Pic देखे।। बाड़मेर। भारतीय सेना की दक्षिण कमान का ''हमेशा विजयी'' सयुंक्त सैन्य अभ्यास संपन्न
रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर
सेना एवं वायुसेना ने हमेशा विजयी युद्वाभ्यास में दिखाई ताकत
बाड़मेर। थार के रेगिस्तान में भारतीय सेना की दक्षिण कमान का चल रहा ''हमेशा विजयी'' सयुंक्त युद्धाभ्यास शुक्रवार को बाड़मेर में संपन्न गया। युद्धाभ्यास के दौरान सेना और वायुसेना ने एकीकृत रूप से अपना दमखम दिखाया। वहीं वायुसेना के जांबाजो ने पैरा ड्रोपिंग की शानदार झलक पेश की। सेना और एयरफोर्स के तीस हजार जांबाज जवानों ने अभ्यास भाग लिया। दोनों सेनाओं ने सयुंक्त रूप से इस अभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा किया। थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की मौजूदगी में ''हमेशा विजयी'' युद्धाभ्यास का समापन हुआ।
अभ्यास को बारीकी से देखने के बाद सेनाध्यक्ष ने सेना को युद्ध की तैयारी और ऑपरेशनल युद्धाभ्यास के साथ योजना बनाने के लिए सराहना की तथा अभ्यास के दौरान सैनिकों द्वारा प्राप्त उच्चतम प्रशिक्षण के लिए सेना की प्रशंसा की।
दक्षिण कमान के आर्मी कमाण्डर लेफ्टिलेट जनरल डी आर सोनी ने बताया कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण पहलुओं का परीक्षण किया गया। यह प्रशिक्षण सेना की ऑपरेशनल योजनाओं और कार्य प्रणालियों को सरल एवं कारगर बनाएगी। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि दक्षिण कमान की सेना के कौशल पर उन्हें विश्वास है तथा किसी भी परिस्थिति में आवश्यकता पड़ने पर वह अपने साहस का परिचय देगी।
दरअसल इस पूरे अभ्यास में सबसे ज्यादा इस बात पर ध्यान दिया गया कि बेहतर कोआर्डिनेशन और कम्युनिकेशन के संसाधनों का प्रयोग कर किस तरह से दुश्मनों के हमले पर तुरंत जवाब दिया जा सके। इसके लिए सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के संसाधनों का प्रयोग किया गया। इस युद्धाभ्यास में सेना तथा वायु सेना ने एक साथ काम कर एकजुटता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया।
अभ्यास को बारीकी से देखने के बाद सेनाध्यक्ष ने सेना को युद्ध की तैयारी और ऑपरेशनल युद्धाभ्यास के साथ योजना बनाने के लिए सराहना की तथा अभ्यास के दौरान सैनिकों द्वारा प्राप्त उच्चतम प्रशिक्षण के लिए सेना की प्रशंसा की।
दक्षिण कमान के आर्मी कमाण्डर लेफ्टिलेट जनरल डी आर सोनी ने बताया कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण पहलुओं का परीक्षण किया गया। यह प्रशिक्षण सेना की ऑपरेशनल योजनाओं और कार्य प्रणालियों को सरल एवं कारगर बनाएगी। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि दक्षिण कमान की सेना के कौशल पर उन्हें विश्वास है तथा किसी भी परिस्थिति में आवश्यकता पड़ने पर वह अपने साहस का परिचय देगी।
दरअसल इस पूरे अभ्यास में सबसे ज्यादा इस बात पर ध्यान दिया गया कि बेहतर कोआर्डिनेशन और कम्युनिकेशन के संसाधनों का प्रयोग कर किस तरह से दुश्मनों के हमले पर तुरंत जवाब दिया जा सके। इसके लिए सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के संसाधनों का प्रयोग किया गया। इस युद्धाभ्यास में सेना तथा वायु सेना ने एक साथ काम कर एकजुटता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया।
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