*अवैध अतिक्रमियों को शह, वेध को नियमो की मार*
*जैसलमेर नगर परिषद के दो निरीक्षकों की दादागिरी और भरष्टाचार चरम पर*
*जैसलमेर दो हजार रुपये देकर कोई भी व्यक्ति नगर परिषद जैसलमेर के खाली प्लाट पर पत्थर डाल कर कब्जा कर सकते है।सबसे बड़ी बात ये दो निरीक्षक अवैध कब्जा करते वक़्त खुद खड़े रहते है।सूत्रानुसार नगर परिषद के दो कार्मिक अतिक्रमण निगरानी के लिए नियुक्त है।ये दोनों सूरज की पहली किरण के साथ उगाही पे निकल जाते है।।जंहा कही निर्माण कार्य चलता है वही सेटिंग कर अपना सुविधा शुल्क वसूल कर जुगाड़ कर लेते है।खासकर कच्ची बस्तियों के कब्जे इन लोगो द्वारा बेचे जाने और कब्जे कराए जाने की जानकारी मिली है।अवैध कब्जों को हटाने की बजाय सर्वे धारियों को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है वही उच्च अधिकारियों को गुमराह करते है।।अक्सर देखा गया कि गफ्फूर भट्टे सहित कई कच्ची बस्तियों में इन दोनों महाशयों द्वारा सुविधा शुल्क लेकर दर्जनों कब्जे करा अपनी देखरेख में निर्माण करवा रहे है।इनके हौसले यो देखिए कोई टोंक दे तो बोलते है देखते है हमे कौन रोकता है।मज़े की बात की ये दोनों सरकारी आदमी होने कस फायदा उठा लोगो को पुलिस बुलाने की धमकियां दे डालते है।।ऐसा मामला सामने आया जब गफूर भट्टे पे इन लोगो द्वारा एक पुर पार्षद की शिकाउत पर चौथी बार निर्माण तोड़ा।जब प्रायिरोध किया तो आयुक्त के आदेशों का हवाला देने लगे साथ ही पुलिस बुलाने की धमकी दे डाली।।जब सर्वे धारियों द्वारा सपने 2003 के सर्वे सूची और नक्से बताये तो नॉटी बन्द हो गई।।जबकि इसी निर्माण के आसपास बीसियों अवैध निर्माण चल रहे उन्हें रोकने की बजाय इन के द्वारा उनकी पीठ थपथपाई गई कि आप बनाओ देखते है कौन रोकता है।।स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन देने की बात करने वाले पृषड़ के अधिकारियों की ईमानदारी पर भी ये लोग शक पैदा करवा देते है क्योंकि ये सुववधा शुल्क में इन अधिकारियों का हिस्सा होने की बात सार्वजनिक तौर पे करते है।साथ ही अधिकारी को दी जाने वाली राशि का भी खुलासा कर अतिक्रमियों को बताया जाता है।।इससे ज्यादा दुर्भाग्य क्या होगा कि इन लोगो द्वारा कोई अतिक्रमण आज तक रोक नही गया।कोई मुकदमा दर्ज नही।एक महिला पार्षद द्वारा तो गफ्फूर भट्टे पे कोई सात कब्जे बड़ी राशि लेकर बेचे गए जिसकी लीगल शिकायत जिला कलेक्टर समेत आयुक्त को भी की गई मगर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।।जबकि पूरे मोहले के लोगो कर दस्तखत थे इस शिकायत पर।।लोग प्रशासन और अधिकारियों से न्याय की उम्मीद कर बैठते है।।मगर ये लोग उन्ही अधिकारियों को गुमराह कर देते है।वर्षो से जमे इन भ्रस्ट कार्मिको को ततकाल अतिक्रमण शाखा से हटा इनके कृत्यों की जांच उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा की जानी चाहिए ताकि इनके काले कारनामे आम जनता के सामने आए।।*
*जैसलमेर नगर परिषद के दो निरीक्षकों की दादागिरी और भरष्टाचार चरम पर*
*जैसलमेर दो हजार रुपये देकर कोई भी व्यक्ति नगर परिषद जैसलमेर के खाली प्लाट पर पत्थर डाल कर कब्जा कर सकते है।सबसे बड़ी बात ये दो निरीक्षक अवैध कब्जा करते वक़्त खुद खड़े रहते है।सूत्रानुसार नगर परिषद के दो कार्मिक अतिक्रमण निगरानी के लिए नियुक्त है।ये दोनों सूरज की पहली किरण के साथ उगाही पे निकल जाते है।।जंहा कही निर्माण कार्य चलता है वही सेटिंग कर अपना सुविधा शुल्क वसूल कर जुगाड़ कर लेते है।खासकर कच्ची बस्तियों के कब्जे इन लोगो द्वारा बेचे जाने और कब्जे कराए जाने की जानकारी मिली है।अवैध कब्जों को हटाने की बजाय सर्वे धारियों को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है वही उच्च अधिकारियों को गुमराह करते है।।अक्सर देखा गया कि गफ्फूर भट्टे सहित कई कच्ची बस्तियों में इन दोनों महाशयों द्वारा सुविधा शुल्क लेकर दर्जनों कब्जे करा अपनी देखरेख में निर्माण करवा रहे है।इनके हौसले यो देखिए कोई टोंक दे तो बोलते है देखते है हमे कौन रोकता है।मज़े की बात की ये दोनों सरकारी आदमी होने कस फायदा उठा लोगो को पुलिस बुलाने की धमकियां दे डालते है।।ऐसा मामला सामने आया जब गफूर भट्टे पे इन लोगो द्वारा एक पुर पार्षद की शिकाउत पर चौथी बार निर्माण तोड़ा।जब प्रायिरोध किया तो आयुक्त के आदेशों का हवाला देने लगे साथ ही पुलिस बुलाने की धमकी दे डाली।।जब सर्वे धारियों द्वारा सपने 2003 के सर्वे सूची और नक्से बताये तो नॉटी बन्द हो गई।।जबकि इसी निर्माण के आसपास बीसियों अवैध निर्माण चल रहे उन्हें रोकने की बजाय इन के द्वारा उनकी पीठ थपथपाई गई कि आप बनाओ देखते है कौन रोकता है।।स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन देने की बात करने वाले पृषड़ के अधिकारियों की ईमानदारी पर भी ये लोग शक पैदा करवा देते है क्योंकि ये सुववधा शुल्क में इन अधिकारियों का हिस्सा होने की बात सार्वजनिक तौर पे करते है।साथ ही अधिकारी को दी जाने वाली राशि का भी खुलासा कर अतिक्रमियों को बताया जाता है।।इससे ज्यादा दुर्भाग्य क्या होगा कि इन लोगो द्वारा कोई अतिक्रमण आज तक रोक नही गया।कोई मुकदमा दर्ज नही।एक महिला पार्षद द्वारा तो गफ्फूर भट्टे पे कोई सात कब्जे बड़ी राशि लेकर बेचे गए जिसकी लीगल शिकायत जिला कलेक्टर समेत आयुक्त को भी की गई मगर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।।जबकि पूरे मोहले के लोगो कर दस्तखत थे इस शिकायत पर।।लोग प्रशासन और अधिकारियों से न्याय की उम्मीद कर बैठते है।।मगर ये लोग उन्ही अधिकारियों को गुमराह कर देते है।वर्षो से जमे इन भ्रस्ट कार्मिको को ततकाल अतिक्रमण शाखा से हटा इनके कृत्यों की जांच उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा की जानी चाहिए ताकि इनके काले कारनामे आम जनता के सामने आए।।*
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