शुक्रवार, 15 जून 2018

बाड़मेर छात्र ने पिता को वीडियो कॉल करके कहा- मैं जान दे रहा हूं और फंदे पर लटककर दे दी जान

बाड़मेर छात्र ने पिता को वीडियो कॉल करके कहा- मैं जान दे रहा हूं और फंदे पर लटककर दे दी जान

कोटा में कोचिंग ले रहे सिणधरी चारणान गांव के एक छात्र ने गुरुवार को अपने पिता को वीडियो कॉल करके जान देने की बात कही और फिर फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। यह बात सुनते ही परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तुरंत कोटा स्थित मकान मालिक को जानकारी दी, जब तक मकान-मालिक कमरे पर पहुंचा, छात्र दम तोड़ चुका था। कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया और पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।

कुन्हाड़ी थाने की एसआई मीरा बेनीवाल ने बताया कि बाड़मेर के गांव सिणधरी चारणान के विश्वकर्मा नगर निवासी पूनमाराम के बेटे करण (18) ने कुन्हाड़ी स्थित विकास नगर में किराए से कमरा ले रखा था। वह यहां मेडिकल की तैयारी कर रहा था। गुरुवार सुबह करीब 7 बजे करण ने पिता पूनमाराम को वीडियो कॉल करते हुए कहा कि- मैं जान दे रहा हूं..। यह सुनते ही पूनमाराम ने तुरंत कोटा में ही रहने वाले मकान मालिक देवकीनंदन को फोन करके यह बात बताई। मकान मालिक उस वक्त गुमानपुरा थे। उन्होंने फौरन अपने बेटे को फोन करके करण के कमरे में जाकर उसे संभालने को कहा, लेकिन तब तक करण ने कमरा अंदर से बंद कर फांसी लगा ली थी। परिजनों ने गेट तोड़ा, लेकिन तब तक करण दम तोड़ चुका था। सूचना पर पुलिस मौके पर आई और कमरा सील करके शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। 2वीं में था। मकान मालिक ने बताया कि करण गंभीर था और सिर्फ अपनी पढ़ाई से मतलब रखता था। किसी से कोई फालतू बात नहीं करता था, उसके ज्यादा दोस्त नहीं थे।

हार्ट पेशेंट हैं पिता, शाम तक उनसे छिपाए रखी बात

करण के पिता पूनमाराम हार्ट पेशेंट हैं, लिहाजा परिजनों ने शाम को कोटा आने तक उन्हें करण की मौत के बारे में नहीं बताया। उन्हें शाम तक सिर्फ यह बताया गया कि करण की तबीयत सीरियस है और उसे इमरजेंसी में भर्ती किया हुआ है। करण के 6 बहनें हैं और वो सबसे छोटा था। परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसके जीजा संभालते हैं। वह भी मामले की जानकारी मिलते ही मुंबई से रवाना हो गए। पोस्टमार्टम के समय कोई परिजन नहीं था, सिर्फ पड़ोसी मौजूद रहे।

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