताएंगे।
- ग्राउंड स्टाफ आपस में तैयारियों को साझा करेंगे।
- फाइटर ऑपरेशन, ग्रुप लड़ाकू कौशल, हाई हवाई टारगेट पर फोकस रहेगा।
- इस दौरान दोनों ही देश एक दूसरे के विमानों में उड़ान भरेंगे।
कई महत्वपूर्ण डिफेंस डील का भविष्य तय होगा
रूस की वायुसेना के जांबाज हमारी एयरफोर्स से आतंकवाद का मुकाबला करना सीखेंगे। इसके लिए विशेष तौर से दक्ष गरुड़ कमांडो के साथ वहां के कमांडो मुश्किल ऑपरेशन का अभ्यास करवाएंगे। साथ ही एक दूसरे की वायुसेना को समझने व परखने का मौका भी मिलेगा। जिससे रूस में निर्मित हथियारों को संचालित करने में आसानी होगी। साथ ही ये युद्धाभ्यास आने वाली कई महत्वपूर्ण डिफेंस डील का भविष्य तय करेगा। दोनों ही देशों के वायु योद्धाओं के बीच संवाद स्थापित होगा, वे साथ में कई खेल भी खेलेंगे।
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