फेसबुक पर हुआ प्रेम, फिर शादी, अब हाईकोर्ट ने इसलिए दी तलाक लेने की सलाह
अहमदाबाद सोशल मीडिया के जरिये युवाओं में प्रेम संबंधों और शादियों तक का चलन बढ़ने के बीच गुजरात हाई कोर्ट ने दिलचस्प टिप्पणी की है। जस्टिस जेबी पार्डीवाला ने एक जोड़े को तलाक लेने की सलाह देते हुए कहा है कि फेसबुक पर तय होने वाली शादियों का टूटना निश्चित है। इसी 24 जनवरी को घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के एक मामले का निपटारा करते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की।
राजकोट की रहने वाली फैंसी शाह फेसबुक के जरिये 2011 में जयदीप शाह के संपर्क में आई। नवसारी का रहने वाला जयदीप उन दिनों इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। फरवरी 2015 में दोनों ने अपने परिवार वालों की रजामंदी से विवाह कर लिया। हालांकि, दो महीने बाद ही उनमें खटपट होने लगी।
फैंसी ने अपने पति जयदीप, उसके भाई पीयूष और सास-ससुर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवा दी। इसमें उसने घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया। जयदीप और उसके परिजन 2016 में अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद करवाने के लिए हाई कोर्ट पहुंचे। इस पर न्यायमूर्ति पार्डीवाला ने फैंसी और जयदीप से अपनी शादी तोड़कर आगे बढ़ने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा, 'मेरा विचार है कि दोनों पक्षों को आपसी सहमति से विवाह खत्म करने की संभावना के बारे में सोचना चाहिए। अभी पति-पत्नी दोनों युवा हैं और वे भविष्य के अन्य विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।' उन्होंने सास-ससुर के खिलाफ तो आरोपों को रद कर दिया, लेकिन पति को राहत देने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि जयदीप के खिलाफ कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी।
अहमदाबाद सोशल मीडिया के जरिये युवाओं में प्रेम संबंधों और शादियों तक का चलन बढ़ने के बीच गुजरात हाई कोर्ट ने दिलचस्प टिप्पणी की है। जस्टिस जेबी पार्डीवाला ने एक जोड़े को तलाक लेने की सलाह देते हुए कहा है कि फेसबुक पर तय होने वाली शादियों का टूटना निश्चित है। इसी 24 जनवरी को घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के एक मामले का निपटारा करते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की।
राजकोट की रहने वाली फैंसी शाह फेसबुक के जरिये 2011 में जयदीप शाह के संपर्क में आई। नवसारी का रहने वाला जयदीप उन दिनों इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। फरवरी 2015 में दोनों ने अपने परिवार वालों की रजामंदी से विवाह कर लिया। हालांकि, दो महीने बाद ही उनमें खटपट होने लगी।
फैंसी ने अपने पति जयदीप, उसके भाई पीयूष और सास-ससुर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवा दी। इसमें उसने घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया। जयदीप और उसके परिजन 2016 में अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद करवाने के लिए हाई कोर्ट पहुंचे। इस पर न्यायमूर्ति पार्डीवाला ने फैंसी और जयदीप से अपनी शादी तोड़कर आगे बढ़ने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा, 'मेरा विचार है कि दोनों पक्षों को आपसी सहमति से विवाह खत्म करने की संभावना के बारे में सोचना चाहिए। अभी पति-पत्नी दोनों युवा हैं और वे भविष्य के अन्य विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।' उन्होंने सास-ससुर के खिलाफ तो आरोपों को रद कर दिया, लेकिन पति को राहत देने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि जयदीप के खिलाफ कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी।
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