*बाड़मेर बालिका दुष्कर्म प्रकरण को लेकर बाड़मेर की मुस्लिम सद्भावना कमेटियां आगे आये*
*बाड़मेर गाहे बगाहे तीज त्योहारों पे जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ भाई चारे और साम्प्रदायिक सदभाव कायम रखने के लिए कई कमिटियां बैठके करती दिखती।।गिराब में एक मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या के जघन्य अपराध को लेकर इन साम्प्रदायिक सद्भाव कमिटियों को आगे आकर न्याय की मांग करनी चाहिए। इस घटना से पूरा प्रदेश विचलित है।।पुलिस ने तत्परता दिख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। ऐसे लोगो के साथ क्या सलूक किया जाए यह दोनों समुदाय साथ बैठकर तय करे। बाड़मेर जिले में सद्भावना और भाई चारे की बाते करने वाले इस घटना को लेकर क्या सोचते है।क्या ये उनका दायित्व नही है।।जिले की सद्भावना खराब होने के मोड़ पर खड़ी है।।इस मासूम बालिका को न्याय दिलाने के लिए साम्प्रदायिक सद्भाव कमिटियों और हिन्दू मुस्लिम भाईचारा कमिटियों को अब आगे आकर अपराधी के खिलाफ कार्यवाही और मासूम को न्याय की मांग करनी चाहिए।।बाकी जिले के लोग तो अपनी बेटी के लिए न्याय के लिए लड़ेंगे ही। राष्ट्रवाद ,और देशभक्ति,भाईचारा ,सद्भावना की बाते टेबलों और बैठकों में करने वालो को अब जाति ,धर्म को तिलांजलि देकर मासूम के समर्थन में आगे आकर जनता के सहयोग से न्याय की मांग करनी चाहिए।नही तो इन कमिटियों का कोई औचित्य नही।*
*बाड़मेर गाहे बगाहे तीज त्योहारों पे जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ भाई चारे और साम्प्रदायिक सदभाव कायम रखने के लिए कई कमिटियां बैठके करती दिखती।।गिराब में एक मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या के जघन्य अपराध को लेकर इन साम्प्रदायिक सद्भाव कमिटियों को आगे आकर न्याय की मांग करनी चाहिए। इस घटना से पूरा प्रदेश विचलित है।।पुलिस ने तत्परता दिख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। ऐसे लोगो के साथ क्या सलूक किया जाए यह दोनों समुदाय साथ बैठकर तय करे। बाड़मेर जिले में सद्भावना और भाई चारे की बाते करने वाले इस घटना को लेकर क्या सोचते है।क्या ये उनका दायित्व नही है।।जिले की सद्भावना खराब होने के मोड़ पर खड़ी है।।इस मासूम बालिका को न्याय दिलाने के लिए साम्प्रदायिक सद्भाव कमिटियों और हिन्दू मुस्लिम भाईचारा कमिटियों को अब आगे आकर अपराधी के खिलाफ कार्यवाही और मासूम को न्याय की मांग करनी चाहिए।।बाकी जिले के लोग तो अपनी बेटी के लिए न्याय के लिए लड़ेंगे ही। राष्ट्रवाद ,और देशभक्ति,भाईचारा ,सद्भावना की बाते टेबलों और बैठकों में करने वालो को अब जाति ,धर्म को तिलांजलि देकर मासूम के समर्थन में आगे आकर जनता के सहयोग से न्याय की मांग करनी चाहिए।नही तो इन कमिटियों का कोई औचित्य नही।*
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