शुक्रवार, 19 जनवरी 2018

जब भी मिलते कहते मैं एक दिन चला जाऊंगा, कभी आकर जो कुछ मेरे पास है समेट लो.................

जब भी मिलते कहते मैं एक दिन चला जाऊंगा, कभी आकर जो कुछ मेरे पास है समेट लो.................


बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक परिवार थार के वरिष्ठ छायाकार स्व अमरलाल जी बारोलिया को सादर श्रद्धंजलि अर्पित करता है।

@ मदन बारूपाल की कलम से ....................



जब भी मिलते कहते मैं एक दिन चला जाऊंगा, कभी आकर जो कुछ मेरे पास है समेट लो। फिर कुछ नहीं रहेगा। सोचा था कभी फुर्सत से मिलकर उनकी जानकारी बटोरेंगे। बाकायदा वीडियो रिकार्डिग भी करेंगे। कुछ परिस्थितियां और कुछ व्यस्तता ऐसी रही कि ऐसा नहीं हो पाया। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियो में  व्यस्त थे, सुबह उनकी बेटी का फोन आया कि पापा नहीं रहे। उनकी अंतिम यात्रा प्रातः 9.30 बजे निकाली जाएगी। सन्न रह गया, एक जिन्दा दिल इंसान की विदाई इस कदर। बस रह गया अफसोस और उनके जुड़ी विभिन्न यादें। जो समेटना था न समेट पाए, बस जो कहा था, वो हो गया। यह वाकया जुड़ा है किसी जमाने में बाड़मेर के वरिष्ठ छायाकार रहे अमरलाल जी का।

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किसी जमाने में बाड़मेर में फोटोग्राफी के पर्याय रहे अमरलाल बारोलिया आज हमारे बीच नहीं है। बड़े से बड़ा कार्यक्रम हो अथवा कोई सरकारी आयोजन, उनके बगैर अधूरा माना जाता था। उनकी इस कदर गुमनाम विदाई होगी, यकीं नहीं था। इससे भी बड़ी अनदेखी क्या होगी, जिसने अपना जीवन फोटोग्राफी को समर्पित कर दिया, उनकी अंतिम विदाई को लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एक भी लाइन नहीं। यह वहीं शख्स था, जिसका बाड़मेर के प्रत्येक दैनिक समाचार पत्र के स्टाफ को करीब 15-20 साल तक तकरीबन इंतजार रहता था। प्रेसनोट भले ही फैक्स से आ जाते हो, लेकिन इनकी फोटो के बिना समाचार अधूरा माना जाता था। फोटोग्राफी में मास्टरी कहूं या उनकी कला, अपनी फोटोग्राफी के एगल के लिए मुख्यमंत्री तक को रोक देते, बस सीधी भाषा में कह देते, सर एक मिनट रूक जाइए। अपने पत्रकारिता के केरियर में अक्सर उनको दौड़ते देखा, परिवार की चिंता के बावजूद उम्र के आखिरी पडाव तक काम करने की मशक्कत। भारत-पाक युद्व हो अथवा बाड़मेर जिले से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक क्षण, जो उनके कार्यकाल के दौर में घटा हो,शायद उनके पास उससे जुड़ा फोटो नहीं हो, ऐसा नहीं कहा जा सकता। पिछले दो दिन से कुछ लिखने का सोच रहा था, लेकिन हिम्मत जुटा नहीं पाया। आपसे जुड़ी कई यादें जिनको लिखना संभव नहीं। फिर भी हमे आपकी सक्रियता और काम के प्रति समर्पण की भावना सदैव प्रेरित करती रहेगी। शत शत नमन। अमिट यादें..........बस आपका बाड़मेर के प्रति योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा । अश्रूपूरित श्रद्धंजलि ।

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