बुधवार, 27 जून 2018

सीकर रास्ते में ब्रेकर से लगा झटका और जिंदा हो गई महिला



सीकर रास्ते में ब्रेकर से लगा झटका और जिंदा हो गई महिला

महिला को हॉस्पिटल में आया हार्टअटैक, डॉक्टर ने कहा- वेंटिलेटर पर डालो, लेकिन घरवाले मान बैठे मृत, घर ला रहे थे बॉडी, रास्ते में ब्रेकर से लगा झटका और जिंदा हो गई महिला


सीकर (कोटा).एक 60 वर्षीय महिला को मरा मानकर परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। हॉस्पिटल से घर आते समय 5 किमी पहले ब्रेकर पर झटका लगने से महिला को खांसी आ गई, फिर क्या था उसी रास्ते घरवाले उसे फिर हॉस्पिटल लेकर भागे, जहां पता चला वो अभी जिंदा है।


ये था पूरा मामला
- सीकर की रहने वाली महिला नंछी देवी का पेट में गांठ होने पर 2 महीने पहलेऑपरेशन हुआ था। 7 दिन पहले महिला रूटीन चेकिंग के लिए हॉस्पिटल गई थी, जहां पर उसे एडमिट कर लिया गया था। सोमवार सुबह 8 बजे महिला को हार्ट अटैक आया। परिजनों ने महसूस किया कि महिला की सांसें नहीं चल रही हैं। हालांकि डॉक्टरों का ऐसा मानना नहीं था। परिजन उन्हें मृत मानकर घर के लिए रवाना हो गए।
- शहर से 5 किमी पहले ब्रेकर से झटका लगने के बाद महिला को खांसी आई और इसके बाद महिला ने पानी मांगा। लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई और फौरन उसे फिर हॉस्पिटल लेकर गए। जहां डॉक्टर्स ने कुछ बेसिक दवाइयां देकर जयपुर रैफर कर दिया।
डॉक्टर बोले- वेंटिलेटर की जरूरत थी, परिजनों ने नजरअंदाज कर डिस्चार्ज करा लिया
- सीकर के टोकस गेस्ट्रो एंड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अशोक टोकस ने बताया, महिला को हार्ट अटैक आया था। उसे वेंटिलेटर की आवश्यकता थी। परिजन डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज कर महिला को डिस्चार्ज करा ले गए। परिजनों को महसूस हुआ हाेगा कि महिला की सांसें रुक गई और उन्हें महिला को मृत मान लिया होगा।इलाज करने वाले डॉक्टर का तर्क
-कस्बे के बाबा नारायणदास राजकीय सामान्य अस्पताल डॉ. ओपी वर्मा ने बताया, महिला का ऑपरेशन किया गया था। उनकी हालत काफी गंभीर थी। परिजन जांच के लिए हॉस्पिटल लेकर आए थे। प्राथमिक इलाज के बाद महिला को जयपुर रैफर कर दिया।
परिजनों ने मंगवा लिया था अंतिम संस्कार के लिए सारा सामान
- महिला के पति हनुमान ने बताया, सांसें रुकने के कारण अंतिम संस्कार के लिए घर लेकर जा रहे थे लेकिन उसकी सांसें दोबारा शुरू हो गई। महिला आंखें खोल रही है और कुछ-कुछ बातें भी कर रही हैं।


- मौत की खबर के बाद रिश्तेदारों, पड़ोसियों ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी थी। शव आने का इंतजार किया जा रहा था। महिला के जीवित होने की खबर मिलने के बाद परिजन अस्पताल दौड़ पड़े। घर पर लगे टेंट और दाह संस्कार के सामान को हटा दिया गया।

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