बाड़मेर आज़ाद सिंह मामले में शक की सुईंया क्षेत्रीय विधायक पर,साल भर पहले रची व्यूह रचना*
*बाड़मेर बहुचर्चित आज़ाद सिंह राठौड़ प्रकरण में नित नए खुलासे हो रहे है।।इनसाइड स्टोरी की बात करे तो अब तक माना जा रहा था कि राठौड़ के कोषाध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इशारे पे यह कार्यवाही जिला प्रशासन ने अमल में लाई।मगर कुछ रोज पूर्व वसुंधरा राजे के जोधपुर दौरे के दौरान समाज के मौजिज व्यक्ति वसुंधरा राजे से मिले तो उन्होंने इस मामले में अपनी भूमिका को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की।।उन्हें यह भी बताया गया कि सी एम ओ से कार्यवाही हुई।उन्होंने अपने स्तर पर आश्वस्त किया।।इस प्रकरण में क्षेत्रीय विधायक की भूमिका शक के दायरे में आ गई।।एक साल पहले राज्य के गृह मंत्री के सहायक जो पूर्व में बाड़मेर में अतिरिक्त जिला कलेक्टर राह चुके बाड़मेर आये थे।उनके सम्मान में बाड़मेर क्लब में समारोह रखा गया था।जिसमे क्षेत्रिय विधायक भी थे। इस दौरान विधायक द्वारा सहयक को बाड़मेर क्लब की बिल्डिंग आज़ाद सिंह को बेचने की शिकायत की गई थी। आधी अधूरी जानकारी के साथ शिकायत की थी।उस वक़्त इसे किसी ने गंभीरता से नही लिया ।मगर जिस दिन आज़ाद सिंह कोषाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार बाड़मेर आ रहे थे उनके स्वागत में उमड़े हजारो लोगो की उपस्थति से विधायक बैचैन हो गए।उन्होंने बिना जानकारी ,मिथ्या सूचनाएं जयपुर तक पहुंचाई। स्वजातीय प्रेम जगा था।क्योंकि आर सी ए से हटाए गए कोषाध्यक्ष भी जैन है। इसी को आधार मांन उन्होंने अपने सी एम ओ के सौरसो से जिला प्रशासन पर कार्यवाही का दबाव बनाया। पहले स्वागत समारोह रोकने का प्लान था मगर पूर्व में निर्धारित था कि जो लोग स्वागत में आये उनके लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी।जो आज़ाद सिंह की।आफिस में ही रखी गई।।यह दांव भी उल्टा पड़ गया। फिर लॉबिंग करके यह कार्यवाही करवाई।।वैसे भी विधायक आज़ाद सिंह के बढ़ते कद से काफी चिंतित थे।।ऐसा करके शायद वो अपने प्रतिद्वंदी को पूर्ण रूप से हटाने को लेकर आश्वस्त थे।मगर दांव उल्टा पड़ गया।।अब जो जानकारियां। प्राप्त हुई उसमे पूरे प्रकरण में क्षेत्रीय विधायक की भूमिका पर शक की सुईंया घूम रही है।।बहरहाल इस कहानी का पटाक्षेप जल्द होने वाला है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के बाद वास्तविक कहानी बाहर आएगी।।इस षड्यंत्र में कोन कोन शामिल थे।
*बाड़मेर बहुचर्चित आज़ाद सिंह राठौड़ प्रकरण में नित नए खुलासे हो रहे है।।इनसाइड स्टोरी की बात करे तो अब तक माना जा रहा था कि राठौड़ के कोषाध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इशारे पे यह कार्यवाही जिला प्रशासन ने अमल में लाई।मगर कुछ रोज पूर्व वसुंधरा राजे के जोधपुर दौरे के दौरान समाज के मौजिज व्यक्ति वसुंधरा राजे से मिले तो उन्होंने इस मामले में अपनी भूमिका को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की।।उन्हें यह भी बताया गया कि सी एम ओ से कार्यवाही हुई।उन्होंने अपने स्तर पर आश्वस्त किया।।इस प्रकरण में क्षेत्रीय विधायक की भूमिका शक के दायरे में आ गई।।एक साल पहले राज्य के गृह मंत्री के सहायक जो पूर्व में बाड़मेर में अतिरिक्त जिला कलेक्टर राह चुके बाड़मेर आये थे।उनके सम्मान में बाड़मेर क्लब में समारोह रखा गया था।जिसमे क्षेत्रिय विधायक भी थे। इस दौरान विधायक द्वारा सहयक को बाड़मेर क्लब की बिल्डिंग आज़ाद सिंह को बेचने की शिकायत की गई थी। आधी अधूरी जानकारी के साथ शिकायत की थी।उस वक़्त इसे किसी ने गंभीरता से नही लिया ।मगर जिस दिन आज़ाद सिंह कोषाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार बाड़मेर आ रहे थे उनके स्वागत में उमड़े हजारो लोगो की उपस्थति से विधायक बैचैन हो गए।उन्होंने बिना जानकारी ,मिथ्या सूचनाएं जयपुर तक पहुंचाई। स्वजातीय प्रेम जगा था।क्योंकि आर सी ए से हटाए गए कोषाध्यक्ष भी जैन है। इसी को आधार मांन उन्होंने अपने सी एम ओ के सौरसो से जिला प्रशासन पर कार्यवाही का दबाव बनाया। पहले स्वागत समारोह रोकने का प्लान था मगर पूर्व में निर्धारित था कि जो लोग स्वागत में आये उनके लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी।जो आज़ाद सिंह की।आफिस में ही रखी गई।।यह दांव भी उल्टा पड़ गया। फिर लॉबिंग करके यह कार्यवाही करवाई।।वैसे भी विधायक आज़ाद सिंह के बढ़ते कद से काफी चिंतित थे।।ऐसा करके शायद वो अपने प्रतिद्वंदी को पूर्ण रूप से हटाने को लेकर आश्वस्त थे।मगर दांव उल्टा पड़ गया।।अब जो जानकारियां। प्राप्त हुई उसमे पूरे प्रकरण में क्षेत्रीय विधायक की भूमिका पर शक की सुईंया घूम रही है।।बहरहाल इस कहानी का पटाक्षेप जल्द होने वाला है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के बाद वास्तविक कहानी बाहर आएगी।।इस षड्यंत्र में कोन कोन शामिल थे।
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