*खरी_खरी*
*जेसलमेर की शिक्षा और शिक्षक राजनीति के शिकार,शिक्षा का भट्टा बिठा रहे स्वार्थी जनप्रतिनिधि,कलेक्टर हस्तक्षेप करे*
*जेसलमेर जेसलमेर में शिक्षा के गिरते स्तर से हर कोई चिंतित है।मगर जन प्रतिनिधि स्वार्थ परख राजनीति से बाज़ नही आ रहे।।चाहे छात्रों का भविष्य क्यों न खराब हो।।क्षेत्रीय विधायक शायद खुद शिक्षा का महत्व नही समझते।।जेसलमेर जैसे जिले से पूर्व में भी बड़ी तादाद में शिक्षक स्थानांतरण करवा के अपने गृह जिलो में चले गए।विधायक कुछ न बोले।।फिर टारगेट करके शिक्षा से जुड़े लोगों को ट्रांसफर करवाना शर्म की बात है।एक तो कोई इस जिले में आना नही चाहते।जो स्थानीय शिक्षक लगे है उन्हें चैन से अपना कर्तव्य पालन करने नही देते।तुच्छ राजनीति के लिए अन्य क्षेत्र खाली पड़े है।शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र को छोड़ दे।।जिला मुख्यालय के उच्च माध्यमिक विद्यालय से भौतिक और गणित के विषय अध्यापकों को मुख्यमंत्री के जिले में स्थानांतरण करना क्या साबित करता है।कियस झालावाड़ में ही शिक्षा की जरूरत है इस पिछड़े जिले के बच्चों को आगे बढ़ने का अधिकार नही है शायद। विधायक को इसमे हस्तक्षेप करने के साथ शिक्षकों के स्थानांतरण तुरन्त बहाल करना होगा।।साथ ही जिला कलेक्टर ओमकसेरा से आग्रह है बच्चो के भविष्य को देखते हुए आप भी प्रशासनिक स्तर पर हस्तक्षेप करे।।वैसे भी शिक्षा के क्षेत्र में हम फिसड्डी है।।अध्यापक लाने की बजाय जिले से बाहर जा रहे है हम कपूतो की तरह देख रहे है।।जेसलमेर की जनता को भी इस मुद्दे पर आगे आना होगा आखिर आपके हमारे बच्चों के भविष्य का सवाल है। कब तक जन प्रतिनिधियों के अत्याचार सहते रहेंगे।।इनकी मन मर्जी कब तक चलेगी।बात खरी कह रहा हूँ बुरी भी लगेगी ।मगर सवाल छात्रों के भविष्य का है।।आज छात्राएं सड़को पे बैठी है ।।इनकी सुनो।।नही तो जनता सुनाएगी।*
*जेसलमेर की शिक्षा और शिक्षक राजनीति के शिकार,शिक्षा का भट्टा बिठा रहे स्वार्थी जनप्रतिनिधि,कलेक्टर हस्तक्षेप करे*
*जेसलमेर जेसलमेर में शिक्षा के गिरते स्तर से हर कोई चिंतित है।मगर जन प्रतिनिधि स्वार्थ परख राजनीति से बाज़ नही आ रहे।।चाहे छात्रों का भविष्य क्यों न खराब हो।।क्षेत्रीय विधायक शायद खुद शिक्षा का महत्व नही समझते।।जेसलमेर जैसे जिले से पूर्व में भी बड़ी तादाद में शिक्षक स्थानांतरण करवा के अपने गृह जिलो में चले गए।विधायक कुछ न बोले।।फिर टारगेट करके शिक्षा से जुड़े लोगों को ट्रांसफर करवाना शर्म की बात है।एक तो कोई इस जिले में आना नही चाहते।जो स्थानीय शिक्षक लगे है उन्हें चैन से अपना कर्तव्य पालन करने नही देते।तुच्छ राजनीति के लिए अन्य क्षेत्र खाली पड़े है।शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र को छोड़ दे।।जिला मुख्यालय के उच्च माध्यमिक विद्यालय से भौतिक और गणित के विषय अध्यापकों को मुख्यमंत्री के जिले में स्थानांतरण करना क्या साबित करता है।कियस झालावाड़ में ही शिक्षा की जरूरत है इस पिछड़े जिले के बच्चों को आगे बढ़ने का अधिकार नही है शायद। विधायक को इसमे हस्तक्षेप करने के साथ शिक्षकों के स्थानांतरण तुरन्त बहाल करना होगा।।साथ ही जिला कलेक्टर ओमकसेरा से आग्रह है बच्चो के भविष्य को देखते हुए आप भी प्रशासनिक स्तर पर हस्तक्षेप करे।।वैसे भी शिक्षा के क्षेत्र में हम फिसड्डी है।।अध्यापक लाने की बजाय जिले से बाहर जा रहे है हम कपूतो की तरह देख रहे है।।जेसलमेर की जनता को भी इस मुद्दे पर आगे आना होगा आखिर आपके हमारे बच्चों के भविष्य का सवाल है। कब तक जन प्रतिनिधियों के अत्याचार सहते रहेंगे।।इनकी मन मर्जी कब तक चलेगी।बात खरी कह रहा हूँ बुरी भी लगेगी ।मगर सवाल छात्रों के भविष्य का है।।आज छात्राएं सड़को पे बैठी है ।।इनकी सुनो।।नही तो जनता सुनाएगी।*
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें