राजस्थान के राजपूतों को खुश करने के लिए पीएम मोदी ने स्वर्गीय शेखावत से लेकर पूर्व मंत्री जसवंत सिंह तक के नामों का उल्लेख किया।
सीएम राजे पर भी किया शानदार कटाक्ष।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी अब इस बात का अहसास हो गया है कि राजस्थान में राजपूत समाज राज्य की भाजपा सरकार से नाराज है और इसका असर तीन उपचुनावों के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। यही वजह रही कि 16 जनवरी को बाड़मेर में रिफाइनरी के कार्यों की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान की धरती इतिहास पुरुषों की धरती है। यहां के वीरों के बलिदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता। पूर्व सीएम स्वर्गीय भैरो सिंह शेखावत को आधुनिक राजस्थान का निर्माता बताते हुए पीएम ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री और लम्बे अर्से से बीमार चल रहे जसवंत सिंह को भी याद किया। पीएम ने कहा कि आओ हम सब मिलकर प्रार्थना करे की जसवंत सिंह जी जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाए और उनका अनुभव देश के काम आ सके। पीएम ने बाड़मेर के शहीद मेजर दलपत सिंह शेखावत को भी याद किया। उन्होंने कहा कि प्रथम विश्वयुद्ध मंे दलपत सिंह इजराइल की उस सेना में शामिल थे, जिसने हाइफा को आजाद करवाया। दलपत सिंह की याद में दिल्ली में तीन मूर्ति चैक बना हुआ है। यही वजह रही कि 14 जनवरी को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू दिल्ली आए तो हम दोनों ने तीन मूर्ति चैक जाकर दलपत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम ने अपने भाषण में जिस तरह से राजपूत नेताओं को याद किया उससे साफ लग रहा था कि वे राजस्थान में राजपूत समाज की ताकत को समझते हैं। मोदी को इस बात का भी अहसास रहा कि राजपूत समाज परंपरागत तौर पर भाजपा के साथ है। यदि किन्हीं कारणों से समाज के लोगों में कोई नाराजगी है तो उसे दूर किया जाना चाहिए। राजस्थान की राजनीति को जानने वाले यह जानते हैं कि स्वर्गीय शेखावत और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह से भी सीएम वसुंधरा राजे का विवाद रहा और अब तो अनेक राजपूत संगठनों ने उपचुनावों में कांग्रेस को खुला समर्थन देने की घोषणा कर दी है। ऐसे में पीएम मोदी का बयान राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
सीएम पर कटाक्षः
अपने भाषण में पीएम मोदी ने राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे पर भी अपने अंदाज से कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि वसुंधरा जी में राजपरिवार के संस्कार तो हैं पर राजस्थान का पानी पीने के कारण मारवाड़ी वाले संस्कार भी आ गए हैं। बाड़मेर में रिफाइनरी को लगवाने में वसुंधरा जी ने भारत सरकार को चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यही वजह है कि हाल ही में राज्य सरकार से समझौता हुआ है उसमें भारत सरकार को 40 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं वसुंधरा राजे को इस बात की बधाई देता हंू कि उन्होंने राजस्थान के पैसे बचाए हैं। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के शासन में ही संभव है जब कोई राज्य का मुख्यमंत्री अपने राज्य के हित की बातों को मनवा सकता है।
सीएम राजे पर भी किया शानदार कटाक्ष।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी अब इस बात का अहसास हो गया है कि राजस्थान में राजपूत समाज राज्य की भाजपा सरकार से नाराज है और इसका असर तीन उपचुनावों के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। यही वजह रही कि 16 जनवरी को बाड़मेर में रिफाइनरी के कार्यों की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान की धरती इतिहास पुरुषों की धरती है। यहां के वीरों के बलिदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता। पूर्व सीएम स्वर्गीय भैरो सिंह शेखावत को आधुनिक राजस्थान का निर्माता बताते हुए पीएम ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री और लम्बे अर्से से बीमार चल रहे जसवंत सिंह को भी याद किया। पीएम ने कहा कि आओ हम सब मिलकर प्रार्थना करे की जसवंत सिंह जी जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाए और उनका अनुभव देश के काम आ सके। पीएम ने बाड़मेर के शहीद मेजर दलपत सिंह शेखावत को भी याद किया। उन्होंने कहा कि प्रथम विश्वयुद्ध मंे दलपत सिंह इजराइल की उस सेना में शामिल थे, जिसने हाइफा को आजाद करवाया। दलपत सिंह की याद में दिल्ली में तीन मूर्ति चैक बना हुआ है। यही वजह रही कि 14 जनवरी को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू दिल्ली आए तो हम दोनों ने तीन मूर्ति चैक जाकर दलपत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम ने अपने भाषण में जिस तरह से राजपूत नेताओं को याद किया उससे साफ लग रहा था कि वे राजस्थान में राजपूत समाज की ताकत को समझते हैं। मोदी को इस बात का भी अहसास रहा कि राजपूत समाज परंपरागत तौर पर भाजपा के साथ है। यदि किन्हीं कारणों से समाज के लोगों में कोई नाराजगी है तो उसे दूर किया जाना चाहिए। राजस्थान की राजनीति को जानने वाले यह जानते हैं कि स्वर्गीय शेखावत और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह से भी सीएम वसुंधरा राजे का विवाद रहा और अब तो अनेक राजपूत संगठनों ने उपचुनावों में कांग्रेस को खुला समर्थन देने की घोषणा कर दी है। ऐसे में पीएम मोदी का बयान राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
सीएम पर कटाक्षः
अपने भाषण में पीएम मोदी ने राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे पर भी अपने अंदाज से कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि वसुंधरा जी में राजपरिवार के संस्कार तो हैं पर राजस्थान का पानी पीने के कारण मारवाड़ी वाले संस्कार भी आ गए हैं। बाड़मेर में रिफाइनरी को लगवाने में वसुंधरा जी ने भारत सरकार को चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यही वजह है कि हाल ही में राज्य सरकार से समझौता हुआ है उसमें भारत सरकार को 40 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं वसुंधरा राजे को इस बात की बधाई देता हंू कि उन्होंने राजस्थान के पैसे बचाए हैं। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के शासन में ही संभव है जब कोई राज्य का मुख्यमंत्री अपने राज्य के हित की बातों को मनवा सकता है।
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