बुधवार, 27 जून 2018

बाड़मेर गाँव के लोग बने पहले पायलट प्रोजेक्ट "स्वजल" के मुखिया


बाड़मेर गाँव के लोग बने पहले पायलट प्रोजेक्ट "स्वजल" के मुखिया
-स्वजल पायलट प्रोजेक्ट के लिए कमेटी का हुआ गठन

-देश के 115 जिलों में शामिल बाड़मेर का आसोतरा बनेगा नजीर



सामुदायिक स्तर पर पानी को लेकर सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी स्वजल पायलट प्रोजेक्ट पर प्रदेश में भी काम शुरू हो गया है। देश के 115 जिलों में प्रदेश के 6 जिले शामिल किए गए है, जिनमें बाड़मेर का आसोतरा ग्राम पंचायत को शामिल है। बुधवार की रोज आसोतरा की ग्राम पंचायत में आयोजित राजस्व कैम्प में आयोजित ग्रामीण जन संवाद में गाँव के लोग जिले के पहले पायलट प्रोजेक्ट "स्वजल" के मुखिया बनाये गए। गाँव के लोगो ने आपसी संवाद के जरिये गाँव मे स्वजल पायलट प्रोजेक्ट के लिए कमेटी का गठन किया। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के डब्ल्यू एस एस ओ के आई ई सी कंस्लन्टेन्ट अशोक सिंह राजपुरोहित ने बताया कि स्वजल पायलट प्रोजेक्ट के लिए आसोतरा का चयन किया गया है।इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत वर्षभर में हर घर में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा रोज़गार भी मिलेगा। बाड़मेर जिले में इसकी शुरूआत आसोतरा ग्राम पंचायत से हुई है। बुधवार को ग्राम पंचायत सभागार में आयोजित बैठक में ग्राम जल एवं स्वछता समिति का गठन किया गया। जिसमें सरपंच लूंगा देवी को अध्यक्ष एवम रतन सोनी को पदेन सचिव बनाया गया। इनके साथ समिति के कुल 16 सदस्य बनाये गए। इससे पहले आसोतरा की पेयजल की व्यवस्थाओं को लेकर जन संवाद का आयोजन किया गया जिसमें बोलते हुए आसोतरा की सुमित्रा राजपुरोहित ने कहा कि भूजल अत्यधिक मात्रा में खारा होने के चलते सतही जलप्रदाय योजना से गाँव को जोड़ना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए उन्होंने आसोतरा के स्वजल पायलट प्रोजेक्ट को बड़ी उपलब्धि बताया वही एक अन्य ग्रामीण दिलीप सिंह राजपुरोहित ने कहा कि आसोतरा की जनता के साथ साथ स्वजल का फायदा ब्रह्मधाम मन्दिर में आने वाले हजारो लोगो को भी मिलेगा। जनसंवाद में कई लोगो ने अपने विचार रखे।




उपखंड अधिकारी ने आसोतरा की जनता को बधाई दी

राज्य भर में महज 6 जगहो शुरू होने वाले स्वजल पायलट प्रोजेक्ट के लिए ग्राम जल एवम स्वछता समिति के गठन के बाद बालोतरा उपखंड अधिकारी भगीरथ चौधरी ने आसोतरा की जनता को बधाई देते हुए इस प्रोजेक्ट हो गाँव की पानी की समस्या का स्थायी समाधान बताया।उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरे होने के बाद ग्राम पंचायत के साथ साथ देश भर से ब्रम्हधाम आने वाले लाखों श्रद्धालुओ को भी 24 घण्टे पेयजल मुहैया हो जाएगा। इस अवसर पर जलदाय विभाग के बालोतरा खंड के सहायक अभियंता एवम तकनीकी सहायक राजेश आगरी ने अधिकारियों को प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

यह है स्वजल पायलट प्रोजेक्ट :

स्वजल प्रोजेक्ट सतत् पेयजल आपूर्ति के लिए समुदाय के स्वामित्व वाला पेयजल कार्यक्रम है। इस योजना के अंतर्गत परियोजना की लागत का 90 प्रतिशत खर्च सरकार उठाएगी और शेष 10 प्रतिशत समुदाय के योगदान से व्यय किया जाएगा। परियोजना के परिचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी स्थानीय ग्रामीणों की होगी। योजना के अनुसार गांवाें में जलाशयों का निर्माण व हर घर को जल कनेक्शन उपलब्ध करवाया जाएगा। संचालन के लिए ग्राम स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। योजना में स्वच्छता मिशन समिति गठित होगी। इसमें जिला स्तरीय और ग्राम स्तरीय समितियां रहेंगी। संचालन में मार्गदर्शन के लिए तकनीकी समिति बनाई जाएगी।

आसोतरा पर बन रही है डॉक्युमेंट्री फिल्म :

स्वजल पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुने गए आसोतरा ग्राम पंचायत में पानी के मुद्दे पर होने वाले कार्यों की एक डॉक्युमेंट्री फिल्म निर्माणाधीन है।आसोतरा को नियमित जलापूर्ति के लिए जो काम होंगे, वह फिल्म के जरिये राज्यभर के सामने रखा जाएगा। सामुदायिक स्तर होने वाले कार्यों और बड़े बदलाव की पूरी कहानी डॉक्टयुमेंट्री फिल्म के जरिये राज्य भर के हर ज़िला मुख्यालयों पर प्रदर्शित की जाएगी। बाड़मेर के अलावा धौलपुर, सिरोह, प्रतापगढ़, जैसलमेर और करौली में इस प्रोजेक्ट के तहत कार्य होंगे।

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य :

इसका उद्देश्य ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता के स्तर में सुधार करते हुए स्वास्थ्य तथा स्वच्छता के स्थायी लाभों द्वारा ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार करना है। परियोजना का दूसरा मुख्य उद्देश्य ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता क्षेत्र में दीर्घकालीन स्थायित्व को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार को उपयुक्त नीति निर्धारण में सहायता प्रदान करना है। इसके तहत गांव के हर घर में पीने का पानी उपलब्ध करवाने के साथ उसके रखरखाव व प्रबंधन के खर्च को ग्रामीणों द्वारा वहन कर आत्मनिर्भर बनाना है।








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