शुक्रवार, 19 जनवरी 2018

बाड़मेर सेना एवं वायुसेना ने हमेशा विजयी युद्वाभ्यास मंे दिखाई ताकत



बाड़मेर सेना एवं वायुसेना ने हमेशा विजयी युद्वाभ्यास मंे दिखाई ताकत
-दक्षिण कमान सेना की ओर से आयोजित युद्वाभ्यास मंे शामिल हुए तीस हजार जवान।
बाड़मेर, 22 दिसंबर। भारतीय सेना की दक्षिण कमान की ओर से पश्चिमी सीमा के रेगिस्तानी क्षेत्रों में युद्धाभ्यास हमेशा विजयी के तहत जवानांे ने दुश्मनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। युद्धाभ्यास के दौरान सेना और वायुसेना ने एकीकृत रूप से अपना दमखम दिखाया। वहीं वायुसेना के जांबाजो ने पैरा ड्रोपिंग की शानदार झलक पेश की।

पश्चिमी सीमा पर शुक्रवार को थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की मौजूदगी मंे हमेशा विजयी युद्वाभ्यास का समापन हुआ। सर्वलेन्स और नेटवर्क केन्द्रियता पर बल देते हुए अनेक हवाई और भूमि आधारित सर्वलेन्स उपकरण लगाए गए। ताकि उनसे सूचना प्राप्त करके कमाण्डरों को बड़े पैमाने पर जानकारी दी जा सके। इसके अतिरिक्त कई इलैक्टर््ोनिक युद्ध उपकरण और नए युग के अन्य फोर्स मल्टीप्लायर्स तकनीक में शामिल किए गए, ताकि विरोधी के बारे में प्राप्त सूचना के उपर शीघ्र अति शीघ्र कार्यवाही की जा सके। इस दौरान मध्यम और लम्बी दूरी के हथियारों के साथ-साथ वायु शक्ति का प्रयोग दुश्मन को नेस्तनाबूत करने के लिए किया गया। इस युद्धाभ्यास में सेना तथा वायु सेना ने एक साथ काम कर एकजुटता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया। प्रशिक्षण मंे सेना और वायुसेना ने संयुक्त तौर पर टैंक और बख्तरबंद गाडि़यां और विमानों का इस्तेमाल किया। इस दौरान सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बताया कि इसमें सेना और वायुसेना की ओर से एकीकृत रूप से दुश्मन के क्षेत्रों की गहराई में जाकर सशस्त्र बलों की क्षमता को आंका गया। रक्षा विभाग के प्रवक्ता ले. कर्नल मनीष ओझा के अनुसार युद्धाभ्यास में सर्विलेंस नेटवर्क की मदद से सटीक हमले और संयुक्त संचालन पर आधारित रणनीतिक और सामरिक उपकरणों का परीक्षण करने के साथ सैनिकों को रासायनिक और हवाई हमले के बारे में प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान अभ्यास को बारीकी से देखने के बाद सेनाध्यक्ष ने सेना को युद्ध की तैयारी और ऑपरेषनल युद्धाभ्यास के साथ योजना बनाने के लिए सराहना की। उन्हांेने अभ्यास के दौरान सैनिकों की ओर से प्राप्त उच्चतम प्रशिक्षण के लिए सेना की प्रशंसा की। दक्षिण कमान के आर्मी कमाण्डर लेफ्टिलेट जनरल डी आर सोनी ने बताया कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण पहलुओं का परीक्षण किया गया। यह प्रशिक्षण सेना की ऑपरेशनल योजनाओं और कार्य प्रणालियों को सरल एवं कारगर बनाएगी। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि दक्षिण कमान की सेना के कौशल पर उन्हें विश्वास है तथा किसी भी परिस्थिति में आवश्यकता पड़ने पर वह अपने साहस का परिचय देगी।

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