राजस्थान में भी अब नाबालिग से दुष्कर्म के दोषियों को होगी फांसी, बिल पास
राजस्थान में अब अगर कोई शख्स 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करता है, तो उसे फांसी की सजा हो सकती है। सरकार ने बलात्कार के मामलों में दोषी लोगों के लिए मौत की सजा के लिए संशोधन बिल पारित कर दिया है।
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हमने इस मामले में दो संशोधन किए हैं। 12 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के खिलाफ अपराधों में दोषी व्यक्तियों के लिए मृत्युदंड और आजीवन कारावास को जोड़ा गया है। एक प्रावधान यह भी दिया गया कि अपराधी 14 साल की सजा पूरी करने के बाद भी जीवनभर जेल से बाहर नहीं निकल सकता।
मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान अब देश का दूसरा राज्य बन गया है, जहां दुष्कर्म के दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। मध्य प्रदेश में 12 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म होने पर फांसी की सजा का प्रावधान होने के बाद अब राजस्थान में भी ऐसे ही कानून को पास करा किया है। सरकार का मानना है कि इस बिल के पास होने पर अब ना सिर्फ बलात्कार की घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों को कड़ी सजा भी दिलाई जा सकेगी।गौरतलब है कि 4 दिसंबर 2017 को मध्यप्रदेश की विधानसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक को पास किया गया था। इस बिल के अनुसार राज्य में 12 साल तक की बच्ची के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामले में फांसी तक की सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया। इसके साथ ही इस बिल में विवाह का झांसा देकर संबंध बनाने और उसके खिलाफ शिकायत प्रमाणित होने पर तीन साल कारावास की सजा का प्रावधान भी किया गया था।
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