अस्पताल से पति का शव ठेले पर रख ले गई पत्नी, पहली बार लोगों ने देखा ऐसा
रायपुर. राजधानी में बुधवार देर रात एक शख्स की एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह करीब एक माह से भर्ती था। पत्नी को पति का शव सुबह करीब 11 बजे मिला। उसने शव वहां ले जाने के लिए वाहन मांगा, लेकिन नहीं मिला। बदहवास महिला देर तक अस्पताल परिसर में मदद के लिए भटकती रही। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो वहीं रखे हाथ ठेले पर उसने शव रखवाया और निकल गई। राजधानी के लोगों ने संभवत: पहली बार ठेले पर शव देखा। महिला पूरे रास्ते में लोगों से मदद मांगती रही, लेकिन किसी ने उसकी सहायता नहीं की। किसी सरकारी एजेंसी की भी नजर उस पर नहीं पड़ी।
ठेलेवाले ने मजबूरी देख की मदद
महिला ने बताया कि संजय शर्मा समता कॉलोनी में पत्थर को पावडर बनाने वाली फैक्ट्री में काम करता था। उसकी धूल की वजह से संजय के फेफड़े खराब हो गए थे। इलाज के लिए उसने कई जगह हाथ फैलाए, लेकिन मदद नहीं मिली। एम्स प्रबंधन ने औपचारिकता पूरी कर शव सौंप दिया। लेकिन शव घर तक ले जाने के लिए मेरे पास साधन नहीं था। परिसर में मैंने शव वाहनों के ड्राइवरों से मदद मांगी, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। एम्स कैंपस के बाहर आई तो एक हाथ ठेला दिखा, वह मदद के लिए तैयार हो गया। लोगों की मदद से शव ठेले पर रखवाया और समता कॉलोनी तक आई।
खदान मालिकों नेभी नहीं की मदद
- मृतक संजय हीरापुर स्थित पत्थर खदान में काम करता था। यह खदान सिंघानिया की है। इसी दौरान सालभर पहले उसे सिलिकोसिस की शिकायत हुई। बीमारी की वजह से संजय की नौकरी चली गई। पत्नी मधु ने बताया कि किसी तरह उसने पति का इलाज करवाया और छह साल की बच्ची का पालन-पोषण भी किया।
- जिस वक्त उसे पति का शव सौंपा गया, उसके पास इसे श्मशानघाट तक ले जाने के पैसे नहीं थे। इसीलिए वह ठेले में उसका शव लेकर उद्योगपति के बंगले पहुंच गई, जो समता कालोनी में गरबा मैदान के सामने है।
- पति मृत्यु के बाद उसका शव लेकर सिंघानिया के समता कालोनी स्थित निवास पर मदद मांगने पहुंची मधु शर्मा को बंगले में इकट्ठा लोगों ने मदद करने के बजाय वहां से खदेड़ दिया। शव के साथ महिला के वहां पहुंचने के बाद काफी देर तक हंगामा मचा और पुलिस भी बुला ली गई।
- चश्मदीदों के मुताबिक, उद्योगपति ने महिला की मदद से ये कहकर इंकार किया कि इलाज में पहले ही मदद की जा चुकी है। इस दौरान मौके पर पहुंचे मीडियाकर्मियों से भी झूमाझटकी हो गई।
- पुलिस के वहां पहुंचने के बाद आसपास के लोगों ने पैसे इकट्ठा करके महिला को शव ले जाने के लिए आॅटो दिलवाया। मधु अपने पति का शव लेकर आरकेसी से सामने काफी देर रुकी रही। फिर कुछ परिजनों के साथ अंतिम संस्कार के लिए शव को वहीं से महादेवघाट ले जाया गया।
(इस मामले में भास्कर ने साकेत सिंघानियां से उनके मोबाइल नंबर 75099-22922 पर शाम से रात तक संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन यह फोन रात 10 बजे तक रिसीव नहीं किया गया।)
सीधी बात : डॉ. अजय दानी, मेडिकल अधीक्षक एम्स
सवाल- एम्स जैसे संस्थान ने शव वाहन नहीं दिया, क्यों?
जवाब- महिला ने बेमेतरा जाने के लिए वाहन मांगा था। इसका नियम नहीं है।
सवाल- तो क्या शव वाहन देने के लिए भी नियम बने हुए हैं?
जवाब- निगम सीमा में शव ले जाने के लिए एम्स मुफ्त में वाहन देता है।
सवाल- लेकिन महिला का कहना है कि उसने समता कॉलोनी जाने के लिए कहा था?
जवाब- महिला अपनी बात ठीक से नहीं रख पाई होगी। समता काॅलोनी के लिए तो वाहन देते ही।
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