विश्व महिला दिवस पर विशेष तेल क्षत्रों की सुरक्षा महिला शक्ति से मजबूत
बाड़मेर। देश के घरेलू तेल उत्पादन में लगभग एक चौथाई का योगदान देने वाले थार रेगिस्तान के तेल क्षेत्रों की सुरक्षा अब महिला सुरक्षा कर्मियों के साथ अधिक मजबूत हो गई है। सामान्य तौर पर पुरुषों के एकाधिकार समझे जाने वाले ऑयल फ़ील्ड्स में सिक्योरिटी के मामले में भी महिलाओं की मौजूदगी के कारण बाड़मेर ने एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। विशेष बात ये भी है कि हाल ही में यहाँ सुरक्षा टीम में जुड़ने वाली सभी महिलाएँ थार क्षेत्र की मूल निवासी हैं।
केयर्न ऑयल एंड गैस- वेदान्ता द्वारा संचालित इन तेल और गैस क्षेत्रों में इन दिनों महिला शक्ति का बढ़ता प्रभुत्व साफ़ नज़र आता है। दुनिया भर में एयर फोर्स की तरह ऑयल सेक्टर को भी पुरुष प्रधान इंडस्ट्री की श्रेणी में माना जाता है। लेकिन आम तौर पर बालिका भ्रूण हत्या और बिगड़ते लिंगानुपात के लिए सुर्खियों में रहने वाले थार क्षेत्र ने इस मामले में अनुकरणीय पहल की है।
2009 में तेल उत्पादन आरम्भ होने से ले कर अब तक, अलग-अलग कार्यों में महिलाओं ने यहाँ उपलब्ध रोज़गार अवसरों का लाभ उठाया। शुरूआती दौर में ऑफिस वर्क और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी जैसे विभागों में उनकी उपस्थिति थी वहीँ धीरे-धीरे उन्हें फील्ड ड्यूटी के कामों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवा ली। पेट्रोलियम इंजीनियर और फील्ड सुपरवाइजर जैसे कामों में थार के तपते वातावरण में इन्हें सहजता से काम में जुटे देखा जा सकता है।
इस श्रृंखला में ताज़ा कड़ी हाल ही में तब जुड़ गई जब बीआईएस सिक्योरिटी एजेंसी के माध्यम से बाड़मेर की महिलाओं ने सुरक्षाकर्मी के रूप में यहाँ कार्य करना आरम्भ किया। आज देश के सबसे बड़े ज़मीनी तेल प्रसंस्करण संयंत्र- मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल के अलग अलग स्थानों पर महिला सिक्योरिटी गार्ड्स मुस्तैद हैं।
इन्हीं में से एक, बायतु निवासी मोरा देवी गर्व से बताती हैं कि उन्हें आयल फ़ील्ड्स में ड्यूटी के दौरान सुरक्षा प्रावधानों की निगरानी करना और लोगों को इनकी जानकारी देना बहुत अच्छा लगता है।
गाँव माडपुरा बरवाला निवासी मदन बताती हैं कि कार्य करने के दौरान ये भी जानने को मिलता है की ग्लोबल कम्पनीज में कार्य शैली कैसी होती है। वे कहती हैं: "यहाँ हम सभी को समान रूप से आगे बढ़ने का मौका मिलता है। अपनी ड्यूटी अनुशासन के साथ निभाना में अपना फ़र्ज़ समझती हूँ।"
इसी तरह सिक्योरिटी स्कैनर ऑपरेटर जमना चौधरी विश्वास जताती हैं कि थार की महिलाओं पर सुरक्षा की जो अहम् जिम्मेदारी है वे उसमे सजगता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ खरी उतरेंगी।
बाड़मेर। देश के घरेलू तेल उत्पादन में लगभग एक चौथाई का योगदान देने वाले थार रेगिस्तान के तेल क्षेत्रों की सुरक्षा अब महिला सुरक्षा कर्मियों के साथ अधिक मजबूत हो गई है। सामान्य तौर पर पुरुषों के एकाधिकार समझे जाने वाले ऑयल फ़ील्ड्स में सिक्योरिटी के मामले में भी महिलाओं की मौजूदगी के कारण बाड़मेर ने एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। विशेष बात ये भी है कि हाल ही में यहाँ सुरक्षा टीम में जुड़ने वाली सभी महिलाएँ थार क्षेत्र की मूल निवासी हैं।
केयर्न ऑयल एंड गैस- वेदान्ता द्वारा संचालित इन तेल और गैस क्षेत्रों में इन दिनों महिला शक्ति का बढ़ता प्रभुत्व साफ़ नज़र आता है। दुनिया भर में एयर फोर्स की तरह ऑयल सेक्टर को भी पुरुष प्रधान इंडस्ट्री की श्रेणी में माना जाता है। लेकिन आम तौर पर बालिका भ्रूण हत्या और बिगड़ते लिंगानुपात के लिए सुर्खियों में रहने वाले थार क्षेत्र ने इस मामले में अनुकरणीय पहल की है।
2009 में तेल उत्पादन आरम्भ होने से ले कर अब तक, अलग-अलग कार्यों में महिलाओं ने यहाँ उपलब्ध रोज़गार अवसरों का लाभ उठाया। शुरूआती दौर में ऑफिस वर्क और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी जैसे विभागों में उनकी उपस्थिति थी वहीँ धीरे-धीरे उन्हें फील्ड ड्यूटी के कामों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवा ली। पेट्रोलियम इंजीनियर और फील्ड सुपरवाइजर जैसे कामों में थार के तपते वातावरण में इन्हें सहजता से काम में जुटे देखा जा सकता है।
इस श्रृंखला में ताज़ा कड़ी हाल ही में तब जुड़ गई जब बीआईएस सिक्योरिटी एजेंसी के माध्यम से बाड़मेर की महिलाओं ने सुरक्षाकर्मी के रूप में यहाँ कार्य करना आरम्भ किया। आज देश के सबसे बड़े ज़मीनी तेल प्रसंस्करण संयंत्र- मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल के अलग अलग स्थानों पर महिला सिक्योरिटी गार्ड्स मुस्तैद हैं।
इन्हीं में से एक, बायतु निवासी मोरा देवी गर्व से बताती हैं कि उन्हें आयल फ़ील्ड्स में ड्यूटी के दौरान सुरक्षा प्रावधानों की निगरानी करना और लोगों को इनकी जानकारी देना बहुत अच्छा लगता है।
गाँव माडपुरा बरवाला निवासी मदन बताती हैं कि कार्य करने के दौरान ये भी जानने को मिलता है की ग्लोबल कम्पनीज में कार्य शैली कैसी होती है। वे कहती हैं: "यहाँ हम सभी को समान रूप से आगे बढ़ने का मौका मिलता है। अपनी ड्यूटी अनुशासन के साथ निभाना में अपना फ़र्ज़ समझती हूँ।"
इसी तरह सिक्योरिटी स्कैनर ऑपरेटर जमना चौधरी विश्वास जताती हैं कि थार की महिलाओं पर सुरक्षा की जो अहम् जिम्मेदारी है वे उसमे सजगता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ खरी उतरेंगी।
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