केरल में ‘मौत’ की बाढ़: पीएम मोदी ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे, किया 500 करोड़ मदद का ऐलान
तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली: केरल में आई बाढ़ ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। भयंकर बारिश और बाढ़ ने अबतक 324 लोगों की जान ले ली है। अकेले गुरुवार को 106 लोगों की मौत हो गई। राज्य के कई हिस्से जलमग्न हैं जबकि लाखों लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इन सबके बीच शुक्रवार देर रात केरल पहुंचे, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मुलाकात की. बैठक के बाद पीएम मोदी ने तत्काल मदद के रूप में 500 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है।
पीएम मोदी ने बाढ़ और बारिश के कारण केरल में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. यह मुआवजा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से दिया जाएगा. बाढ़ के कारण शुक्रवार को एक ही दिन में 106 लोगों की मौत के बीच राज्य में ऑक्सीजन की कमी और ईंधन स्टेशनों में ईंधन नहीं होने की वजह से हालात और मुश्किल हो गए हैं।
बीते आठ अगस्त से अभी तक केरल में आए इस जल प्रलय में 173 लोगों की मौत हो चुकी है और बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है। यहीं नहीं इस कारण राज्य की आय का प्रमुख स्त्रोत माने जाने वाले पर्यटन उद्योग को भी झटका लगा है। हजारों एकड़ खेत में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं जबकि करोड़ों रुपये की संपत्तियां पानी में डूबी हुईं हैं।केरल की बदहाल स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि राज्य सदी की सबसे भीषण बारिश और बाढ़ का सामना कर रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार पहले ही बाढ़ प्रभावित केरल की मदद के लिए 100 करोड़ की मदद का ऐलान कर चुकी है।
2 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देगा SBI
केरल के बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए SBI ने 2 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है. भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में भूस्खलन की भी खबरें हैं. कट्टाप्पना में लैंड स्लाइड की वजह से स्टेट हाईवे ब्लॉक हो गया है. अब जेसीबी की मदद से इसे साफ कराया जा रहा है.ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन से प्रवासी टीवी चैनलों के माध्यम से अपने प्रियजनों की मदद की गुहार लगा रहे हैं। एक महिला ने अपने छह साल के बच्चे के साथ वाट्सएप संदेश से मदद की गुहार लगाई है।राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ ही सैनिकों ने फंसे लोगों को बचाने के लिए शुक्रवार सुबह से बचाव अभियान तेज कर दिया। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण सड़क जाम हो रहे हैं। कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सेना के हेलिकॉप्टरों से निकाला जा रहा है। अलुवा, कालाडी, पेरुंबवूर, मुवाट्टुपुझा एवं चालाकुडी में फंसे लोगों को निकालने में स्थानीय मछुआरे भी अपनी-अपनी नौकाओं के साथ शामिल हुए !
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