अलवर / यौन शोषण प्रकरण में फलाहारी बाबा को उम्रकैद की सजा, 8 महीने में पूरी हुई सुनवाई
अलवर। यौन शोषण मामले में अलवर कोर्ट ने बुधवार को फलाहारी बाबा को दोषी मानते हुए अम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने फलाहारी बाबा पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। इस प्रकरण में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने मंगलवार को बचाव पक्ष के तर्कों को करीब तीन घंटे सुना था।
8 महीने में पूरी हुई सुनवाई: अपर लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाना ने बताया कि 11 जनवरी 2018 को उक्त प्रकरण सुनवाई के लिए न्यायालय को प्राप्त हुआ था। 22 जनवरी 2018 को आरोपी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी महाराज पर आरोप तय किए गए। 8 महीने में सुनवाई पूरी की गई।
इस मामले में अदालत में 30 अभियोजन साक्षी, 7 बचाव पक्ष के गवाहों के बयान हुए। इसके अलावा 78 दस्तावेज व 22 आर्टिकल प्रदर्शित करवाए। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अशोक शर्मा ने आरोपी फलाहारी के पक्ष में दलीलें पेश की। पीड़िता के अधिवक्ता अनिल वशिष्ठ व अपर लोक अभियोजक योगेंद्रसिंह खटाना ने बचाव पक्ष की ओर से दी गई दलीलों का विरोध करते हुए पीड़िता के पक्ष में तर्क प्रस्तुत किए।छत्तीसगढ़ की युवती ने फलाहारी बाबा पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए बिलासपुर महिला थाने में शिकायत की थी। इस पर अलवर के अरावली विहार थाने में 20 सितंबर 2017 को एफआईआर दर्ज की गई। 23 सितंबर 2017 को आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने फलाहारी बाबा को न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने के आदेश दिए। गिरफ्तारी के बाद से आरोपी फलाहारी बाबा जेल में है।
अलवर। यौन शोषण मामले में अलवर कोर्ट ने बुधवार को फलाहारी बाबा को दोषी मानते हुए अम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने फलाहारी बाबा पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। इस प्रकरण में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने मंगलवार को बचाव पक्ष के तर्कों को करीब तीन घंटे सुना था।
8 महीने में पूरी हुई सुनवाई: अपर लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाना ने बताया कि 11 जनवरी 2018 को उक्त प्रकरण सुनवाई के लिए न्यायालय को प्राप्त हुआ था। 22 जनवरी 2018 को आरोपी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी महाराज पर आरोप तय किए गए। 8 महीने में सुनवाई पूरी की गई।
इस मामले में अदालत में 30 अभियोजन साक्षी, 7 बचाव पक्ष के गवाहों के बयान हुए। इसके अलावा 78 दस्तावेज व 22 आर्टिकल प्रदर्शित करवाए। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अशोक शर्मा ने आरोपी फलाहारी के पक्ष में दलीलें पेश की। पीड़िता के अधिवक्ता अनिल वशिष्ठ व अपर लोक अभियोजक योगेंद्रसिंह खटाना ने बचाव पक्ष की ओर से दी गई दलीलों का विरोध करते हुए पीड़िता के पक्ष में तर्क प्रस्तुत किए।छत्तीसगढ़ की युवती ने फलाहारी बाबा पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए बिलासपुर महिला थाने में शिकायत की थी। इस पर अलवर के अरावली विहार थाने में 20 सितंबर 2017 को एफआईआर दर्ज की गई। 23 सितंबर 2017 को आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने फलाहारी बाबा को न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने के आदेश दिए। गिरफ्तारी के बाद से आरोपी फलाहारी बाबा जेल में है।
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