बुधवार, 31 जनवरी 2018

जैसलमेर सम के धोरो पर बही लोक संस्कृति की सरिताएं, उमडा पर्यटन का ज्वार






सम में भव्य आतिषबाजी के साथ मरू महोत्सव का समापन

जैसलमेर सम के धोरो पर बही लोक संस्कृति की सरिताएं, उमडा पर्यटन का ज्वार


जैसलमेर के विख्यात कलाकार क्वीन हरीष ने पर्दा-पर्दा गीता पर शानदार किया नृत्य

जैसलमेर, 31 जनवरी। विष्व विख्यात मरू महोत्सव का समापन बुधवार, 31 जनवरी को सम के लहरदार रेतीले धोरों पर माघ पूर्णिमा को भव्य लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं शानदार आतिषबाजी के साथ हो गया। समापन समारोह में जिला कलक्टर कैलाष चन्द मीना, जिला एवं सत्र न्यायाधीष मदनलाल भाटी के आतिथ्य में जिले के प्रषासनिक अधिकारी एवं हजारों की संख्या में देषी विदेषी सैलानी उपस्थिति में सांस्कृतिक संध्या में चार चाँद लग गए।

सांस्कृति सांझ में जैसलमेर के अन्र्तराष्ट्रीय लोक कलाकार क्वीन हरीष जिसने इण्डियाज गाॅट टेलेण्ट में भी अपनी शानदार प्रस्तुती उसी कलाकार ने ‘‘ पर्दा-पर्दा ‘‘ गीत पर शानदार नृत्य की प्रस्तुती कर दर्षकों की वाहवाही लूटी। कई देषांे में सूफी कलाम की अपनी अमीट छोड चुके जैसलमेर दबडी के विख्यात कलाकार सावणखां व उसकी पार्टी ने सूफी कलाम ‘‘ रंगीरंग ‘‘ पीरसा कलाम पेष कर दर्षकों को सूफी संगीत से मोहित कर दिया।

भरतपुर के ख्यातनाम लोक कलाकार अषोक कुमार एवं उनके दल द्वारा राधा कृष्ण द्वारा होली के अवसर पर खेली जाने वाली फूलों की होली सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती कर सभी दर्षकों को होली के रंग में रंग दिया।

सांस्कृतिक संध्या में जोधपुर की ख्यातनाम कालबेलिया कलाकार पारसनाथ एवं उसकी कालबेलिया नृत्यागंनाओं ने ‘‘ कालियों कूद पडियों मेला में साइकिल पंचर कर लायो ‘‘ गीत पर कालबेलिया समूह नृत्य की शानदार प्रस्तुती दी गई जिसका दर्षकों ने भरपूर आनन्द उठाया। इस सांझ में रामगढ के ख्यातनाम कलाकार उदाराम ने ‘‘ चिरमी म्हारी लाडली, चिरमी रा डाला चार ‘‘ गीत पर अग्नि तराजू नृत्य की इतनी शानदार प्रस्तुती की कि सभी दर्षक अंचभित रह गए। उन्होंनंे तराजू को तेज गति से धूमाकर संतुलन का शानदार प्रदर्षन किया। इस सांझ में जानरा के अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातनाम कलाकार थानेखां ने ‘‘ दमादम मस्त कलंदर अलीजा पहला नंबर ‘‘ गीत की प्रस्तुती की ।

सम के धोरों पर इस सांस्कृतिक सांझ में मालासर के महंत रूगनाथ एण्ड उनके साथियों ने जसनाथी संप्रदाय का गीत ‘‘ सतगुरू सिवरों मीपणा ‘‘ भजन पर अंगारांे पर खुले पांव पर अग्नि नृत्य प्रस्तुत कर दर्षकों के रोंगटें खडे करा दिए। इस सांझ में पादरला के गणेषादास एण्ड पार्टी ने ‘‘ रूणेचा रा राजा अजमली रा कवरा हेलो म्हारों सुनों नी ‘‘ भजन पर तेराहताली की शानदार प्रस्तुती की। इस सांझ की शुरूआत जोधपुर के राजेन्द्र परिहार ने शहनाई वादन से की।

सांस्कृतिक समारोह के दौरान सम के धोरो पर जिधर नजर मारो वहां दर्षक ही नजर आ रहे थे। सांस्कृतिक सांझ की आकाषवाणी के उद्घोषक जफर खां सिंधी ने अपनी खनकती आवाज में कार्यक्रम का संचालन किया एवं उनकी खूबियों के बारे में दर्षकों को अवगत कराया। अंग्रेजी उदघोषक गुलनाज ने अंग्रेजी में उदघोषणा कर विेदषी पर्यटकों को भारतीय लोक संस्कृति से अवगत कराया। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर के.एल.स्वामी, उपखंड अधिकारी हंसमुख कुमार, तहसीलदार वीरेन्द्रसिंह, उप अधीक्षक पुलिस मांगीलाल केसाथ ही सम एवं आस पास के ग्रामीणजन भी उपस्थित थें। समापन समारोह के अवसर पर शानदार रंग बिरंगी आकाष में आतिषबाजी की गई जिसका दर्षकों ने लुत्फ उठाया एवं सबकी नजरे आकाष की तरफ रहीं।



शानदार रहीं पंतगबाजी

सम के धोरों पर जोधपुर पर असलम बेलीम ने शानदार पतंगबाजी का प्रदर्षन किया। उन्होंनंे इस पतंगबाजी में ताजमहल, हवाईजहाज, ड्रेगन, पैराफायल 50 मीटर का पतंग, 30 फीट की रैड फीस के साथ ही सांझ में एलईडी 95 लगी 15 प्रकार की पतंगें उडाई, जिसमें एंग्री बर्ड, स्टार बटरफ्लाई, डबल हार्ट थी। इस रंग बिरंगी रोषनी की पंतगबाजी को दर्षकों ने भी खुब लुत्फ उठाया एवं उसके नजारे को देखा।

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