बाड़मेर रेगिस्तानी इलाके में खमीशा खान के ट्री हाउस लोकप्रिय रहे ,गर्मी से दिलाते निजात
राजस्थान के रेतीले धोरों और लू के थपेड़ों से बचने के लिए एक परिवार ने पेड़ पर ही बसेरा बना लिया है. रेगिस्तानी जिले बाड़मेर के नींबासर गांव में एक ऐसा ही अनूठा मामला देखने को मिला है.
शिव उपखंड मुख्यालय के पास इस गांव के खामीशा खां ने धोरों के बीच ट्री-हाउस बनाया है. सुंदर बालकनी, बड़ी खिड़की और हटकर दिखने वाले इस घर को देखने लिए ग्रामीणाों का हुजूम उमड़ा रहता है.
खामीशा ने अपने खेत में एक खेजड़ी के पेड़ पर लकड़ी का यह अनूठा ट्री हाउस बनाया है. वो कहते हैं कि इस रेगिस्तानी इलाके में लकड़ी के घर में न तो गर्मियों के दिनों में चलने वाली आंधियों की आंगन में रेत के ढेर लगेंगे और गर्मी भी कम लगेगी.खामीशा के अनुसार उनका ये एक दरवाजे और तीन खिड़कियों वाला घर चार लोगों के लिए पर्याप्त है. इसे बनाने में दीवारों और छत के लिए भी केवल प्लाइवुड का इस्तेमाल किया है और इस पर चढ़ने के लिए सीढ़ी भी लकड़ी की ही बनाई है. इस घर को बनाने में करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च हुए हैं.
सोलर पावर से दूर होगी बिजली की कमी
12वीं क्लास तक पढ़े 30 वर्षीय खामीशा बताते हैं कि घर में गर्मी के दिनों में पंखे या कूलर की जरूरत महसूस नहीं हो रही है. इस घर में रोशनी के लिए सोलर पावर का इस्तेमाल करने वाले हैं
राजस्थान के रेतीले धोरों और लू के थपेड़ों से बचने के लिए एक परिवार ने पेड़ पर ही बसेरा बना लिया है. रेगिस्तानी जिले बाड़मेर के नींबासर गांव में एक ऐसा ही अनूठा मामला देखने को मिला है.
शिव उपखंड मुख्यालय के पास इस गांव के खामीशा खां ने धोरों के बीच ट्री-हाउस बनाया है. सुंदर बालकनी, बड़ी खिड़की और हटकर दिखने वाले इस घर को देखने लिए ग्रामीणाों का हुजूम उमड़ा रहता है.
खामीशा ने अपने खेत में एक खेजड़ी के पेड़ पर लकड़ी का यह अनूठा ट्री हाउस बनाया है. वो कहते हैं कि इस रेगिस्तानी इलाके में लकड़ी के घर में न तो गर्मियों के दिनों में चलने वाली आंधियों की आंगन में रेत के ढेर लगेंगे और गर्मी भी कम लगेगी.खामीशा के अनुसार उनका ये एक दरवाजे और तीन खिड़कियों वाला घर चार लोगों के लिए पर्याप्त है. इसे बनाने में दीवारों और छत के लिए भी केवल प्लाइवुड का इस्तेमाल किया है और इस पर चढ़ने के लिए सीढ़ी भी लकड़ी की ही बनाई है. इस घर को बनाने में करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च हुए हैं.
सोलर पावर से दूर होगी बिजली की कमी
12वीं क्लास तक पढ़े 30 वर्षीय खामीशा बताते हैं कि घर में गर्मी के दिनों में पंखे या कूलर की जरूरत महसूस नहीं हो रही है. इस घर में रोशनी के लिए सोलर पावर का इस्तेमाल करने वाले हैं
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